लाल बाग़ महल इन्दौर: Difference between revisions
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
शिल्पी गोयल (talk | contribs) No edit summary |
No edit summary |
||
(10 intermediate revisions by 4 users not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
{{ | {{सूचना बक्सा पर्यटन | ||
| | |चित्र=Lal-Bagh-Palace-Indore.jpg | ||
| | |चित्र का नाम=लाल बाग़ महल, [[इन्दौर]] | ||
|ज़िला= इन्दौर | |विवरण=लाल बाग़ महल इन्दौर के [[इन्दौर पर्यटन|पर्यटन स्थलों]] में से एक है। | ||
|राज्य= [[मध्य प्रदेश]] | |||
|केन्द्र शासित प्रदेश= | |||
|ज़िला=[[इन्दौर]] | |||
|निर्माता=महाराजा तुकोजी राव होल्कर द्वितीय | |||
|स्वामित्व= | |||
|प्रबंधक= | |||
|निर्माण काल=सन् [[1886]] | |||
|स्थापना= | |||
|भौगोलिक स्थिति= | |||
|मार्ग स्थिति= | |||
|मौसम= | |||
|तापमान= | |||
|प्रसिद्धि= | |||
|कब जाएँ= | |||
|कैसे पहुँचें= | |||
|हवाई अड्डा= | |||
|रेलवे स्टेशन= | |||
|बस अड्डा= | |||
|यातायात= | |||
|क्या देखें= | |||
|कहाँ ठहरें= | |||
|क्या खायें= | |||
|क्या ख़रीदें= | |||
|एस.टी.डी. कोड= | |||
|ए.टी.एम= | |||
|सावधानी= | |||
|मानचित्र लिंक=[https://www.google.co.in/maps/place/Lal+Baag+Palace/@22.6999963,75.844826,17z/data=!3m1!4b1!4m5!3m4!1s0x3962fdaca5739ae1:0x4d96f8bd2eb77a91!8m2!3d22.6999963!4d75.8470147?dcr=0 गूगल मानचित्र] | |||
|संबंधित लेख=[[मध्य प्रदेश]] | |||
|शीर्षक 1= | |||
|पाठ 1= | |||
|शीर्षक 2= | |||
|पाठ 2= | |||
|अन्य जानकारी=अब यह [[मध्य प्रदेश]] सरकार की निगरानी में है और इस के कुछ हिस्सों को संग्रहालय बना दिया गया है। | |||
|बाहरी कड़ियाँ= | |||
|अद्यतन= 06:26, 12 सितम्बर 2017 (IST) | |||
}} | }} | ||
'''लाल बाग़ महल''' [[मध्य प्रदेश]] राज्य के [[इन्दौर]] शहर के कई [[इन्दौर पर्यटन|पर्यटन स्थलों]] में से एक है। यह महल [[होल्कर वंश|होल्कर राजवंश]] की [[वास्तु कला]] का उत्कृष्ट नमूना है। लाल बाग़ महल इंदौर की भव्य और शानदार इमारतों में से एक है। लाल बाग़ महल ख़ान नदी के किनारे पर 28 एकड़ में बने राजघराने का साधारण दिखने वाला महल है, मगर अन्दर से इस की महंगी सजावट पर्यटकों को आकर्षित करती है। | |||
==इतिहास== | ==इतिहास== | ||
लाल बाग़ महल का निर्माण | लाल बाग़ महल का निर्माण सन् [[1886]] में महाराजा तुकोजी राव होल्कर द्वितीय के राज में प्रारंभ हुआ और महाराजा तुकोजी राव होल्कर तृतीय के शासन काल में संपन्न हुआ। इसका निर्माण तीन चरणों में पूरा हुआ था। लाल बाग़ महल मूल रुप से सामाज्य के महत्वपूर्ण लोगों का मिलन स्थल था। इसी भवन में साम्राज्य के महत्त्वपूर्ण अधिकारी विचार-विर्मश करते थे। [[1978]] तक यह राजनिवास रहा जिसके अन्तिम निवासी तुकाजीराव (तृतीय) थे। | ||
==विशेषता== | |||
