प्रयोग:कविता सा.-1: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
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{'अमृता कला वीथिका' किस शहर में है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-226,प्रश्न-307
 
{[[इलाहाबाद विश्वविद्यालय]] में [[चित्रकला]] विभाग की स्थापना किस चित्रकार ने की थी?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-97,प्रश्न-3
|type="()"}
-एल. एम. सेन
-ए. के हल्दर
+क्षितीन्द्रनाथ मजूमदार
-[[जामिनी राय]]
||[[इलाहाबाद विश्वविद्यालय]] में [[चित्रकला]] विभाग की स्थापना क्षितीन्द्रनाथ मजूमदार ने की थी?
 
{'प्रभु हरिदास अंतिम अवस्था में' किसने चित्रित किया है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-98,प्रश्न-9
|type="()"}
|type="()"}
-भदोही
-रणवीर सिंह विष्ट
+[[गोरखपुर]]
-[[नंदलाल बोस]]
-[[लखनऊ]]
+क्षितीन्द्रनाथ मजूमदार
-[[कानपुर]]
-ललित मोहन सेन
||'अमृता कला वीथिका' [[गोरखपुर]] में स्थित है। अमृता कला वीथिका गोरखपुर के दीन दयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय के ललित कला विभाग से संबंध है।
||क्षितीन्द्रनाथ मजूमदार ने वैष्णव संत चैतन्य के जीवन से कई दृश्यों को चित्रित किया है जिनमें 'प्रभु हरिदास अंतिम अवस्था' चित्र भी शामिल है जो वाश पेपर एवं जलरंग से चित्रित है।


{[[एन.एस. बेंद्रे]] का शिष्य कौन नहीं था? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-94,प्रश्न-2
{'मणिकुट्टिम पद्धति' में किस वस्तु का प्रयोग किया जाता है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-103,प्रश्न-12
|type="()"}
|type="()"}
+के.एस. कुलकर्णी
-रंग
-शांति दवे
+संगमरमर
-जे.आर. संतोष
-लकड़ी
-[[गुलाम शेख]]
-सीमेंट
||के.एस. कुलकर्णी, [[एन.एस. बेन्द्रे]] के समकालीन थे। एन.एस. बेंद्रे का जन्म वर्ष [[1910]] में [[इंदौर]] में तथा के.एस. कुलकर्णी का जन्म वर्ष [[1918]] में पूना में हुआ था। के.एस. कुलकर्णी वर्ष [[1972]] में [[बनारस]] विश्वविद्यालय के ललित कला संकाय के डीन पद पर रहे जबकि एन.एस. बेंद्रे बड़ौदा विश्वविद्यालय में [[चित्रकला]] विभाग के प्रोफेसर रहे। विकल्प में वर्णित अन्य चित्रकार एन.एस. बेन्द्रे के शिष्य थे।
||'मणिकुट्टिम पद्धति' में संगमरमर का प्रयोग किया जाता है।


{रस सिद्धांत का प्रतिपादन किसने किया? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-156,प्रश्न-15
{'अंतिम भोज' चित्र के [[चित्रकार]] का क्या नाम है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-109,प्रश्न-49
|type="()"}
|type="()"}
+[[अभिनवगुप्त]]
-माइकेल एंजिलो
-[[आनंदवर्धन]]
-रूबेन्स
-सानंदवर्धन
+[[लियोनार्डो दा विंची]]
-श्रीशंकुक
-बोत्तिचेल्ली
||अभिनवगुप्त ने रस सिद्धांत की मनोवैज्ञानिक व्याख्या (अभिव्यंजनावाद) कर अलंकार शास्त्र को दर्शन के उच्च स्तर पर प्रतिष्ठित किया तथा प्रत्यभिज्ञा और त्रिक दर्शनों को प्रौढ़ भाष्य प्रदान कर इन्हें तर्क की कसौटी पर व्यवस्थित किया।
||'अंतिम भोज' चित्र के चित्रकार लियोनार्डो विंचीं है।
 


{'[[मदर टेरेसा]]' सीरीज किसकी रचना है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-100,प्रश्न-16
{इनमें से घनवादी कलाकार नहीं हैं(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-130,प्रश्न-45
|type="()"}
|type="()"}
-गणेश पाइन
-ब्राक
-विकास भट्टाचार्य
-पिकासो
+[[एम.एफ. हुसैन]]
-फर्ना लेजे
-पी.टी. रेड्डी
+जेम्स एन्सोर
||[[एम.एफ. हुसैन]] प्रसिद्ध चित्र 'नीली रात' के चित्रकार हैं। इनकी कला यथार्थवादी चित्रांकन से लेकर उन्नीसवीं शताब्दी की ब्रिटिश अकादमिक परंपरा से संभावित शैली का प्रतिनिधित्व करती है। इन्होंने कई फिल्में बनाई जिनमें मीनाक्षी, गजगामिनी,थ्रू द आइज ऑफ पेंटर आदि इनकी प्रमुख फिल्में हैं। साथ ही सुप्रसिद्ध चित्र शृंखलाएं भी बनाई जिसमें प्रमुख हैं- सरस्वती, [[मदर टेरेसा]], घोड़े, माधुरी, जमीन, लैंप और मकड़ी, दो स्त्रियों का संवाद, मुर्गा, अंतिम भोज, राइडर्ज, आपातकाल, ढोलकिया, नीला रात, जापान में प्रेमी, दुपट्टों में तीन औरतें, बनारस के घाट तथा भारतमाता (यह चित्र काफी विवादास्पद रहा) आदि।{{point}} '''अधिक जानकारी के लिए देखें-:''' [[एम.एफ. हुसैन]]
||दिए गए विकल्पों में जेम्स एन्सोर घनवादी कलाकार नहीं हैं बल्कि वे अभिव्यंजनावादी कलाकार हैं जबकि ब्राक, लेजे एवं पिकासो घनवादी कलाकार हैं।


