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| {{सूचना बक्सा राज्य | | {{सूचना बक्सा राज्य |
| |Image=Uttar Pradesh Map.jpg | | |Image=Uttar Pradesh Map.jpg |
− | |राजधानी=[[लखनऊ]], [[आगरा]] | + | |राजधानी=लखनऊ |
| |जनसंख्या=166,052,859 | | |जनसंख्या=166,052,859 |
| |घनत्व=689 | | |घनत्व=689 |
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| ईसा पूर्व छठी शताब्दी में उत्तर प्रदेश दो नए धर्मों - [[जैन]] और [[बौद्ध]] का विकास हुआ। [[बुद्ध]] ने अपना प्रथम उपदेश [[सारनाथ]] में दिया और [[बौध्द धर्म]] की शुरूआत की। उत्तर प्रदेश के ही [[कुशीनगर]] में उन्होंने निर्वाण प्राप्त किया। उत्तर प्रदेश के कई नगर जैसे- [[अयोध्या]], [[प्रयाग]], वाराणसी और [[मथुरा]] विद्या अध्ययन के लिए प्रसिद्ध केंद्र थे। [[मध्य काल]] में उत्तर प्रदेश मुस्लिम शासकों के अधीन हो गया था जिससे हिंदू और इस्लाम धर्मों के पास आने से एक नई मिली-जुली संस्कृति का विकास हुआ। [[तुलसीदास]], [[सूरदास]], [[रामानंद]] और उनके मुस्लिम शिष्य [[कबीर]] के अतिरिक्त अन्य कई संत पुरूषों ने हिन्दी और अन्य भाषाओं के विकास में अपना बहुमूल्य योगदान दिया। | | ईसा पूर्व छठी शताब्दी में उत्तर प्रदेश दो नए धर्मों - [[जैन]] और [[बौद्ध]] का विकास हुआ। [[बुद्ध]] ने अपना प्रथम उपदेश [[सारनाथ]] में दिया और [[बौध्द धर्म]] की शुरूआत की। उत्तर प्रदेश के ही [[कुशीनगर]] में उन्होंने निर्वाण प्राप्त किया। उत्तर प्रदेश के कई नगर जैसे- [[अयोध्या]], [[प्रयाग]], वाराणसी और [[मथुरा]] विद्या अध्ययन के लिए प्रसिद्ध केंद्र थे। [[मध्य काल]] में उत्तर प्रदेश मुस्लिम शासकों के अधीन हो गया था जिससे हिंदू और इस्लाम धर्मों के पास आने से एक नई मिली-जुली संस्कृति का विकास हुआ। [[तुलसीदास]], [[सूरदास]], [[रामानंद]] और उनके मुस्लिम शिष्य [[कबीर]] के अतिरिक्त अन्य कई संत पुरूषों ने हिन्दी और अन्य भाषाओं के विकास में अपना बहुमूल्य योगदान दिया। |
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− | उत्तर प्रदेश का इतिहास लगभग 4000 वर्ष पुराना है, जब आर्य यहाँ आये और [[वैदिक सभ्यता]] का आरम्भ हुआ, तभी से यहाँ का इतिहास मिलता है। आर्य [[सिन्धु नदी]] और [[सतलुज नदी]] के मैदानी भागों से [[यमुना नदी]] और [[गंगा नदी]] के मैदानी भाग की ओर बढ़े। इन्होंने यमुना और गंगा के मैदानी भाग और [[घाघरा नदी]] क्षेत्र को अपना घर बनाया। इन्हीं आर्यों के नाम पर भारत देश का नाम 'आर्यावर्त' अथवा 'भारतवर्ष' (भरत आर्यों के एक चक्रवर्ती राजा थे, जिनके नाम और ख्याति से यह देश भारतवर्ष के नाम से जाना गया) पड़ा। | + | उत्तर प्रदेश का इतिहास लगभग |
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− | [[रामायण]] में हिन्दुओं के भगवान [[राम|रामचंद्र]] का प्राचीन राज्य [[कौशल]] इसी क्षेत्र में था, [[अयोध्या]] कौशल राज्य की राजधानी थी। हिन्दू धर्म के अनुसार भगवान [[विष्णु]] के आठवें अवतार भगवान [[कृष्ण]] का जन्म उत्तर प्रदेश के [[मथुरा]] शहर में हुआ था। विश्व के प्राचीनतम नगरों में से एक माना जाने वाला [[वाराणसी]] शहर भी इसी प्रदेश में है। वाराणसी के समीप [[सारनाथ]] का [[स्तूप]] भगवान [[बुद्ध]] के लिए प्रसिध्द है। समय के साथ साथ यह विशाल क्षेत्र छोटे-छोटे राज्यों में विभाजित हो गया और [[गुप्त]], [[मौर्य]] और [[कुषाण]] साम्राज्यों का भाग बन गया। 7वीं शताब्दी में [[कन्नौज]] गुप्त साम्राज्य का प्रमुख केन्द्र बन गया था।
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− | ==प्रथम स्वतन्त्रता संग्राम==
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− | सन 1857 में अंग्रेज़ी फौज के भारतीय सिपाहियों ने बग़ावत कर दी थी। यह बग़ावत लगभग एक वर्ष तक चली और धीरे धीरे यह बग़ावत पूरे उत्तर भारत में फ़ैल गयी। इसी बग़ावत को भारत का प्रथम स्वतन्त्रता संग्राम नाम दिया गया। यह बग़ावत मेरठ शहर से शुरू हुई। जिसका कारण अंग्रेज़ों द्वारा गाय और सुअर की चर्बी से बने कारतूस थे। इस बग़ावत की वज़ह लार्ड डलहौजी की राज्य हड़पने की नीति भी थी। यह संग्राम मुख्यतः दिल्ली, लखनऊ, कानपुर, झाँसी और बरेली में लड़ा गया। इस संग्राम में [[झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई]], [[अवध की बेगम हज़रत महल]], [[बख़्त खान]], [[नाना साहेब]] आदि अनेक देशभक्तों ने भाग लिया।
