प्रयोग:कविता सा.-1: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
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{'भारतमाता' किसने चित्रित किया? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-100,प्रश्न-14
{[[इलाहाबाद विश्वविद्यालय]] में [[चित्रकला]] विभाग की स्थापना किस चित्रकार ने की थी?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-97,प्रश्न-3
|type="()"}
|type="()"}
-[[रबीन्द्रनाथ टैगोर]]
-एल. एम. सेन
-बेंद्रे
-ए. के हल्दर
+[[एम.एफ. हुसैन]]
+क्षितीन्द्रनाथ मजूमदार
-[[जामिनी राय]]
||[[इलाहाबाद विश्वविद्यालय]] में [[चित्रकला]] विभाग की स्थापना क्षितीन्द्रनाथ मजूमदार ने की थी?
 
{'प्रभु हरिदास अंतिम अवस्था में' किसने चित्रित किया है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-98,प्रश्न-9
|type="()"}
-रणवीर सिंह विष्ट
-[[नंदलाल बोस]]
-[[नंदलाल बोस]]
||[[एम.एफ. हुसैन]] प्रसिद्ध चित्र 'नीली रात' के [[चित्रकार]] हैं। इनकी कला यथार्थवादी चित्रांकन से लेकर उन्नीसवीं शताब्दी की ब्रिटिश अकादमिक परंपरा से संभावित शैली का प्रतिनिधित्व करती है। इन्होंने कई फ़िल्में बनाई जिनमें मीनाक्षी, गजगामिनी,थ्रू द आइज ऑफ पेंटर आदि इनकी प्रमुख फिल्में हैं। साथ ही सुप्रसिद्ध चित्र शृंखलाएं भी बनाई जिसमें प्रमुख हैं- [[सरस्वती]], [[मदर टेरेसा]], घोड़े, माधुरी, ज़मीन, लैंप और मकड़ी, दो स्त्रियों का संवाद, मुर्गा, अंतिम भोज, राइडर्ज, आपातकाल, ढोलकिया, नीला रात, जापान में प्रेमी, दुपट्टों में तीन औरतें, बनारस के घाट तथा भारतमाता (यह चित्र काफी विवादास्पद रहा) आदि।
+क्षितीन्द्रनाथ मजूमदार
-ललित मोहन सेन
||क्षितीन्द्रनाथ मजूमदार ने वैष्णव संत चैतन्य के जीवन से कई दृश्यों को चित्रित किया है जिनमें 'प्रभु हरिदास अंतिम अवस्था' चित्र भी शामिल है जो वाश पेपर एवं जलरंग से चित्रित है।


{'सुरजन' नामक [[चित्रकार]] किस शैली का प्रमुख चित्रकार था? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-53,प्रश्न-3
{'मणिकुट्टिम पद्धति' में किस वस्तु का प्रयोग किया जाता है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-103,प्रश्न-12
|type="()"}
|type="()"}
-बंगाल
-रंग
+ [[बूंदी चित्रकला|बूंदी शैली]]
+संगमरमर
-किशनगढ़
-लकड़ी
-दक्खिनी
-सीमेंट
||'सुरजन सिंह' नामक चित्रकार [[बूंदी चित्रकला|बूंदी शैली]] के प्रमुख चित्रकार थे। इनके द्वारा बूंदी को प्रोत्साहन मिला इनके द्वारा चित्रित कुछ प्रमुख चित्र जैसे-ग्रीष्म में हाथी, कांट निकालती स्त्री आदि प्रिंस ऑफ़ वेल्स म्यूजियम मुंबई में सुरक्षित हैं।
||'मणिकुट्टिम पद्धति' में संगमरमर का प्रयोग किया जाता है।


{[[अवनीन्द्रनाथ टैगोर|अबनीन्द्रनाथ टैगोर]] ने किस माध्यम में अपने चित्र बनाये? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-79,प्रश्न-13
{'अंतिम भोज' चित्र के [[चित्रकार]] का क्या नाम है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-109,प्रश्न-49
|type="()"}
|type="()"}
-टेम्परा
-माइकेल एंजिलो
-[[तैल रंग]]
-रूबेन्स
+[[जल रंग|जलरंग]]
+[[लियोनार्डो दा विंची]]
-गुआश
-बोत्तिचेल्ली
||वॉश पेंटिंश ([[जल रंग|जलरंग]] तकनीक) का प्रारंभ शांति निकेतन कला महाविद्यालय, [[कोलकाता]] (कलकत्ता) से हुआ।
||'अंतिम भोज' चित्र के चित्रकार लियोनार्डो विंचीं है।


{[[राजा रवि वर्मा]] किस कला के लिए प्रसिद्ध हैं? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-91,प्रश्न-13
 