{भारतीय लद्यु चित्रों की [[बूंदी चित्रकला|बूंदी शैली]] का उत्कर्ष किसके समय से हुआ? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-53,प्रश्न-5
{कौन यथार्थवादी [[चित्रकार]], चित्रकार के साथ-साथ सुप्रसिद्ध व्यंग्य चित्रकार भी था।(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-132,प्रश्न-1
|type="()"}
|type="()"}
-राव छतर सिंह
+दाउमियर
-राव भाव सिंह
-कुर्बे
-सवाई जय सिंह
-डेविड
+राव उम्मेद सिंह
-गोया
||राव उमेद सिंह (1748-1771 ई.) के समय में [[बूंदी चित्रकला|बूंदी शैली]] का उत्कर्ष हुआ। राव उमेद सिंह ने बूंदी शैली के अंतर्गत रागमाला तथा बारहमासा शैली की चित्रकारी को भी प्रोत्साहन दिया।
||होनोर दाउमियर एक प्रतिभाशाली प्रिंटमेकर, कार्टूनिस्ट, [[चित्रकार]] एवं [[मूर्तिकार]] थे।


{बंगाल शैली के जनक कौन थे? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-79,प्रश्न-17
{'आटोबायोग्राफी: डायरी ऑफ ए जीनियस' किसकी आत्मकथा है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-134,प्रश्न-16
|type="()"}
|type="()"}
-[[रबीन्द्रनाथ टैगोर]]
-[[एम. एफ. हुसैन]]
+[[अवनीन्द्रनाथ ठाकुर|अबनीन्द्रनाथ टैगोर]]
+सल्वाडोर डॉली
-[[गगनेन्द्रनाथ टैगोर]]
-पाब्लो पिकासो
-[[नंदलाल बोस]]
-वान गॉग
||वॉश पेंटिंश (जलरंग तकनीक) का प्रारंभ [[शांति निकेतन]] कला महाविद्यालय, [[कोलकाता]] (कलकत्ता) से हुआ।
||'आटोबायोग्राफी: डायरी ऑफ ए जीनियस' सल्वाडोर डॉली की आत्मकथा है 'ए जीनियस ऑफ डायरी' इनकी आत्मकथा का प्रथम भाग था। सल्वाडो डॉली विलक्षण एवं बहुमुखी प्रतिभाशाली कलाकार थे। वे अतियथार्थवाद के प्रणेता थे।


{विदेशी चित्रण पद्धति के प्रथम भारतीय [[चित्रकार]] कौन थे? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-91,प्रश्न-15
{बरोक शैली का मुख्य कलाकार कौन है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-141,प्रश्न-22
|type="()"}
|type="()"}
-थिओडोर जेनसन
-रूबेन्स
+[[राजा रवि वर्मा]]
+कारावेजियो
-जहांगीर सावकला
-रेम्ब्रां
-राजा देव वर्मन
-बोट्टीचेल्ली
||[[राजा रवि वर्मा]] [[भारत]] के विख्यात चित्रकार थे। उन्होंने भारतीय साहित्य और संस्कृति के पात्रों का चित्रण किया। उनके चित्रों की सबसे बड़ी विशेषता हिन्दू महाकाव्यों और धर्म ग्रंथों पर बनाए गए चित्र हैं।{{point}} '''अधिक जानकारी के लिए देखें-:''' [[राजा रवि वर्मा]]
||कारावेजियो इटली के महान [[चित्रकार]] थे। उन्होंने अपनी पेंटिंग में बरोक शैली का प्रयोग किया।


{माइकल एंजिलो [[चित्रकार]] होने के साथ ही- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-106,प्रश्न-21
{'पिशाचिनियों की सभा' किसकी कृति है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-142,प्रश्न-34
|type="()"}
|type="()"}
-[[वास्तुकार]]
-पिसारो
-[[कवि]]
+माइकेल एंजिलो
-[[मूर्तिकार]]
-[[लिओनार्डो दा विंची]]  
+उपर्युक्त सभी
-गोया
||माइकेल एंजिलो ने 'आदम की उत्पत्ति' नामक चित्र बनाया था।
||फ्रांसिस्को गोया ने 'पिशाचिनियों की सभा' चित्र को चित्रित किया।