*निचले तल का प्रवेश कक्ष का फ़र्श संगमरमर से बना पूर्व ऐतिहासिक शिल्पकृति को प्रदर्शित करता है। पहले तल पर मुस्लिम सदी के बहुत पुराने सिक्को का संग्रह है। यहाँ समकालीन [[भारत]] और इटेलियन चित्र और प्रतिमाओं का सुंदर प्रदर्शन देखने को मिलता है। | *निचले तल का प्रवेश कक्ष का फ़र्श संगमरमर से बना पूर्व ऐतिहासिक शिल्पकृति को प्रदर्शित करता है। पहले तल पर मुस्लिम [[सदी]] के बहुत पुराने सिक्को का संग्रह है। यहाँ समकालीन [[भारत]] और इटेलियन चित्र और प्रतिमाओं का सुंदर प्रदर्शन देखने को मिलता है। | ||
*लाल बाग़ महल परिसर में लोहे का बना भव्य द्वार लंदन के बकिंघम महल के लोहे के दरवाजों की दुगने आकार की प्रति है। [[इंग्लैण्ड]] में इन्हें तैयार कर के पानी के रास्ते भारत लाया गया था। | *लाल बाग़ महल परिसर में [[लोहा|लोहे]] का बना भव्य द्वार [[लंदन]] के बकिंघम महल के लोहे के दरवाजों की दुगने आकार की प्रति है। [[इंग्लैण्ड]] में इन्हें तैयार कर के पानी के रास्ते भारत लाया गया था। | ||
*लाल बाग़ महल के दरवाजों पर राजघराने की मुहर लगी है जिस का अर्थ है 'जो प्रयास करता है वही सफल होता है।' | *लाल बाग़ महल के दरवाजों पर राजघराने की मुहर लगी है जिस का अर्थ है 'जो प्रयास करता है वही सफल होता है।' | ||
*महल की रसोई से नदी का किनारा दिखता है। रसोई से एक रास्ता भूमिगत सुरंग में खुलता है। | *महल की रसोई से नदी का किनारा दिखता है। रसोई से एक रास्ता भूमिगत सुरंग में खुलता है। | ||
*महल के कमरों की बनावट और सजावट देखते ही बनती है। कमरे की दीवार पर और छत पर सुंदर कलाकृतियाँ दिखाई देती हैं। | *महल के कमरों की बनावट और सजावट देखते ही बनती है। कमरे की दीवार पर और छत पर सुंदर कलाकृतियाँ दिखाई देती हैं। | ||
*अब यह [[मध्य प्रदेश]] सरकार की निगरानी में है और इस के कुछ हिस्सों को संग्रहालय बना दिया गया है। | *अब यह [[मध्य प्रदेश]] सरकार की निगरानी में है और इस के कुछ हिस्सों को संग्रहालय बना दिया गया है। | ||
*यहाँ का गुलाब बाग़ भारत का | *यहाँ का गुलाब बाग़ भारत का सबसे बड़ा गुलाब बाग़ है। | ||
*ये महल आज भी | *ये महल आज भी होल्कर शासकों की शानो शौकत और शाही जीवन शैली का जीता जाता नमूना है। अपने अनूठे निर्माण कला की वजह से ये भारत का एक अद्भुत और कलात्मक निवास स्थान माना जाता है।<ref>{{cite web |url=http://alpz2009.wordpress.com/2009/08/02/%E0%A4%B2%E0%A4%BE%E0%A4%B2-%E0%A4%AC%E0%A4%BE%E0%A4%97%E0%A4%BC-%E0%A4%AE%E0%A4%B9%E0%A4%B2-%E0%A4%87%E0%A4%82%E0%A4%A6%E0%A5%8C%E0%A4%B0-%E0%A4%AE%E0%A4%A7%E0%A5%8D%E0%A4%AF-%E0%A4%AA%E0%A5%8D/ |title=लाल बाग़ महल – इंदौर -’मध्य प्रदेश’ |accessmonthday=[[8 फ़रवरी]] |accessyear=[[2011]] |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=वर्ड प्रेस |language=[[हिन्दी]] }}</ref> | ||
{{लेख प्रगति | {{लेख प्रगति | ||
|आधार= | |आधार= | ||
Line 28: | Line 59: | ||
|शोध= | |शोध= | ||
}} | }} | ||
==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ||
<references/> | <references/> | ||
Line 34: | Line 66: | ||
[[Category:मध्य प्रदेश]] | [[Category:मध्य प्रदेश]] | ||
[[Category:मध्य प्रदेश के पर्यटन स्थल]] | [[Category:मध्य प्रदेश के पर्यटन स्थल]] | ||
