Difference between revisions of "साहित्य लहरी"

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
m (Text replace - '[[category' to '[[Category')
 
m (Text replacement - " शृंगार " to " श्रृंगार ")
 
(15 intermediate revisions by 8 users not shown)
Line 1: Line 1:
 +
[[चित्र:Surdas.jpg|thumb|[[सूरदास]]|150px]]
 +
*यह 118 पदों की महाकवि [[सूरदास]] की एक लघु रचना है।
 +
*इसके अन्तिम पद में सूरदास का वंशवृक्ष दिया है, जिसके अनुसार सूरदास का नाम सूरजदास है और वे [[चंदबरदाई]] के वंशज सिद्ध होते हैं।
 +
*अब इसे प्रक्षिप्त अंश माना गया है ओर शेष रचना पूर्ण प्रामाणिक मानी गई है।
 +
*इसमें [[रस]], [[अलंकार]] और नायिका-भेद का प्रतिपादन किया गया है।
 +
*इस कृति का रचना-काल स्वयं कवि ने दे दिया है जिससे यह संवत् विक्रमी में रचित सिद्ध होती है।
 +
*रस की दृष्टि से यह ग्रन्थ विशुद्ध श्रृंगार की कोटि में आता है।
  
==साहित्य लहरी /Sahitya Lahri==
 
यह ११८ पदों की एक लघु रचना है। इसके अन्तिम पद में [[सूरदास]] का वंशवृक्ष दिया है, जिसके अनुसार सूरदास का नाम सूरजदास है और वे [[चंदबरदाई]] के वंशज सिद्ध होते हैं। अब इसे प्रक्षिप्त अंश माना गया है ओर शेष रचना पूर्ण प्रामाणिक मानी गई है। इसमें रस, अलंकार और नायिका-भेद का प्रतिपादन किया गया है। इस कृति का रचना-काल स्वयं कवि ने दे दिया है जिससे यह संवत् विक्रमी में रचित सिद्ध होती है। रस की दृष्टि से यह ग्रन्थ विशुद्ध श्रृंगार की कोटि में आता है।
 
  
 +
==संबंधित लेख==
 +
{{भक्ति कालीन साहित्य}}
 +
[[Category:सूरदास]]
 +
[[Category:भक्ति काल]]
 +
[[Category:भक्ति साहित्य]]
 
[[Category:साहित्य कोश]]
 
[[Category:साहित्य कोश]]
[[Category:कवि]]
+
[[Category:पद्य साहित्य]]
 
__INDEX__
 
__INDEX__

Latest revision as of 08:51, 17 July 2017

[[chitr:Surdas.jpg|thumb|sooradas|150px]]

  • yah 118 padoan ki mahakavi sooradas ki ek laghu rachana hai.
  • isake antim pad mean sooradas ka vanshavriksh diya hai, jisake anusar sooradas ka nam soorajadas hai aur ve chandabaradaee ke vanshaj siddh hote haian.
  • ab ise prakshipt aansh mana gaya hai or shesh rachana poorn pramanik mani gee hai.
  • isamean ras, alankar aur nayika-bhed ka pratipadan kiya gaya hai.
  • is kriti ka rachana-kal svayan kavi ne de diya hai jisase yah sanvath vikrami mean rachit siddh hoti hai.
  • ras ki drishti se yah granth vishuddh shrriangar ki koti mean ata hai.


sanbandhit lekh