{निम्न में से कौन-सा कलाकार पूर्व पुनरुत्थान कला से संबंधित नहीं है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-110,प्रश्न-56
{कलकत्ता ग्रुप की स्थापना किस वर्ष में हुई?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-149,प्रश्न-84
|type="()"}
|type="()"}
-मैसेचियो
-1935
-पाओलो उचेल्लो
-1940
-बोत्तिचेल्ली
+1943
+पिकार्डी
-1948
||पिकार्डी पूर्व पुनरुत्थान काल से संबंधित नहीं हैं। शेष पुनरुत्थान काल से संबंधित हैं।
||'कलकत्ता ग्रुप' आधुनिक कला का भारत में वर्ष 1943 में स्थापित प्रथम ग्रुप है। कलकत्ता ग्रुप के संस्थापकों में प्रदोष दासगुप्ता एवं उनकी पत्नी कमला शुभो टैगोर, परितोष सेन, गोपाल, घोष, निरोदे मजूमदार आदि प्रमुख थे।


{बैले नृत्यों को चित्रित करने वाले प्रभाववादी कलाकार का नाम बताइए? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-119,प्रश्न-27
{भारतीय चित्रकला का मूल तत्त्व क्या है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-172,प्रश्न-47
|type="()"}
|type="()"}
-मोने
-[[रंग]]
-माने
-शीर्षक
-सिसली
+रेखा
+डेगा
-[[धर्म]]
||नृत्य गृहों में डेगा को नवीन ढंग से संयोजन करने के लिए समुचित वातावरण एवं अनोखा कृत्रिम प्रकाश जो उनको विशेष पसंद थे। उनके नर्तकियों के चित्र स्वाभाविक वातावरण व गतित्व से सजीव एवं आदर्श आकार व लय से सुडौल बन गए हैं।
||[[चित्रकला]] के मुख्य रूप से 6 मूल तत्त्व होते हैं - रेखा, रूप, वर्ण, तान, पोत और अंतराल।


{[[अजंता की गुफ़ाएँ|अजंता]], [[एलोरा की गुफाएं]] कितने वर्ष में बनकर तैयार हुई? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-31,प्रश्न-20
{जूट माध्यम से [[मूर्तिकला]] के प्रयोग कौन करता है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-195,प्रश्न-79
|type="()"}
|type="()"}
-छ: सौ वर्ष
+मृणालनी मुखर्जी
-आठ सौ वर्ष
-मीरा मुखर्जी
-दस सौ वर्ष
-गोगी सरोजपाल
+ग्यारह सौ वर्ष
-[[अंजलि इला मेनन]]
||भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अनुसार [[अजंता की गुफ़ाएँ|अजंता की गुफाओं]] के चित्र मुख्य रूप से द्वितीय शताब्दी ई.पू. से छठीं शताब्दी ई.पू. के हैं तथा एलोरा के चित्र 600 से 1000 ई. के बीच बने हैं जो लगभग ग्यारह सौ वर्ष से कुछ अधिक होते हैं। अत: निकटतम उत्तर ग्यारह सौ वर्ष होगा।
||जूट के माध्यम से [[मूर्तिकला]] का निर्माण मृणालनी मुखर्जी करती हैं। इनका जन्म वर्ष 1949 में [[मुंबई]] में हुआ था। इनके पिता बिनोद बिहारी एक कलाकार थे वर्ष 1971 में मृणालनी मुखर्जी ने मूर्तिकला के लिए ब्रिटिश काउंसिल से छात्रवृत्ति प्राप्त की।


{[[कांगड़ा चित्रकला|कांगड़ा शैली]]' के चित्रकारों का प्रिय विषय क्या था? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-74,प्रश्न-17
{'जहांगीर आर्ट गैलरी' स्थित है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-201,प्रश्न-120
|type="()"}
|type="()"}
-प्रकृति चित्रण
-[[दिल्ली]] में
+[[राधा]]-[[कृष्ण]]
+[[मुंबई]] में
-[[शिव]]-[[पार्वती]]
-[[गुजरात]] में
-इनमें से कोई नहीं
-[[लखनऊ]] में
||[[कांगड़ा चित्रकला|कांगड़ा शैली]] के चित्रकारों का प्रिय विषय 'राधा-कृष्ण' के चित्रण था। कांगड़ा शैली के संरक्षक राजा संसारचंद वैष्णव धर्म के अनुयायी और [[कृष्ण]] भक्त थे। उनका प्रश्रय पाकर चित्रकारों ने कृष्ण-लीला जैसे विषय को अपनी रुचि के अनुरूप चित्रित किया। [[कृष्ण]] से बढ़कर नायक उनकी दृष्टि में नहीं था। यही कारण है कि समस्त पहाड़ी कला-कृतियों में कृष्ण-कृतियों में कृष्ण का चित्रण छाया रहा। कृष्ण संबंधी अनेक कांगड़ा चित्र संसार भर के संग्रहालयों में देखे जा सकते हैं।
||जहांगीर आर्ट गैलरी मुबंई में स्थित है जिसकी स्थापना सर कोवासजी जहांगीर ने के. के . हेब्बर एवं होमी भाभा के अनुरोध पर किया। इसका निर्माण वर्ष 1952 में किया।