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− | उत्तर प्रदेश राज्य की बौद्धिक श्रेष्ठता ब्रिटिश शासन काल में भी बनी रही। सन 1902 में 'नार्थ वेस्ट प्रोविन्स' का नाम बदल कर 'यूनाइटिड प्रोविन्स ऑफ आगरा एण्ड अवध' कर दिया गया। साधारण बोलचाल की भाषा में इसे 'यू पी' कहा गया। सन 1920 में प्रदेश की राजधानी को इलाहाबाद के स्थान पर लखनऊ बना दिया गया। प्रदेश का उच्च न्यायालय इलाहाबाद में ही बना रहा और लखनऊ में उच्च न्यायालय की एक न्यायपीठ शाखा (हाईकोर्ट बैंच) स्थापित की गयी। बाद में 1935 में इसका संक्षिप्त नाम 'संयुक्त प्रांत' प्रचलित हो गया। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद 12 जनवरी 1950 में 'संयुक्त प्रांत' का नाम बदल कर ‘उत्तर प्रदेश’ रखा गया। [[गोविंद वल्लभ पंत]] इस प्रदेश के प्रथम मुख्य मन्त्री बने। अक्टूबर 1963 में [[सुचेता कृपलानी]] उत्तर प्रदेश और भारत की 'प्रथम महिला मुख्यमन्त्री' बनीं।
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− | सन 2000 में भारतीय [[संसद]] ने उत्तर-प्रदेश के उत्तर पश्चिमी, पूर्वोत्तर उत्तर प्रदेश के मुख्यतः पहाड़ी भाग गढ़वाल और कुमाऊँ मण्डल को मिला कर उत्तर प्रदेश को विभाजित कर उत्तरांचल राज्य का निर्माण किया जिसका नाम बाद में बदल कर [[उत्तराखण्ड]] कर दिया गया है।
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− | ==कृषि==
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− | उत्तर प्रदेश में लगभग 66 प्रतिशत जनसंख्या का मुख्य व्यवसाय कृषि है। राज्य में कुल 167.50 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में कृषि कार्य किया जाता है। सन 2003 - 04 में राज्य में 255.67 लाख मीट्रिक टन गेहूं, 130.22 लाख मीट्रिक टन चावल, 23.80 लाख मीट्रिक टन दालें, 6.44 लाख मीट्रिक टन तिलहन और 1127.54 लाख मीट्रिक टन गन्ने का उत्पादन किया गया था। सन 2003 - 04 में कुल 442.58 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न का उत्पादन हुआ।
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− | ==उद्योग और खनिज==
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− | *वर्ष 2004 - 05 में उत्तर प्रदेश में कुल 5,21,835 लघु उद्योग इकाइयां थीं जिनमें लगभग 5,131 करोड़ रूपये की पूंजी का निवेश था और लगभग 20,01,000 लोग काम कर रहे थे। वर्ष 2004 - 05 में राज्य में लगभग 45.51 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ। उत्तर प्रदेश राज्य में 68 कपड़ा मिलें और 32 आटोमोबाइल के कारखाने हैं, जिनमें 5,740 करोड़ रूपये की पूंजी का निवेश है।
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− | *सन 2011 तक 'नोएडा प्राधिकरण' के अंतर्गत 102 सेक्टर विकसित करने की योजना चल रही है। इस प्राधिकरण में औद्योगिक क्षेत्र, आवासीय क्षेत्र, ग्रुप हाउसिंग क्षेत्र, आवासीय भवन, व्यावसायिक परिसंपत्तियां और संस्थागत शिक्षा क्षेत्र शामिल हैं। नोएडा और ग्रेटर नोएडा की भांति ही राज्य में अन्य स्थानों पर औद्योगिक क्षेत्रों को विकसित करने के लिए कार्य किये जा रहे हैं।
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− | *साफ्टवेयर निर्यात को प्रोत्साहन देने के लिए [[कानपुर]] में सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क बनाया गया है। ऐसे ही पांच अन्य साफ्टवेयर पार्क और खोलने की योजना है।
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− | *सार्वजनिक क्षेत्र में चूना पत्थर, मैगनेसाइट, कोयला, रॉक फास्फेट, डोलोमाइट और सिलिकन रेत का खनन किया जाता है। चूना पत्थर, सिलिका, मैगनेसाइट, फाइरोफाइलाइट और डायोस्पार के उत्पादन का अधिकतर कार्य निजी क्षेत्र के हाथों में है। सोनभद्र मेंएक बडा सीमेंट संयंत्र भी हैं।
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− | ==सिंचाई और बिजली==
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− | *14 जनवरी, 2000 को 'उत्तर प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड' का पुनर्गठन करके 'उत्तर प्रदेश विद्युत निगम', 'उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन' तथा 'उत्तर प्रदेश पनबिजली निगम' को स्थापित किया गया है।
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− | *2004 - 05 में राज्य की सिंचाई क्षमता बढ़ाकर 319.17 लाख हेक्टेयरतक करने के लिए 98,715 करोड़ रूपये का निवेश किया गया है।
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− | *'उत्तर प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड' की स्थापना के समय पन बिजलीघरों और ताप बिजलीघरों की कुल विद्युत उत्पादन क्षमता 2,635 मेगावाट थी जो आज बढ़कर 4,621 मेगावाट तक हो गई है।
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− | ==परिवहन==
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− | उत्तर प्रदेश में विकास की दर बढाने के लिए परिवहन की अनेक योजनाओं को क्रियान्वित किया जा रहा है-
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− | ==सड़कें==