{इनमें से घनवादी कलाकार नहीं हैं(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-130,प्रश्न-45
|type="()"}
|type="()"}
-[[मूर्तिकला]]
-ब्राक
-नाट्यकला
-पिकासो
+[[चित्रकला]]
-फर्ना लेजे
-नृत्यकला
+जेम्स एन्सोर
||[[राजा रवि वर्मा]] [[चित्रकला]] के लिए प्रसिद्ध हैं। वे विंदेशी चित्रण पद्धति (यूरोपीय चित्रशैली) और तैलीय चित्रशैली की [[चित्रकला]] बनाये थे। राजा रवि वर्मा यूरोपीय शैली में भारतीय विषयों पर चित्र बनाने वाले पहले कलाकार थे। इन्होंने थियोडोर जेनसन नामक डच चित्रकार से यूरोपीय शैली की चित्रकारी शिक्षा ली थी। इनकी [[चित्रकला]] पौराणिक, धार्मिक और राष्ट्रीय भावना से प्रभावित है।
||दिए गए विकल्पों में जेम्स एन्सोर घनवादी कलाकार नहीं हैं बल्कि वे अभिव्यंजनावादी कलाकार हैं जबकि ब्राक, लेजे एवं पिकासो घनवादी कलाकार हैं।
 
{कौन यथार्थवादी [[चित्रकार]], चित्रकार के साथ-साथ सुप्रसिद्ध व्यंग्य चित्रकार भी था।(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-132,प्रश्न-1
|type="()"}
+दाउमियर
-कुर्बे
-डेविड
-गोया
||होनोर दाउमियर एक प्रतिभाशाली प्रिंटमेकर, कार्टूनिस्ट, [[चित्रकार]] एवं [[मूर्तिकार]] थे।
 
{'आटोबायोग्राफी: डायरी ऑफ ए जीनियस' किसकी आत्मकथा है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-134,प्रश्न-16
|type="()"}
-[[एम. एफ. हुसैन]]
+सल्वाडोर डॉली
-पाब्लो पिकासो
-वान गॉग
||'आटोबायोग्राफी: डायरी ऑफ ए जीनियस' सल्वाडोर डॉली की आत्मकथा है 'ए जीनियस ऑफ डायरी' इनकी आत्मकथा का प्रथम भाग था। सल्वाडो डॉली विलक्षण एवं बहुमुखी प्रतिभाशाली कलाकार थे। वे अतियथार्थवाद के प्रणेता थे।
 
{बरोक शैली का मुख्य कलाकार कौन है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-141,प्रश्न-22
|type="()"}
-रूबेन्स
+कारावेजियो
-रेम्ब्रां
-बोट्टीचेल्ली
||कारावेजियो इटली के महान [[चित्रकार]] थे। उन्होंने अपनी पेंटिंग में बरोक शैली का प्रयोग किया।


{माइकल एंजिलो द्वारा निर्मित मूर्ति 'डेविड' की कुल ऊंचाई है- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-106,प्रश्न-18
{'पिशाचिनियों की सभा' किसकी कृति है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-142,प्रश्न-34
|type="()"}
|type="()"}
-15 फुट
-पिसारो
+18 फुट
+माइकेल एंजिलो
-10 फुट
-[[लिओनार्डो दा विंची]]
-22 फुट
-गोया
||माइकेल एंजिलो द्वारा निर्मित मूर्ति डेविड की ऊंचाई 4.34 मीं. (14.2 फीट) तथा आधार सहित 5.17 मी. (17.0) फीट है। अत: उपर्युक्त में से कोई विकल्प सही नहीं है, किंतु मूर्ति की पूरी ऊंचाई आधार सहित मानी जाए तो नजदीकी उत्तर विकल्प (b) हो सकता है।
||फ्रांसिस्को गोया ने 'पिशाचिनियों की सभा' चित्र को चित्रित किया।


{भारतीय कलाकारों में किस पर प्रभाववाद का प्रभाव है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-118,प्रश्न-23
{कलकत्ता ग्रुप की स्थापना किस वर्ष में हुई?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-149,प्रश्न-84
|type="()"}
|type="()"}
-[[राजा रवि वर्मा|रवि वर्मा]]
-1935
+राम किंकर
-1940
-रणवीर सिंह विष्ट
+1943
-[[रबींद्रनाथ टैगोर]]
-1948
||राम किंकर बैज भारत प्रसिद्ध [[मूर्तिकार]] थे। आधुनिक भारतीय मूर्तिकला के अग्रदूतों में उनकी गणना होती थी। वर्ष [[1970]] में उन्हें [[पद्मभूषण]] से सम्मानित किया गया। शांतिनिकेतन के कलाभवन की लाइब्रेरी में रखी पुस्तकों को पढ़ने से इन पर पश्चिमी प्रभाववाद का असर पड़ा और इन्होंने उस कला को अपनी कला में शामिल कर लिया
||'कलकत्ता ग्रुप' आधुनिक कला का भारत में वर्ष 1943 में स्थापित प्रथम ग्रुप है। कलकत्ता ग्रुप के संस्थापकों में प्रदोष दासगुप्ता एवं उनकी पत्नी कमला शुभो टैगोर, परितोष सेन, गोपाल, घोष, निरोदे मजूमदार आदि प्रमुख थे।