{'सिस्टीन मेडोना' को किसने चित्रित किया है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-107,प्रश्न-33
{सवाई मान सिंह द्वारा बनाया गया 'जंतर-मंतर' कहाँ स्थित है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-230,प्रश्न-331
|type="()"}
|type="()"}
-[[लियोनार्डो दा विंची|लियोनार्डो]]
+[[जयपुर]]
-बोत्तिचेल्ली
-[[पटना]]
+राफेल
-[[हैदराबाद]]
-मैसिचियो
-[[बड़ौदा]]
||पुनरुत्थानवादी चित्रकार (इटालियन) राफेक सैंजिओ के प्रमुख चित्र हैं- सैनिक का स्वप्न, स्कूल ऑफ़ एथेंस, क्रूसीफिक्शन, सिस्टीन मेडोना, मेडोना ऑफ़ द गोल्ड फिंचम परनासस, ज्यूरिस प्रूडेंस, द मैरिज ऑफ़ वर्जिन, ट्रांसफिगरेशन इत्यादि।
||सवाई मान सिंह की आकांक्षा थी कि जंतर-मंतर बनवाएँ किंतु वे ऐसा नहीं कर पाए। सवाई राजा जय सिंह द्वितिय जंतर-मंतर बनवाया जबकि प्रश्न को गलत रुप में पूछा गया है।


{'नवप्रभाववाद' के प्रणेता कौन थे? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-120,प्रश्न-39
{'टेराकोटा' के लिए कौन-सी जगह प्रसिद्ध है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-232,प्रश्न-349
|type="()"}
|type="()"}
+जॉर्ज सोरा
-[[मथुरा]]
-वान गॉग
-[[बस्तर]]
-सेजां
+[[गोरखपुर]]
-मोने
-[[जौनपुर]]
||'नवप्रभाववाद' का संस्थापक जॉर्ज सोरा था। नवप्रभाववाद की अवधि 1884-1886 ई. थी। इसमें तेल व कैनवास की सहायता से चित्रों को उकेरा गया।
||[[टेराकोटा]] या मिट्टी की कला, एक ऐसी कृति है  जो मिट्टि से बनी तथा पकाने पर चमक रहित होती है। यह सामान्यत: लाल रंग की होती है। [[गोरखपुर]] 'टेराकोटा' कला के लिए प्रसिद्ध है।


{असंबद्ध चित्रकार का नाम बताएं- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-129,प्रश्न-39
{रिनी घुमाल किसके लिए प्रख्यात हैं?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-193,प्रश्न-67
|type="()"}
|type="()"}
-[[जामिनी राय]]
+पेंटिंग के लिए
+[[राजकुमार]]
-मूर्ति के लिए
-बी.प्रभा
-संस्थापन कला के लिए
-के.एस. कुलकर्णी
-न्यू मीडिया आर्ट के लिए
||राजकुमार वर्मा का संबंध प्रोग्रेसिव आर्टिस्ट ग्रुप से था तथा वे [[भारत]] में अमूर्त कला के सबसे महत्त्वपूर्ण एवं पहले [[चित्रकार]] थे। शेष इनसे भिन्न हैं।
||रिनी घुमाल पेंटिंग के लिए प्रसिद्ध हैं। इनका जन्म वर्ष 1984 में [[बंगाल]] में हुआ था। वर्ष 1988 में इन्हें ललित कला आकादमी का राष्ट्रीय पुस्कार तथा वर्ष 1984 एवं 1988 में ऑल इंडिया फाइन आर्ट्स एंड क्राफ्ट्स सोसाइटी पुरस्कार प्राप्त हुआ था।


{[[तैयब मेहता]] किस अंग्रेज [[चित्रकार]] से प्रभावित थे? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-144,प्रश्न-49
{मधुबनी किस राज्य की लोक कला है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-224,प्रश्न-292
|type="()"}
|type="()"}
+फ्रांसिस बेकन
-पश्चिमी बंगाल
-डेविड हॉवनी
-[[उत्तर प्रदेश]]
-केटी
+[[बिहार]]
-डेविड
-[[पंजाब]]
||प्रगतिवादी समूह के कलाकार 'गायतोंड़े' (जो बाद में 'बॉम्बे ग्रुप' नामक नए समूह से जुड़ गए थे) एक पेंटर के रूप में जाने जाते थे। इन्होंने वस्तु- जनित संयोजन और श्रेष्ठ पोत का निर्माण किया।
||मधुबनी, बिहार की लोक कला है। बिहार के पिपरिया के ग्रामिण अंचलों में इस सरल एवं लयात्मक चित्रकारी की संस्कृति यद्यपि काफी पहले से प्रचलित रही है। मधुबनी के लोकप्रिय चित्र प्राकृतिक रंगों से बनाए जाते हैं।