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− | उत्तर प्रदेश के लोक निर्माण विभाग द्वारा निर्मित सड़कों की कुल लंबाई 1,18,946 किलोमीटर है। इसमें 3,869 किलामीटर राष्ट्रीय राजमार्ग, 9,097 किलोमीटर प्रांतीय राजमार्ग, 1,05,980 किलोमीटर अन्य जिला सड़कें और 72,931 किलोमीटर ग्रामीण सड़कें हैं।
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− | ==रेलवे मार्ग==
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− | रेलवे का उत्तरी नेटवर्क का मुख्य जंक्शन राजधानी [[लखनऊ]] है। अन्य महत्वपूर्ण रेल जंक्शन- [[आगरा]], [[कानपुर]], [[इलाहाबाद]], [[मुगलसराय]], [[झांसी]], [[मुरादाबाद]], [[वाराणसी]], [[टूंडला]], [[गोरखपुर]], [[गोंडा]], [[फैजाबाद]], [[बरेली]] और [[सीतापुर]] हैं।
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− | ==उड्डयन विभाग==
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− | प्रदेश में लखनऊ, कानपुर, वाराणसी, इलाहाबाद, आगरा, झांसी, [[बरेली]], [[गाजियाबाद]], गोरखपुर, [[सहारनपुर]] और [[रायबरेली]] में हवाई अड्डे हैं।
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− | ==त्योहार==
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− | समय समय पर सभी धर्मों के त्योहार मनाये जाते हैं-
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− | *इलाहाबाद में प्रत्येक बारहवें वर्ष में कुंभ का मेला आयोजित किया जाता है जो कि संभवत: दुनिया का सबसे बड़ा मेला है।
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− | *इसके अतिरिक्त इलाहाबाद में प्रत्येक 6 साल बाद अर्द्ध कुंभ मेले का आयोजन किया जाता है।
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− | *इलाहाबाद में ही प्रत्येक वर्ष जनवरी माह में [[माघ मेला]] भी आयोजित किया जाता है, जहां बडी संख्या में लोग [[संगम]] में नहाते हैं।
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− | *अन्य मेलों में [[मथुरा]], [[वृन्दावन]] व [[अयोध्या]] में अनेक पर्वों के मेले और झूला मेले लगते हैं, जिनमें प्रभु की प्रतिमाओं को सोने एवं चांदी के झूलों में रखकर झुलाया जाता है। ये झूला मेले लगभग एक पखवाडे तक चलते हैं।
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− | *कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर [[गंगा नदी]] में डुबकी लगाना अत्यंत आस्था से परिपूर्ण है और बहुत ही पवित्र माना जाता है और इसके लिए [[गढ़मुक्तेश्वर]], [[सोरों]], [[राजघाट]], काकोरा, बिठूर, कानपुर, इलाहाबाद, वाराणसी, और अयोध्या में बडी संख्या में लोग एकत्रित होते हैं।
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− | *आगरा जिले के [[बटेश्वर]] कस्बे में पशुओं का प्रसिद्ध मेला लगता है।
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− | *[[बाराबंकी]] जिले का [[देवा मेला]] मुस्लिम संत वारिस अली शाह के कारण काफ़ी प्रसिद्ध है।
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− | *इसके अतिरिक्त यहां हिंदू तथा मुस्लिमों के सभी प्रमुख त्योहारों को पूरे राज्य में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।
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− | ==पर्यटन स्थल==
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− | उत्तर प्रदेश में सभी के लिए आकर्षण की कई चीजें हैं।
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− | *[[ताजमहल]], [[आगरा]],
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− | *प्राचीन तीर्थ स्थानों में [[वाराणसी]], विंध्याचल, [[अयोध्या]], [[चित्रकूट]], [[प्रयाग]], [[नैमिषारण्य]], [[मथुरा]], [[वृंदावन]], [[देवा शरीफ]],
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− | *[[फतेहपुर सीकरी]] में [[शेख सलीम चिश्ती]] की दरगाह,
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− | *[[सारनाथ]], [[श्रावस्ती]], [[कुशीनगर]], संकिसा / बसंतपुर (ज़िला एटा, उत्तर प्रदेश), कांपिल/ वर्तमान फर्रूखाबाद , पिपरावा और [[कौशांबी]] प्रमुख हैं।
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− | *आगरा, अयोध्या, सारनाथ, वाराणसी, लखनऊ, झांसी, गोरखपुर, जौनपुर, कन्नौज, महोबा, देवगढ, बिठूर और विंध्याचल हिंदू एवं मुस्लिम वास्तुशिल्प और संस्कृति के महत्वपूर्ण खजाने से भरा हैं।
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− | [[Category:उत्तर प्रदेश]]
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− | [[Category:भारत के राज्य और केन्द्र शासित प्रदेश]]
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uttar pradesh
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rajadhani