{[[अजंता की गुफ़ाएँ|अजंता]], [[एलोरा की गुफ़ाएँ|एलोरा की गुफाओं]] को सबसे पहले किसने देखा? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-30,प्रश्न-16
{भारतीय चित्रकला का मूल तत्त्व क्या है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-172,प्रश्न-47
|type="()"}
|type="()"}
+ह्वेनसांग
-[[रंग]]
-एडवर्ड
-शीर्षक
-एलेक्स
+रेखा
-रिचर्ड
-[[धर्म]]
||[[ह्वेनसांग]] छठीं शताब्दी में [[भारत]] यात्रा पर आया जबकि विकल्प में प्रस्तुत अन्य व्यक्ति बाद में आए इसलिए ह्वेनसांग ने अजंता, एलोरा की गुफाओं को सबसे पहले देखा।
||[[चित्रकला]] के मुख्य रूप से 6 मूल तत्त्व होते हैं - रेखा, रूप, वर्ण, तान, पोत और अंतराल।


{कांगड़ा किस [[चित्रकला]] की शैली है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-74,प्रश्न-12
{जूट माध्यम से [[मूर्तिकला]] के प्रयोग कौन करता है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-195,प्रश्न-79
|type="()"}
|type="()"}
-[[मुग़ल चित्रकला|मुगल चित्रकला]]
+मृणालनी मुखर्जी
-[[राजस्थानी चित्रकला]]
-मीरा मुखर्जी
+[[पहाड़ी चित्रकला]]
-गोगी सरोजपाल
-डेकनी चित्रकला
-[[अंजलि इला मेनन]]
||महाराजा संसारचंद (1775-1823 ई.) में [[पहाड़ी चित्रकला]] शैली को संरक्षण प्रदान किया। [[कांगड़ा चित्रकला|कांगड़ा शैली]] (पहाड़ी शैली) राजा संसारचंद के समय विकसित हुई। कटोच राजवंश के संसारचंद चित्र में प्रेमी, साहित्य प्रेमी तथा संगीत के मर्मझ थे। संसारचंद के समय कांगड़ा चित्रकला उन्नति के शिखर पर थी। कांगड़ा शैली के प्रमुख चित्रकारी केंद्र गुलेर, नूरपुर, तोंरा, सुजानपुर तथा नादौर थे।
||जूट के माध्यम से [[मूर्तिकला]] का निर्माण मृणालनी मुखर्जी करती हैं। इनका जन्म वर्ष 1949 में [[मुंबई]] में हुआ था। इनके पिता बिनोद बिहारी एक कलाकार थे वर्ष 1971 में मृणालनी मुखर्जी ने मूर्तिकला के लिए ब्रिटिश काउंसिल से छात्रवृत्ति प्राप्त की।


{किस चित्रकार ने 'स्कूल ऑफ़ एथेंस' चित्रित किया था? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-107,प्रश्न-30
{'जहांगीर आर्ट गैलरी' स्थित है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-201,प्रश्न-120
|type="()"}
|type="()"}
-माइकेल एंजिलो
-[[दिल्ली]] में
-टीशियन
+[[मुंबई]] में
-लियोनार्दो
-[[गुजरात]] में
+राफेल
-[[लखनऊ]] में
||पुनरुत्थानवादी चित्रकार (इटालियन) राफेक सैंजिओ के प्रमुख चित्र हैं- सैनिक का स्वप्न, स्कूल ऑफ़ एथेंस, क्रूसीफिक्शन, सिस्टीन मेडोना, मेडोना ऑफ़ द गोल्ड फिंचम परनासस, ज्यूरिस प्रूडेंस, द मैरिज ऑफ़ वर्जिन, ट्रांसफिगरेशन इत्यादि।
||जहांगीर आर्ट गैलरी मुबंई में स्थित है जिसकी स्थापना सर कोवासजी जहांगीर ने के. के . हेब्बर एवं होमी भाभा के अनुरोध पर किया। इसका निर्माण वर्ष 1952 में किया।


