अपराजिता
अपराजिता देवी दुर्गा का पर्यायवाची नाम है, जो उनके रौद्र रूप का द्योतक है। इसी रूप से उन्होंने अनेक राक्षसों का संहार किया था।
- 'देवीपुराणा' तथा 'चंडीपाठ' में दुर्गा स्वरूप का विस्तृत वर्णन मिलता है।
- तंत्र सहित्य में अपराजिता की पूजा का विधान है।
- इसके अतिरिक्त अपराजिता नाम की विद्या का कालिदास ने 'विक्रमोर्वशीय' में उल्लेख किया है।[1]
अपराजिता (स्त्रीलिंग) [न पराजिता, न. त.]
- दुर्गा देवी, विष्णुक्रांता, शेफालिका, जयंती इत्यादि।[2]
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