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lakhanoo
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rajabhasha(ean)
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hiandi aur urdoo
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sthapana
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12 janavari 1950
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janasankhya
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166,052,859
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kshetraphal
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240928 sqkm
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jalavayu
|
ushnadeshiy manasoon
|
tapaman
|
31 °C
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· grishm
|
46 °C
|
· sharad
|
5°C
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mandal
|
18
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zile
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71
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sabase b da nagar
|
kanapur
|
mahanagar
|
kanapur
|
b de nagar
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lakhanoo, ilahabad, agara, aligadh, ayodhya, bareli, merath, varanasi(banaras), gorakhapur, gaziyabad, muradabad, saharanapur, faizabad, kanapur
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mukhy aitihasik sthal
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varanasi, agara, ilahabad, kannauj, kushinagar, kaushambi, chitrakoot, jhaansi, phaijabad, merath,
|
mukhy paryatan sthal
|
mathura, vrindavan, agara, varanasi, ayodhhya, chitrakoot, phatehapur sikari, saranath, shravashti, kushinagar
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mukhy dharm-sampraday
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hihndoo, muslim, eesaee, baudhd, jain evan any evan any
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liang anupat
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1000:898 ♂/♀
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saksharata
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57.36%%
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· stri
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42.97%%
|
· purush
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70.22%%
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uchch nyayalay
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ilahabad
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rajyapal
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bi. el. joshi
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mukhyamantri
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mayavati
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neta virodhi dal
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shivapal sianh yadav
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vidhanasabha sadasy
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404
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vidhan parishad sadasy
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100
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lokasabha kshetr
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80
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bahari k diyaan
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http://bharat.gov.in
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adyatan
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2010/03/25
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uttar pradesh / Uttar Pradesh
uttar pradesh bharat ka janasankhya ke adhar par sabase b da rajy hai. lakhanoo pradesh ki prashasanik rajadhani aur ilahabad nyayik rajadhani hai. uttar pradesh ke doosare mahattvapoorn nagar- agara, aligadh, ayodhya, bareli, merath, varanasi( banaras), gorakhapur, gaziyabad, muradabad, saharanapur, faizabad, kanapur haian. is rajy ke p dosi rajy haian - uttaraanchal, himachal pradesh, hariyana, dilli, rajasthan, madhy pradesh, chhattisagadh, jharakhand, bihar. uttar pradesh ki poorvottar disha mean nepal desh hai.