{[[रंग]] क्या है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-159,प्रश्न-15
{निम्नलिखित में से कौन टैगोर परिवार से संबंधित नहीं है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-229,प्रश्न-327
|type="()"}
|type="()"}
-कलर स्टिक
-[[रबीन्द्रनाथ टैगोर|रबीन्द्रनाथ]]
-कलर केक
-[[अबनीन्द्रनाथ टैगोर|अबनीन्द्रनाथ]]
-कलर बॉटल
-गगेन्द्रनाथ
+प्रकाश का गुण
+राजेन्द्रनाथ
||हमें वस्तुओं का रंग बोध, प्रकाश की किरणों के द्वारा ही होता है। ये प्रकाश की किरणें वस्तु से प्रतिबिंबित होकर रेटिना। (दृष्टिपटल) तक पहुंचती हैं। ऊर्जा का जो विकिरण हम नेत्रों से अनुभव करते हैं उसे वर्ण या [[रंग]] कहा जाता है।
||टैगोर (ठाकुर) परिवार से राजेन्द्रनाथ नहीं थे। शेष टैगोर परिवार से संबद्ध हैं [[गगनेन्द्रनाथ टैगोर]], [[अबनीन्द्रनाथ टैगोर]] के बड़े भाई और [[रवीन्द्रनाथ टैगोर]] के भतीजे थे।


{आलंकारिक आलेखन किन रेखाओं से बनाए जाते हैं? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-164,प्रश्न-54
{प्रथम भारतीय महिला [[चित्रकार]] कौन थीं?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-231,प्रश्न-344
|type="()"}
|type="()"}
+अयात्मक रेखा
-ललिता लाजमी
-ज्यामितिक रेखा
-अमृता शेरगिल
-सीधी रेखा
-गौरी भंज
-कठोर रेखा
+सुनयनी देवी
||आलंकारिक आलेखन लयात्मक रेखाओं से बनाए जाते हैं। जब किसी इकाई की निश्चित क्रम में पुनरावृत्ति होती है तो व्यवस्थित लय प्राप्त होती है। इसका प्रयोग मुख्यत: आलंकारिक चित्रण में किया जा सकता है।
||प्रथम भारतीय महिला [[चित्रकार]] सुनयनी देवी थीं। ये बंगाल के पट चित्रों की शैली से प्रभावित थीं। वर्ष 1905 से 1938  तक ये चितेरी के रूप में सक्रिय रहीं।


{कालीघाट के चित्र किस चित्रकार की प्रेरणा बने? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-86,प्रश्न-72
{वह कौन सी महिला है, जिन्होंने साहित्य के साथ चित्रकारी भी कि हैं?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-232,प्रश्न-347
|type="()"}
|type="()"}
+[[जामिनी राय]]
-किरण शर्मा
-वी.एस. गायतोंडे
-रचना
-[[रबींद्रनाथ टैगोर]]
+महादेवी वर्मा
-[[अमृता शेरगिल]]
-सविता श्रीवास्तव
||[[जामिनी राय]] ने बंगाल की अल्पना, खिलौनों तथा पटुआ व कालीघाट चित्रण से प्रेरणा लेकर चित्रण किया।
||महादेवी वर्मा साहित्य के साथ चित्रकार भी थीं। उनकी रचना दीपशिखा एवं सांध्यगीत में यह दर्शित होता है।


{बिंदुवाद का कलाकार कौन था? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-121,प्रश्न-45
{'महा स्फिंक्स अवस्थित है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-233,प्रश्न-352
|type="()"}
|type="()"}
-गोगां
-सक्कारा में
+सोरा
+गीजा में
-रेन्वार
-लक्सर में
-लौत्रेक
-असुआन में
||नवप्रभाववाद के प्रेणेता सोरा का जन्म [[1859]] ई. में पेरिस में हुआ। उन्होंने कला का अध्ययन वहां के 'एकोल द बोजार' में प्राप्त किया। सन् [[1884]] में उन्होंने अपने विख्यात चित्र 'ग्रांद जात्त द्वीप में रविवासरीय अपराह्व' को आरंभ किया तथा [[1886]] ई. में उसे पूर्ण करके 'सलों द अंदेपांदा' में प्रदर्शित किया। सोरा की रंगांकन पद्धति को 'बिंदुवादी पद्धति' भी कहा जाता है।
||'महान स्फिंक्स (Great Sphinx) मिस्त्र में नील नदी के पश्चिमी तट पर गीजा में एक चूने के पत्थर की मूर्ति है जिसका शरीरा सिंह के समान तथा मुंह स्त्री की भांति है।