{किसने 'लंचियन ग्रास' नामक पेंटिंग बनाई? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-120,प्रश्न-33
{सवाई मान सिंह द्वारा बनाया गया 'जंतर-मंतर' कहाँ स्थित है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-230,प्रश्न-331
|type="()"}
|type="()"}
-मोने
+[[जयपुर]]
+माने
-[[पटना]]
-रेन्वाए
-[[हैदराबाद]]
-डेगा
-[[बड़ौदा]]
||1879 ई. में एडुवर्ड माने ने आकारों की स्पष्टता को कम करके विशुद्ध चमकीले [[रंग|रंगों]] का प्रयोग करते हुए एक नवीन कला (शैली) विकसित की। इस नवीन शैली के अप्रतिम उदाहरण हैं-'जार्ज मूर का व्यक्ति चित्र' तथा 'फिलिप बर्जेर का मदिरागृह'।
||सवाई मान सिंह की आकांक्षा थी कि जंतर-मंतर बनवाएँ किंतु वे ऐसा नहीं कर पाए। सवाई राजा जय सिंह द्वितिय जंतर-मंतर बनवाया जबकि प्रश्न को गलत रुप में पूछा गया है।


{'दि स्टूडियो' का कलाकार कौन था? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-129,प्रश्न-36
{'टेराकोटा' के लिए कौन-सी जगह प्रसिद्ध है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-232,प्रश्न-349
|type="()"}
|type="()"}
-कुर्बे
-[[मथुरा]]
+पिकासो
-[[बस्तर]]
-डेविड
+[[गोरखपुर]]
-माने
-[[जौनपुर]]
||'द स्टूडियो' का चित्र पिकासो द्वारा वर्ष 1955 में चित्रित एक तैल चित्र है।
||[[टेराकोटा]] या मिट्टी की कला, एक ऐसी कृति है  जो मिट्टि से बनी तथा पकाने पर चमक रहित होती है। यह सामान्यत: लाल रंग की होती है। [[गोरखपुर]] 'टेराकोटा' कला के लिए प्रसिद्ध है।


{सैयद हैदर रजा हैं- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-144,प्रश्न-46
{रिनी घुमाल किसके लिए प्रख्यात हैं?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-193,प्रश्न-67
|type="()"}
|type="()"}
-व्यक्ति चित्रकार
+पेंटिंग के लिए
+दृश्य चित्रकार
-मूर्ति के लिए
-घनवादी चित्रकार
-संस्थापन कला के लिए
-अमूर्त चित्रकार
-न्यू मीडिया आर्ट के लिए
||सैयद हैदर रजा मुख्यत: दृश्य चित्रकार हैं। आकृति चित्रण में इनकी रुचि नहीं है। इन्होंने सस्ते रंगों के द्वारा मानसिक जटिलताओं तथा प्राकृतिक रहस्यों से साक्षात्कार कराया। रंग प्रयोग की दक्षाता उनकी विशेषता रही है।
||रिनी घुमाल पेंटिंग के लिए प्रसिद्ध हैं। इनका जन्म वर्ष 1984 में [[बंगाल]] में हुआ था। वर्ष 1988 में इन्हें ललित कला आकादमी का राष्ट्रीय पुस्कार तथा वर्ष 1984 एवं 1988 में ऑल इंडिया फाइन आर्ट्स एंड क्राफ्ट्स सोसाइटी पुरस्कार प्राप्त हुआ था।


{प्रजनन एवं विकास का प्रतीकात्मक रंग कौन-सा है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-159,प्रश्न-13
{मधुबनी किस राज्य की लोक कला है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-224,प्रश्न-292
|type="()"}
|type="()"}
+हरा
-पश्चिमी बंगाल
-लाल
-[[उत्तर प्रदेश]]
-नीला
+[[बिहार]]
-नारंगी
-[[पंजाब]]
||प्रकाशयुक्तता एवं अक्ष-पटल की उत्तेजना के विचार से कुछ वर्ण गरम और शीतल माने जाते हैं। लाल और नारंगी वर्ण उष्ण (गर्म) हैं, नीला एवं हरा वर्ण शीतल (ठंडा)। पीला एवं बैंगनी न उष्ण हैं, न शीतल।
||मधुबनी, बिहार की लोक कला है। बिहार के पिपरिया के ग्रामिण अंचलों में इस सरल एवं लयात्मक चित्रकारी की संस्कृति यद्यपि काफी पहले से प्रचलित रही है। मधुबनी के लोकप्रिय चित्र प्राकृतिक रंगों से बनाए जाते हैं।


{'मोनालिसा' के प्रसिद्ध चित्र में कितने आयाम हैं? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-164,प्रश्न-52
{निम्नलिखित में से कौन टैगोर परिवार से संबंधित नहीं है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-229,प्रश्न-327
|type="()"}
|type="()"}
-एक
-[[रबीन्द्रनाथ टैगोर|रबीन्द्रनाथ]]
-दो
-[[अबनीन्द्रनाथ टैगोर|अबनीन्द्रनाथ]]
+तीन
-गगेन्द्रनाथ
-चार
+राजेन्द्रनाथ
||पेंटिंग 'मोनालिसा' के रंग के घटकों के वितरण का अध्ययन करने से पता चलता है कि चित्र में प्रकाश बहुत से छाया की ओर स्थानांतरण सफेद और काले में टोन के सामंजस्य से से हुआ है। मोनालिसा की तस्वीर फ्लोरेंस के एक व्यापारी फ्रांसको देल जोकांदा की पत्नी 'लिसा गेरार्दिनी' को देखकर आंकी गई है। 'मोनालिसा' के प्रसिद्ध चित्र में तीन आयाम हैं।
||टैगोर (ठाकुर) परिवार से राजेन्द्रनाथ नहीं थे। शेष टैगोर परिवार से संबद्ध हैं [[गगनेन्द्रनाथ टैगोर]], [[अबनीन्द्रनाथ टैगोर]] के बड़े भाई और [[रवीन्द्रनाथ टैगोर]] के भतीजे थे।