uttar pradesh saghan abadi vale ganga aur yamuna ke maidan mean basa hai. lagabhag 16 karo d ki janasankhya ke sath uttar pradesh keval bharat hi nahian balki vishv ki sarvadhik abadi vala uparashtriy pradesh hai. samooche vishv ke sirph paanch rashtroan chin, bharat, sanyukt amarika, iandonishiya aur brazil ki janasankhya hi uttar-pradesh ki janasankhya se adhik hai.
uttar pradesh ka bharatiy evan hindoo dharm ke itihas mean bahut yogadan hai. uttar pradesh adhunik itihas aur rajaniti ka sadaiv se kendr bindu raha hai. yahaan ke nivasiyoan ne svatantrata sangram andolan mean pramukh bhoomika nibhayi thi. ilahabad shahar mean vikhyat netaoan- motilal neharoo, purushottamadas tandan aur lalabahadur shastri adi pramukh netaoan ka ghar tha. yah shahar desh ke ath pradhanamantriyoan- javaharalal neharoo, iandira gaandhi, lalabahadur shastri, chau॰ charan sianh, vishvanath pratap sianh, chandrashekhar, rajiv gaandhi aur atal bihari vajapeyi ka chunav kshetr bhi raha hai. iandira gaandhi ke putr svargiy sanjay gaandhi ka chunav-kshetr bhi yahian tha aur ajakal bhoo॰poo॰ pradhanamantri sv॰ rajiv gaandhi ki patni soniya gaandhi bhi rayabareli se chunav l datian haian aur unake putr rahul gaandhi bhi amethi se chunav l date haian.
itihas
uttar pradesh ka itihas bahut prachin hai. uttar vaidik kal mean ise 'braharshi desh' ya 'madhhy desh' ke nam se jana jata tha. uttar pradesh vaidik kal mean kee mahan rrishi-muniyoan, jaise - bharadvaj, gautam, yajnavalhkhy, vasishhth, vishhvamitr aur valhmiki adi ki tapobhoomi raha hai. kee pavitr pushtakoan ki rachana bhi yahian huee. bharat ke do mukhy mahakavhy ramayan aur mahabharat ki katha bhi yahian ki hai.
eesa poorv chhathi shatabhdi mean uttar pradesh do ne dharmoan - jain aur bauddh ka vikas hua. buddh ne apana pratham upadesh saranath mean diya aur baudhd dharm ki shurooat ki. uttar pradesh ke hi kushinagar mean unhhoanne nirvan prapht kiya. uttar pradesh ke kee nagar jaise- ayodhhya, prayag, varanasi aur mathura vidya adhhyayan ke lie prasiddh keandr the. madhhy kal mean uttar pradesh muslim shasakoan ke adhin ho gaya tha jisase hiandoo aur ishlam dharmoan ke pas ane se ek nee mili-juli sanshkriti ka vikas hua. tulasidas, sooradas, ramanand aur unake muslim shishhy kabir ke atirikt anhy kee sant purooshoan ne hinhdi aur anhy bhashaoan ke vikas mean apana bahumooly yogadan diya.
uttar pradesh ka itihas lagabhag