{[[वात्स्यायन]] कामसूत्र में वर्णित कलाओं की संख्या है- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-157,प्रश्न-28
{[[राजा रवि वर्मा|रवि वर्मा]] के चित्र का सबसे बड़ा संग्रहालय कहाँ है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-92,प्रश्न-24
|type="()"}
|type="()"}
+64
-प्रिंस ऑफ वेल्स में
-65
-राष्ट्रीय संग्रहालय, नई दिल्ली में
-66
+सालार जंग संग्रहालय, हैदराबाद में
-67
-चित्रा आर्ट गैलरी, त्रिवेंद्रम में
||'कामसूत्र' वात्स्यायन द्वारा लिखा गया भारत का एक 'कामशास्त्र ग्रंथ' है। कामसूत्र को उसके विभिन्न आसनों के लिए जाना जाता है। वात्स्यायन का कामसूत्र विश्व की प्रथम यौन संहिता है जिसमें यौन प्रेम के मनोशारीरिक सिद्धांतों तथा प्रयोग की विस्तृत व्याख्या एवं विवेचना की गई है।
||रवि वर्मा के चित्र का सबसे बड़ा संग्रह सालार जंग संग्रहालय [[हैदराबाद]] में है।
 


{[[उत्तर प्रदेश]] राज्य [[ललित कला अकादमी]] के अध्यक्ष कौन हैं? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-198,प्रश्न-98
{'[[कनिष्क]]' मूर्ति किस काल में बनी थी?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-229,प्रश्न-324
|type="()"}
|type="()"}
+बृजेन्द्र
-[[गुप्त काल]]
-सुरेन्द्र सिंह
-[[मौर्य काल]]
-योगेन्द्रनाथ योगी
-[[शुंग काल]]
-जयकृष्ण अग्रवाल
+[[कुषाण काल]]
||[[उत्तर प्रदेश]] राज्य [[ललित कला अकादमी]] के स्थापना [[8 फरवरी]], [[1962]] को [[उत्तर प्रदेश]] सरकार के संस्कृति विभाग की पूर्णत: वित्तपोषित स्वायत्तशासी इकाई के रूप में हुई थी। इसके प्रथम अध्यक्ष डॉ. संपूर्णानंद (16 मार्च, 1962-26 अक्टूबर, [[1962]]) थे। प्रश्नकाल में कुंवर बृजेंद्र प्रताप सिंह ([[10 मार्च]], 2005-8 सितंबर, [[2006]]) इसके अध्यक्ष थे। वर्तमान में लाल जीत अहिर ([[2 सितंबर]], [[2013]] से) इसके अध्यक्ष हैं।
||'[[कनिष्क]]' मूर्ति कुषाण काल में मथुरा शैली में बनी थी। मथुरा में कनिष्क की एक विशाल खड़ी मूर्ति पाई गई है जिसकी दाहिनी भुजा में गदा और बाईं में तलवार है।


{स्वर्णित सिद्धांत के अनुसार [[काग़ज़]] पर चित्र को किस अनुपात में रखा जाता है। (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-174,प्रश्न-64
{भगवान बुद्ध ने पहला उपदेश कहाँ दिया था?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-227,प्रश्न-311
|type="()"}
|type="()"}
+2:3
+[[सारनाथ]] में
-6:7
-[[वैशाली]] में
-1:1
-[[साँची]] में
-4:6
-[[बोधगया]] में
||स्वार्णिम सिद्धांत के अनुसार [[काग़ज़]] पर चित्र को रखने उकेरने की शुरुआत फिबोनाची श्रेणी के अनुरूप सर्वल घुमाव के साथ की जाती है। इस सिद्धांत [[काग़ज़]] पर चित्र को 2:3 अनुपात में रखा जाता है।
||भगवान बुद्ध मे पहला उपदेश सारनाथ (ऋषिपतनम्) में दिया था जिसे बौद्ध ग्रंथों में 'धर्मचक्रप्रवर्तन' कहा गया है।


{नृत्यांगना सुधा चंद्रन की फ़िल्म है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-225,प्रश्न-299
|type="()"}
-पायल की झंकार
-डा‌ंस इंडिया डांस
+नाचे मयूरी
-आजा नच ले
||फ़िल्म नाचे मयुरी को वर्ष 1986 में प्रदर्शित किया गया। यह तेलुगू फ़िल्म मयूरी जो वर्ष 1984 में बनी थी, का हिन्दी रूपांतरण थी। इस फ़िल्म में भरतनाट्यम की नृत्यांगना सुधा चंद्रन ने प्रमुख भूमिका निभाई थी।


{किसी ठोस घन की कितनी सतहें होती हैं? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-172,प्रश्न-42
{[[गुप्तकाल]] की सर्वप्रमुख विशेषता क्या है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-219,प्रश्न-246
|type="()"}
|type="()"}
-3
-[[मूर्तिकला]]
+6
+मंदिरों का निर्माण
-4
-[[चित्रकला]]
-8
-काष्ठकला
||किसी ठोस घन की 6 सतहें होती हैं।
||[[गुप्तकाल]] में मंदिरों का निर्माण काफी संख्या में हुआ था। इस काल में [[मूर्तिकला]] एवं [[चित्रकला]] का भी विकास हुआ किंतु सर्वप्रमुख विशेषता मंदिरों का निर्माण ही है।