{तैल चित्रण का मध्यम कौन-सा तेल है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-173,प्रश्न-53
{प्रथम भारतीय महिला [[चित्रकार]] कौन थीं?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-231,प्रश्न-344
|type="()"}
|type="()"}
-सरसों का तेल
-ललिता लाजमी
+अलसी का तेल
-अमृता शेरगिल
-अखरोट का तेल
-गौरी भंज
-सोया का तेल
+सुनयनी देवी
||तैल चित्रण का मध्यम, अलसी का तेल है। फिल्टर किया हुआ पारदर्शी निर्वर्ण अलसी का कच्चा तेल इसके लिए सर्वश्रेष्ठ है। तेल चित्रण का प्रचलन यूरोप से हुआ और वर्तमान में यह विश्वव्यापी हो गया है। इस पद्धति का चित्रांकन स्थायी होता है।
||प्रथम भारतीय महिला [[चित्रकार]] सुनयनी देवी थीं। ये बंगाल के पट चित्रों की शैली से प्रभावित थीं। वर्ष 1905 से 1938  तक ये चितेरी के रूप में सक्रिय रहीं।


{निम्न में से किस कलाकार ने बंगाल लोकचित्रों को अपनी अभिव्यक्ति का माध्यम बनाया? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-86,प्रश्न-70
{वह कौन सी महिला है, जिन्होंने साहित्य के साथ चित्रकारी भी कि हैं?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-232,प्रश्न-347
|type="()"}
|type="()"}
-राजा रवि वर्मा
-किरण शर्मा
-अबनीन्द्रनाथ ठाकुर
-रचना
-नंदलाल बोस
+महादेवी वर्मा
+जामिनी राय
-सविता श्रीवास्तव
||आधुनिक भारतीय चित्रकारों में जामिनी राय लोककला में प्रभावित कलाकार हैं।
||महादेवी वर्मा साहित्य के साथ चित्रकार भी थीं। उनकी रचना दीपशिखा एवं सांध्यगीत में यह दर्शित होता है।


{'स्नान स्थल' किस चित्रकार का चित्र है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-121,प्रश्न-43
{'महा स्फिंक्स अवस्थित है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-233,प्रश्न-352
|type="()"}
|type="()"}
-एम.एफ. हुसैन
-सक्कारा में
+जॉर्ज सोरा
+गीजा में
-जार्ज ब्राक
-लक्सर में
-पिकासो
-असुआन में
||जॉर्ज सोरा की कला में प्रभाववाद से भिन्न नवीन दृष्टिकोण था, जिसको देखकर फेलिफनिओ ने उनकी कला शैली को 'नवप्रभाववाद' नाम दिया। प्रभाववाद से असंतुष्ट होकर रेंवाए (रेन्वा) ने मनुष्याकृतियों को ठोस रूप में चित्रित करके अपना चित्र 'स्नानमग्न युवतियां' बनाया तथा सोरा ने भी उसी विषय को लेकर नवप्रभाववाद का प्रथम चित्र 'स्नान स्थल' पूर्ण किया। सेजां ने ही 'स्नानमग्न युवतियां' के चित्र को चित्रित किया था।
||'महान स्फिंक्स (Great Sphinx) मिस्त्र में नील नदी के पश्चिमी तट पर गीजा में एक चूने के पत्थर की मूर्ति है जिसका शरीरा सिंह के समान तथा मुंह स्त्री की भांति है।


{'कामसूत्र' के रचयिता हैं- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-157,प्रश्न-23
{[[राजा रवि वर्मा|रवि वर्मा]] के चित्र का सबसे बड़ा संग्रहालय कहाँ है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-92,प्रश्न-24
|type="()"}
|type="()"}
+वात्स्यायन
-प्रिंस ऑफ वेल्स में
-चरक
-राष्ट्रीय संग्रहालय, नई दिल्ली में
-रामदेव
+सालार जंग संग्रहालय, हैदराबाद में
-पाणिनी
-चित्रा आर्ट गैलरी, त्रिवेंद्रम में
||'कामसूत्र' वात्स्यायन द्वारा लिखा गया भारत का एक 'कामशास्त्र ग्रंथ' है। कामसूत्र को उसके विभिन्न आसनों के लिए जाना जाता है। वात्स्यायन का कामसूत्र विश्व की प्रथम यौन संहिता है जिसमें यौन प्रेम के मनोशारीरिक सिद्धांतों तथा प्रयोग की विस्तृत व्याख्या एवं विवेचना की गई है।
||रवि वर्मा के चित्र का सबसे बड़ा संग्रह सालार जंग संग्रहालय [[हैदराबाद]] में है।