[[Category:इन्दौर]] | |||
[[Category:पर्यटन कोश]] | |||
__INDEX__ | __INDEX__ | ||
__NOTOC__ | __NOTOC__ |
Latest revision as of 12:58, 12 September 2017
लाल बाग़ महल इन्दौर
| |
[[चित्र:Lal-Bagh-Palace-Indore.jpg|लाल बाग़ महल, इन्दौर|200px|center]]
| |
विवरण | लाल बाग़ महल इन्दौर के पर्यटन स्थलों में से एक है। |
राज्य | मध्य प्रदेश |
ज़िला | इन्दौर |
निर्माता | महाराजा तुकोजी राव होल्कर द्वितीय |
निर्माण काल | सन् 1886 |
चित्र:Map-icon.gif | गूगल मानचित्र |
संबंधित लेख | मध्य प्रदेश
|
अन्य जानकारी | अब यह मध्य प्रदेश सरकार की निगरानी में है और इस के कुछ हिस्सों को संग्रहालय बना दिया गया है। |
अद्यतन | 06:26, 12 सितम्बर 2017 (IST) |
लाल बाग़ महल मध्य प्रदेश राज्य के इन्दौर शहर के कई पर्यटन स्थलों में से एक है। यह महल होल्कर राजवंश की वास्तु कला का उत्कृष्ट नमूना है। लाल बाग़ महल इंदौर की भव्य और शानदार इमारतों में से एक है। लाल बाग़ महल ख़ान नदी के किनारे पर 28 एकड़ में बने राजघराने का साधारण दिखने वाला महल है, मगर अन्दर से इस की महंगी सजावट पर्यटकों को आकर्षित करती है।
इतिहास
लाल बाग़ महल का निर्माण सन् 1886 में महाराजा तुकोजी राव होल्कर द्वितीय के राज में प्रारंभ हुआ और महाराजा तुकोजी राव होल्कर तृतीय के शासन काल में संपन्न हुआ। इसका निर्माण तीन चरणों में पूरा हुआ था। लाल बाग़ महल मूल रुप से सामाज्य के महत्वपूर्ण लोगों का मिलन स्थल था। इसी भवन में साम्राज्य के महत्त्वपूर्ण अधिकारी विचार-विर्मश करते थे। 1978 तक यह राजनिवास रहा जिसके अन्तिम निवासी तुकाजीराव (तृतीय) थे।
विशेषता
- निचले तल का प्रवेश कक्ष का फ़र्श संगमरमर से बना पूर्व ऐतिहासिक शिल्पकृति को प्रदर्शित करता है। पहले तल पर मुस्लिम सदी के बहुत पुराने सिक्को का संग्रह है। यहाँ समकालीन भारत और इटेलियन चित्र और प्रतिमाओं का सुंदर प्रदर्शन देखने को मिलता है।
- लाल बाग़ महल परिसर में लोहे का बना भव्य द्वार लंदन के बकिंघम महल के लोहे के दरवाजों की दुगने आकार की प्रति है। इंग्लैण्ड में इन्हें तैयार कर के पानी के रास्ते भारत लाया गया था।
- लाल बाग़ महल के दरवाजों पर राजघराने की मुहर लगी है जिस का अर्थ है 'जो प्रयास करता है वही सफल होता है।'
- महल की रसोई से नदी का किनारा दिखता है। रसोई से एक रास्ता भूमिगत सुरंग में खुलता है।
- महल के कमरों की बनावट और सजावट देखते ही बनती है। कमरे की दीवार पर और छत पर सुंदर कलाकृतियाँ दिखाई देती हैं।
- अब यह मध्य प्रदेश सरकार की निगरानी में है और इस के कुछ हिस्सों को संग्रहालय बना दिया गया है।
- यहाँ का गुलाब बाग़ भारत का सबसे बड़ा गुलाब बाग़ है।
- ये महल आज भी होल्कर शासकों की शानो शौकत और शाही जीवन शैली का जीता जाता नमूना है। अपने अनूठे निर्माण कला की वजह से ये भारत का एक अद्भुत और कलात्मक निवास स्थान माना जाता है।[1]
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ लाल बाग़ महल – इंदौर -’मध्य प्रदेश’ (हिन्दी) वर्ड प्रेस। अभिगमन तिथि: 8 फ़रवरी, 2011।
संबंधित लेख