{'नारी जाति की रहस्यमयी पहेली' किसे कहा गया है। (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-108,प्रश्न-43
{[[सारनाथ]] का 'धमेख-स्तूप' के निर्माणकर्त्ता शासक हैं(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-215,प्रश्न-219
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|type="()"}
-मडोना की
+[[मौर्य]]
-यूरोपा को
-[[कुषाण]]
+मोनालिसा को
-शंग
-मंडोला को
-[[गुप्त]]
||[[लियोनार्डो दा विंची]] की पेंटिंग मोनालिसा को 'नारी जाति की रहस्यमयी पहेली' कहा गया है।
||'धमेख-स्तूप' एक वृहत स्तूप है जो [[सारनाथ]] में स्थित है। इसका निर्माण मौर्यकाल में हुआ था। यह बेलनकार इमारत है, जिसकी ऊंचाई 43.5 मीटर है जो पत्थर एवं ईंटों की बनी है।


{वान गॉग का प्रसिद्ध चित्र है- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-122,प्रश्न-56
{'तारीख-ए-अल्फी' क्या है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-213,प्रश्न-208
|type="()"}
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-द मून एंड द अर्थ
-मुगल इतिहास
-कार्ड प्लेयर्स
+ईरान का इतिहास
+सन फ्लावर
-दुनिया का इतिहास
-दे बेदर्स
-कश्मीर का इतिहास
||'सूरजमुखी के फूल' का चित्र विन्सेंट वान गॉग द्वारा चित्रित एक प्रसिद्ध चित्र है। वर्तमान में यह चित्र नेशनल गैलरी ([[लंदन]]) में रहा हुआ है।
||'तारीख-ए-अल्फी' में ईरान का इतिहास वर्णित है। इसकी रचना 1582 ई. में अकबर द्वारा नियुक्त एक समिति के द्वारा की गई।


{जॉन सेनेफील्डर ने किसका आविष्कार किया? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-176,प्रश्न-76
{[[उत्तर प्रदेश]] में किस स्थान की 'ब्लैक पॉटरी' प्रसिद्ध है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-209,प्रश्न-177
|type="()"}
|type="()"}
-इंटैग्लियो प्रिंटिंग
-[[चुनार]]
-स्क्रीन प्रिंटिंग
-[[रामपुर]]
+लिथोग्राफी
-[[लखनऊ]]
-लेटर
-निजामाबाद
||जॉन सेनेफील्डर (जर्मन) ने लिथोग्राफी का आविष्कार किया था। वर्ष 1789 में उन्होंने फ्लैट-सर्फेस प्रिंटिंश (आधुनिक लिथोग्राफी) की खोज की। सेनेफील्डर ने बाद में संगीत संपादक जॉन एंटोन एंड्रे के प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए अन्य लोगों को लिथोग्राफी में प्रशिक्षण देना प्रारंभ कर दिया।
||[[उत्तर प्रदेश]] के [[आजमगढ़ ज़िला|आजमगढ़ जिले]] के निजामाबाद की ब्लैक पॉटरी प्रसिद्ध है।
 
 
{[[ईसाई धर्म]] की पुस्तक बाइबिल मूल रूप से किस भाषा में लिखी गई है?
-लैटिन
-[[अंग्रेजी]]
-[[जर्मनी]]
+हिब्रु
||[[ईसाई धर्म]] की पुस्तक बाइबिल (Bible) मूल रूप से हिब्रु (Hebrew) भाषा में लिखी गई है।
 
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Latest revision as of 13:00, 31 March 2018

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1 इलाहाबाद विश्वविद्यालय में चित्रकला विभाग की स्थापना किस चित्रकार ने की थी?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-97,प्रश्न-3

एल. एम. सेन
ए. के हल्दर
क्षितीन्द्रनाथ मजूमदार
जामिनी राय

2 'प्रभु हरिदास अंतिम अवस्था में' किसने चित्रित किया है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-98,प्रश्न-9

रणवीर सिंह विष्ट
नंदलाल बोस
क्षितीन्द्रनाथ मजूमदार
ललित मोहन सेन

3 'मणिकुट्टिम पद्धति' में किस वस्तु का प्रयोग किया जाता है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-103,प्रश्न-12

रंग
संगमरमर
लकड़ी
सीमेंट

4 'अंतिम भोज' चित्र के चित्रकार का क्या नाम है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-109,प्रश्न-49

माइकेल एंजिलो
रूबेन्स
लियोनार्डो दा विंची
बोत्तिचेल्ली

5 इनमें से घनवादी कलाकार नहीं हैं(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-130,प्रश्न-45