{राष्ट्रीय ललित कला अकादमी के सचिव हैं- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-198,प्रश्न-96
 
{'[[कनिष्क]]' मूर्ति किस काल में बनी थी?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-229,प्रश्न-324
|type="()"}
|type="()"}
+डॉ. सुधाकर शर्मा
-[[गुप्त काल]]
-अशोक वाजपेयी
-[[मौर्य काल]]
-जय कृष्ण
-[[शुंग काल]]
-इनमें से कोई नहीं
+[[कुषाण काल]]
||प्रश्नकाल में राष्ट्रीय ललित कला अकादमी के सचिव डॉ. सुधाकर शर्मा थे। वर्तमान में इस पद पर रामकृष्ण वेदाला कार्यरत है।
||'[[कनिष्क]]' मूर्ति कुषाण काल में मथुरा शैली में बनी थी। मथुरा में कनिष्क की एक विशाल खड़ी मूर्ति पाई गई है जिसकी दाहिनी भुजा में गदा और बाईं में तलवार है।


{किसी भी वस्तु अथवा आकृति की माप स्वतंत्र रूप में कहलाती हैं- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-174,प्रश्न-63
{भगवान बुद्ध ने पहला उपदेश कहाँ दिया था?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-227,प्रश्न-311
|type="()"}
|type="()"}
+प्रमाण
+[[सारनाथ]] में
-अनुपात
-[[वैशाली]] में
-आकार
-[[साँची]] में
-तीनों में कोई नहीं
-[[बोधगया]] में
||किसी भी वस्तु अथवा आकृति की माप स्वतंट्र रूप में प्रमाण कहलाती है। देव, दैत्य, मानव, कुमार के शरीर रचना के निश्चित प्रमाण निर्धारित किए गए हैं जबकि  दो दिशाओं, भुजाओं, आकृतियों अथवा वर्णों के क्षेत्रफल का परस्पर संबंध 'अनुपात' कहलाता है। विचारों व भावनाओं की अभिव्यक्ति को छोड़कर कलसर्जन में प्रयुक्त रचना के मूलाधार तत्त्व जैसे-रेखा, लय, सुसंगति, रंग आदि आकार तत्त्व हैं।
||भगवान बुद्ध मे पहला उपदेश सारनाथ (ऋषिपतनम्) में दिया था जिसे बौद्ध ग्रंथों में 'धर्मचक्रप्रवर्तन' कहा गया है।


{आकृतियों से स्पष्ट होता है- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-163,प्रश्न-45
{नृत्यांगना सुधा चंद्रन की फ़िल्म है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-225,प्रश्न-299
|type="()"}
|type="()"}
-भाव
-पायल की झंकार
+रूप
-डा‌ंस इंडिया डांस
-लय
+नाचे मयूरी
-उक्त सभी
-आजा नच ले
||आकृतियों से भाव और लय नहीं अपितु रूप स्पष्ट होता है क्योंकि आकृति किसी निर्जीव वस्तु की भी हो सकती है।
||फ़िल्म नाचे मयुरी को वर्ष 1986 में प्रदर्शित किया गया। यह तेलुगू फ़िल्म मयूरी जो वर्ष 1984 में बनी थी, का हिन्दी रूपांतरण थी। इस फ़िल्म में भरतनाट्यम की नृत्यांगना सुधा चंद्रन ने प्रमुख भूमिका निभाई थी।


{'मोनालिसा' चित्र की पृष्ठभूमि में निम्नलिखित में से क्या दर्शाया गया हैं। (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-108,प्रश्न-40
{[[गुप्तकाल]] की सर्वप्रमुख विशेषता क्या है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-219,प्रश्न-246
|type="()"}
|type="()"}
-देवदूत
-[[मूर्तिकला]]
-गिरजाघर
+मंदिरों का निर्माण
-इमारतों की गली
-[[चित्रकला]]
+दृश्य चित्र
-काष्ठकला
||मोनालिया इटैलियन चित्रकार लियोनार्दों द विंसी द्वारा 1508-06 ई. के मध्य चित्रित की गई। इस चित्र की पृष्ठभूमि में प्राकृतिक दृश्य चित्र दर्शाया गया है। वर्तमान में यह पेरिस के लूव्र संग्रहालय में है।
||[[गुप्तकाल]] में मंदिरों का निर्माण काफी संख्या में हुआ था। इस काल में [[मूर्तिकला]] एवं [[चित्रकला]] का भी विकास हुआ किंतु सर्वप्रमुख विशेषता मंदिरों का निर्माण ही है।