ब्राक
पिकासो
फर्ना लेजे
जेम्स एन्सोर

6 कौन यथार्थवादी चित्रकार, चित्रकार के साथ-साथ सुप्रसिद्ध व्यंग्य चित्रकार भी था।(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-132,प्रश्न-1

दाउमियर
कुर्बे
डेविड
गोया

7 'आटोबायोग्राफी: डायरी ऑफ ए जीनियस' किसकी आत्मकथा है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-134,प्रश्न-16

एम. एफ. हुसैन
सल्वाडोर डॉली
पाब्लो पिकासो
वान गॉग

8 बरोक शैली का मुख्य कलाकार कौन है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-141,प्रश्न-22

रूबेन्स
कारावेजियो
रेम्ब्रां
बोट्टीचेल्ली

9 'पिशाचिनियों की सभा' किसकी कृति है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-142,प्रश्न-34

पिसारो
माइकेल एंजिलो
लिओनार्डो दा विंची
गोया

10 कलकत्ता ग्रुप की स्थापना किस वर्ष में हुई?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-149,प्रश्न-84

1935
1940
1943
1948

11 भारतीय चित्रकला का मूल तत्त्व क्या है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-172,प्रश्न-47

रंग
शीर्षक
रेखा
धर्म

12 जूट माध्यम से मूर्तिकला के प्रयोग कौन करता है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-195,प्रश्न-79

मृणालनी मुखर्जी
मीरा मुखर्जी
गोगी सरोजपाल
अंजलि इला मेनन

13 'जहांगीर आर्ट गैलरी' स्थित है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-201,प्रश्न-120

दिल्ली में
मुंबई में
गुजरात में
लखनऊ में

14 सवाई मान सिंह द्वारा बनाया गया 'जंतर-मंतर' कहाँ स्थित है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-230,प्रश्न-331

जयपुर
पटना
हैदराबाद
बड़ौदा

15 'टेराकोटा' के लिए कौन-सी जगह प्रसिद्ध है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-232,प्रश्न-349

मथुरा
बस्तर
गोरखपुर
जौनपुर

16 रिनी घुमाल किसके लिए प्रख्यात हैं?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-193,प्रश्न-67

पेंटिंग के लिए
मूर्ति के लिए
संस्थापन कला के लिए
न्यू मीडिया आर्ट के लिए

17 मधुबनी किस राज्य की लोक कला है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-224,प्रश्न-292

पश्चिमी बंगाल
उत्तर प्रदेश
बिहार
पंजाब

18 निम्नलिखित में से कौन टैगोर परिवार से संबंधित नहीं है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-229,प्रश्न-327

रबीन्द्रनाथ
अबनीन्द्रनाथ
गगेन्द्रनाथ
राजेन्द्रनाथ

19 प्रथम भारतीय महिला चित्रकार कौन थीं?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-231,प्रश्न-344

ललिता लाजमी
अमृता शेरगिल
गौरी भंज
सुनयनी देवी

20 वह कौन सी महिला है, जिन्होंने साहित्य के साथ चित्रकारी भी कि हैं?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-232,प्रश्न-347

किरण शर्मा
रचना
महादेवी वर्मा
सविता श्रीवास्तव

21 'महा स्फिंक्स अवस्थित है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-233,प्रश्न-352

सक्कारा में
गीजा में
लक्सर में
असुआन में

22 रवि वर्मा के चित्र का सबसे बड़ा संग्रहालय कहाँ है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-92,प्रश्न-24

प्रिंस ऑफ वेल्स में
राष्ट्रीय संग्रहालय, नई दिल्ली में
सालार जंग संग्रहालय, हैदराबाद में
चित्रा आर्ट गैलरी, त्रिवेंद्रम में

23 'कनिष्क' मूर्ति किस काल में बनी थी?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-229,प्रश्न-324

गुप्त काल
मौर्य काल
शुंग काल
कुषाण काल

24 भगवान बुद्ध ने पहला उपदेश कहाँ दिया था?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-227,प्रश्न-311

सारनाथ में
वैशाली में
साँची में
बोधगया में

25 नृत्यांगना सुधा चंद्रन की फ़िल्म है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-225,प्रश्न-299

पायल की झंकार
डा‌ंस इंडिया डांस
नाचे मयूरी
आजा नच ले

26 गुप्तकाल की सर्वप्रमुख विशेषता क्या है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-219,प्रश्न-246

मूर्तिकला
मंदिरों का निर्माण
चित्रकला
काष्ठकला

27 सारनाथ का 'धमेख-स्तूप' के निर्माणकर्त्ता शासक हैं(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-215,प्रश्न-219

मौर्य
कुषाण
शंग
गुप्त

28 'तारीख-ए-अल्फी' क्या है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-213,प्रश्न-208

मुगल इतिहास
ईरान का इतिहास
दुनिया का इतिहास
कश्मीर का इतिहास

29 उत्तर प्रदेश में किस स्थान की 'ब्लैक पॉटरी' प्रसिद्ध है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-209,प्रश्न-177

चुनार
रामपुर
लखनऊ
निजामाबाद