{'सूरजमुखी के फूल' किसकी कृति है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-122,प्रश्न-53
{[[सारनाथ]] का 'धमेख-स्तूप' के निर्माणकर्त्ता शासक हैं(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-215,प्रश्न-219
|type="()"}
|type="()"}
-सेरा
+[[मौर्य]]
-मातिस
-[[कुषाण]]
-मोने
-शंग
+वान गॉग
-[[गुप्त]]
||'सूरजमुखी के फूल' का चित्र विन्सेंट वान गॉग द्वारा चित्रित एक प्रसिद्ध चित्र है। वर्तमान में यह चित्र नेशनल गैलरी (लंदन) में रहा हुआ है।
||'धमेख-स्तूप' एक वृहत स्तूप है जो [[सारनाथ]] में स्थित है। इसका निर्माण मौर्यकाल में हुआ था। यह बेलनकार इमारत है, जिसकी ऊंचाई 43.5 मीटर है जो पत्थर एवं ईंटों की बनी है।


{'लाओलून' क्या है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-176,प्रश्न-74
{'तारीख-ए-अल्फी' क्या है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-213,प्रश्न-208
|type="()"}
|type="()"}
-ऑयल पेंटिंग
-मुगल इतिहास
-जलरंग
+ईरान का इतिहास
+मूर्ति
-दुनिया का इतिहास
-म्यूरल
-कश्मीर का इतिहास
||'लाओकून' मूर्ति है। यह 1506 ई. में राम में खुदाई के दौरान मिली और इसे वेटिकन सिटी में सार्वकनिक प्रदर्शन के लिए रखा गया।
||'तारीख-ए-अल्फी' में ईरान का इतिहास वर्णित है। इसकी रचना 1582 ई. में अकबर द्वारा नियुक्त एक समिति के द्वारा की गई।


{'पोटैटो ईटर्स' नामक प्रसिद्ध चित्र किसका है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-123,प्रश्न-64
{[[उत्तर प्रदेश]] में किस स्थान की 'ब्लैक पॉटरी' प्रसिद्ध है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-209,प्रश्न-177
|type="()"}
|type="()"}
-रेन्वार
-[[चुनार]]
-काउरबेट
-[[रामपुर]]
+वान गॉग
-[[लखनऊ]]
-मोडीग्लानी
-निजामाबाद
||'पोटैटो ईटर्स' (आलूभक्षी) नामक तैल चित्र विन्सेंट वान गॉग द्वारा 1885 में चित्रित किया गया। वर्तमान में यह चित्र एमर्स्टडम के वान गॉग म्यूजियम में सुरक्षित है।
||[[उत्तर प्रदेश]] के [[आजमगढ़ ज़िला|आजमगढ़ जिले]] के निजामाबाद की ब्लैक पॉटरी प्रसिद्ध है।
 


{[[ईसाई धर्म]] की पुस्तक बाइबिल मूल रूप से किस भाषा में लिखी गई है?
-लैटिन
-[[अंग्रेजी]]
-[[जर्मनी]]
+हिब्रु
||[[ईसाई धर्म]] की पुस्तक बाइबिल (Bible) मूल रूप से हिब्रु (Hebrew) भाषा में लिखी गई है।


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Latest revision as of 13:00, 31 March 2018

Syntax error

1 इलाहाबाद विश्वविद्यालय में चित्रकला विभाग की स्थापना किस चित्रकार ने की थी?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-97,प्रश्न-3

एल. एम. सेन
ए. के हल्दर
क्षितीन्द्रनाथ मजूमदार
जामिनी राय

2 'प्रभु हरिदास अंतिम अवस्था में' किसने चित्रित किया है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-98,प्रश्न-9

रणवीर सिंह विष्ट
नंदलाल बोस
क्षितीन्द्रनाथ मजूमदार
ललित मोहन सेन

3 'मणिकुट्टिम पद्धति' में किस वस्तु का प्रयोग किया जाता है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-103,प्रश्न-12

रंग
संगमरमर
लकड़ी
सीमेंट

4 'अंतिम भोज' चित्र के चित्रकार का क्या नाम है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-109,प्रश्न-49

माइकेल एंजिलो
रूबेन्स
लियोनार्डो दा विंची
बोत्तिचेल्ली

5 इनमें से घनवादी कलाकार नहीं हैं(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-130,प्रश्न-45

ब्राक
पिकासो
फर्ना लेजे
जेम्स एन्सोर

6 कौन यथार्थवादी चित्रकार, चित्रकार के साथ-साथ सुप्रसिद्ध व्यंग्य चित्रकार भी था।(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-132,प्रश्न-1

दाउमियर
कुर्बे
डेविड
गोया

7 'आटोबायोग्राफी: डायरी ऑफ ए जीनियस' किसकी आत्मकथा है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-134,प्रश्न-16

एम. एफ. हुसैन
सल्वाडोर डॉली
पाब्लो पिकासो
वान गॉग

8 बरोक शैली का मुख्य कलाकार कौन है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-141,प्रश्न-22

रूबेन्स
कारावेजियो
रेम्ब्रां
बोट्टीचेल्ली

9 'पिशाचिनियों की सभा' किसकी कृति है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-142,प्रश्न-34

पिसारो
माइकेल एंजिलो
लिओनार्डो दा विंची
गोया

10 कलकत्ता ग्रुप की स्थापना किस वर्ष में हुई?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-149,प्रश्न-84

1935
1940
1943
1948

11 भारतीय चित्रकला का मूल तत्त्व क्या है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-172,प्रश्न-47

रंग
शीर्षक
रेखा
धर्म

12 जूट माध्यम से मूर्तिकला के प्रयोग कौन करता है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-195,प्रश्न-79

मृणालनी मुखर्जी
मीरा मुखर्जी
गोगी सरोजपाल
अंजलि इला मेनन

13 'जहांगीर आर्ट गैलरी' स्थित है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-201,प्रश्न-120

दिल्ली में
मुंबई में
गुजरात में
लखनऊ में

14 सवाई मान सिंह द्वारा बनाया गया 'जंतर-मंतर' कहाँ स्थित है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-230,प्रश्न-331

जयपुर
पटना
हैदराबाद
बड़ौदा

15 'टेराकोटा' के लिए कौन-सी जगह प्रसिद्ध है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-232,प्रश्न-349

मथुरा
बस्तर
गोरखपुर
जौनपुर

16 रिनी घुमाल किसके लिए प्रख्यात हैं?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-193,प्रश्न-67

पेंटिंग के लिए
मूर्ति के लिए
संस्थापन कला के लिए
न्यू मीडिया आर्ट के लिए

17 मधुबनी किस राज्य की लोक कला है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-224,प्रश्न-292

पश्चिमी बंगाल
उत्तर प्रदेश
बिहार
पंजाब

18 निम्नलिखित में से कौन टैगोर परिवार से संबंधित नहीं है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-229,प्रश्न-327

रबीन्द्रनाथ
अबनीन्द्रनाथ
गगेन्द्रनाथ
राजेन्द्रनाथ

19 प्रथम भारतीय महिला चित्रकार कौन थीं?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-231,प्रश्न-344

ललिता लाजमी
अमृता शेरगिल
गौरी भंज
सुनयनी देवी

20 वह कौन सी महिला है, जिन्होंने साहित्य के साथ चित्रकारी भी कि हैं?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-232,प्रश्न-347

किरण शर्मा
रचना
महादेवी वर्मा
सविता श्रीवास्तव

21 'महा स्फिंक्स अवस्थित है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-233,प्रश्न-352

सक्कारा में
गीजा में
लक्सर में
असुआन में

22 रवि वर्मा के चित्र का सबसे बड़ा संग्रहालय कहाँ है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-92,प्रश्न-24

प्रिंस ऑफ वेल्स में
राष्ट्रीय संग्रहालय, नई दिल्ली में
सालार जंग संग्रहालय, हैदराबाद में
चित्रा आर्ट गैलरी, त्रिवेंद्रम में

23 'कनिष्क' मूर्ति किस काल में बनी थी?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-229,प्रश्न-324

गुप्त काल
मौर्य काल
शुंग काल
कुषाण काल

24 भगवान बुद्ध ने पहला उपदेश कहाँ दिया था?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-227,प्रश्न-311

सारनाथ में
वैशाली में
साँची में
बोधगया में

25 नृत्यांगना सुधा चंद्रन की फ़िल्म है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-225,प्रश्न-299

पायल की झंकार
डा‌ंस इंडिया डांस
नाचे मयूरी
आजा नच ले

26 गुप्तकाल की सर्वप्रमुख विशेषता क्या है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-219,प्रश्न-246

मूर्तिकला
मंदिरों का निर्माण
चित्रकला
काष्ठकला

27 सारनाथ का 'धमेख-स्तूप' के निर्माणकर्त्ता शासक हैं(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-215,प्रश्न-219

मौर्य
कुषाण
शंग
गुप्त

28 'तारीख-ए-अल्फी' क्या है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-213,प्रश्न-208

मुगल इतिहास
ईरान का इतिहास
दुनिया का इतिहास
कश्मीर का इतिहास

29 उत्तर प्रदेश में किस स्थान की 'ब्लैक पॉटरी' प्रसिद्ध है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-209,प्रश्न-177

चुनार
रामपुर
लखनऊ
निजामाबाद