प्रयोग:कविता सा.-1: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
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{विश्व प्रसिद्ध 'बाज पक्षी' का चित्र निम्न में से किस [[चित्रकार]] ने बनाया था?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-61,प्रश्न-41
 
{[[इलाहाबाद विश्वविद्यालय]] में [[चित्रकला]] विभाग की स्थापना किस चित्रकार ने की थी?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-97,प्रश्न-3
|type="()"}
-एल. एम. सेन
-ए. के हल्दर
+क्षितीन्द्रनाथ मजूमदार
-[[जामिनी राय]]
||[[इलाहाबाद विश्वविद्यालय]] में [[चित्रकला]] विभाग की स्थापना क्षितीन्द्रनाथ मजूमदार ने की थी?
 
{'प्रभु हरिदास अंतिम अवस्था में' किसने चित्रित किया है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-98,प्रश्न-9
|type="()"}
-रणवीर सिंह विष्ट
-[[नंदलाल बोस]]
+क्षितीन्द्रनाथ मजूमदार
-ललित मोहन सेन
||क्षितीन्द्रनाथ मजूमदार ने वैष्णव संत चैतन्य के जीवन से कई दृश्यों को चित्रित किया है जिनमें 'प्रभु हरिदास अंतिम अवस्था' चित्र भी शामिल है जो वाश पेपर एवं जलरंग से चित्रित है।
 
{'मणिकुट्टिम पद्धति' में किस वस्तु का प्रयोग किया जाता है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-103,प्रश्न-12
|type="()"}
|type="()"}
-उस्ताद बश्मीर
-रंग
+[[उस्ताद मंसूर]]
+संगमरमर
-उस्ताद मान खां
-लकड़ी
-उस्ताद सौयद अली
-सीमेंट
||'मणिकुट्टिम पद्धति' में संगमरमर का प्रयोग किया जाता है।


{निम्नलिखित में [[मूर्तिकार]] कौन है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-81,प्रश्न-29
{'अंतिम भोज' चित्र के [[चित्रकार]] का क्या नाम है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-109,प्रश्न-49
|type="()"}
|type="()"}
-हुसैन
-माइकेल एंजिलो
-रज़ा
-रूबेन्स
-आरा
+[[लियोनार्डो दा विंची]]
+[[देवी प्रसाद रायचौधरी]]
-बोत्तिचेल्ली
||'अंतिम भोज' चित्र के चित्रकार लियोनार्डो विंचीं है।


{कौन-सा [[चित्रकार]] लोकचित्रों से प्रभावित था? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-85,प्रश्न-67
 
{इनमें से घनवादी कलाकार नहीं हैं(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-130,प्रश्न-45
|type="()"}
|type="()"}
-के.के. हेब्बर
-ब्राक
+[[जामिनी राय]]
-पिकासो
-[[अमृता शेरगिल]]
-फर्ना लेजे
-के.एस. कुलकर्णी
+जेम्स एन्सोर
||[[जामिनी राय]] ने पारंपरिक भारतीय लोक और गांव कला प्रेरित एक व्यक्तिगत [[चित्रकला]] शैली विकसित की। अपने चित्रों के माध्यम से उन्होंने ग्रामीण बंगाल के लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी के दृश्यों को अभिव्यक्ति दी।
||दिए गए विकल्पों में जेम्स एन्सोर घनवादी कलाकार नहीं हैं बल्कि वे अभिव्यंजनावादी कलाकार हैं जबकि ब्राक, लेजे एवं पिकासो घनवादी कलाकार हैं।


{निम्न में से कौन यूरोपीय कला का भू-दृश्य चित्रण कलाकार है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-146,प्रश्न-20
{कौन यथार्थवादी [[चित्रकार]], चित्रकार के साथ-साथ सुप्रसिद्ध व्यंग्य चित्रकार भी था।(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-132,प्रश्न-1
|type="()"}
|type="()"}
-मोने
+दाउमियर
+कांस्टेबल
-कुर्बे
-टिशियन
-डेविड
-पिसानो
-गोया
||आधुनिक काल के प्रणेताओं में गोया, दाविए तथा टर्नर के साथ ही जॉन कांस्टेबल का नाम लिखा जाता है। टर्नर की भांति वह प्राकृतिक दृश्य को किसी पौराणिक अथवा ऐतिहासिक कथानक  से या प्रतीक से जोड़कर प्रस्तुत नहीं करता था अपितु किसी भी सरल, सुपरिचित स्थान को सरल विधि से ही अंकित करना चाहता था। इसलिए उसके दृश्य-चित्र 'प्रकृत्याश्रित' कहे जाते हैं।
||होनोर दाउमियर एक प्रतिभाशाली प्रिंटमेकर, कार्टूनिस्ट, [[चित्रकार]] एवं [[मूर्तिकार]] थे।


{निम्न में कौन युग्म सुमेलित नहीं है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-226,प्रश्न-303
{'आटोबायोग्राफी: डायरी ऑफ ए जीनियस' किसकी आत्मकथा है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-134,प्रश्न-16
|type="()"}
|type="()"}
-[[उस्ताद जाकिर हुसैन]]-तबला
-[[एम. एफ. हुसैन]]
-श्रीमती एन. राजन-वायलिन
+सल्वाडोर डॉली
+श्री अमजद अली खा-सितार
-पाब्लो पिकासो
-पंडित हरिप्रसाद चौरसिआ-बांसुरी
-वान गॉग
||[[अमजद अली खां|श्री अमजद अली खां]], सरोद वादक हैं न कि सितारवादक शेष युग्म सुमेलित है।
||'आटोबायोग्राफी: डायरी ऑफ ए जीनियस' सल्वाडोर डॉली की आत्मकथा है 'ए जीनियस ऑफ डायरी' इनकी आत्मकथा का प्रथम भाग था। सल्वाडो डॉली विलक्षण एवं बहुमुखी प्रतिभाशाली कलाकार थे। वे अतियथार्थवाद के प्रणेता थे।


{अजंता में क्यूरेट की नियुक्ति हुई- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-30,प्रश्न-10
{बरोक शैली का मुख्य कलाकार कौन है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-141,प्रश्न-22
|type="()"}
|type="()"}
+1908 ई.
-रूबेन्स
-1953 ई.
+कारावेजियो
-1824ई.
-रेम्ब्रां
-1819 ई.
-बोट्टीचेल्ली
||वर्ष 1908 में अजंता में क्यूरेट की नियुक्ति की गई।
||कारावेजियो इटली के महान [[चित्रकार]] थे। उन्होंने अपनी पेंटिंग में बरोक शैली का प्रयोग किया।


{[[भारत]] के किस कलाकार को पिकासो के बराबर माना जाता है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-100,प्रश्न-20
{'पिशाचिनियों की सभा' किसकी कृति है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-142,प्रश्न-34
|type="()"}
|type="()"}
-[[सतीश गुजराल]]
-पिसारो
+[[एम.एफ. हुसैन]]
+माइकेल एंजिलो
-जी.आर. संतोष
-[[लिओनार्डो दा विंची]]  
-राम कुमार
-गोया
||[[मकबूल फिदा हुसैन]] के [[महाभारत]] शृंखला के कुछ चित्र वर्ष 1971 में ब्राजील में पाब्लो पिकासो के चित्रों के साथ प्रदर्शित हुए थे। मकबूल फिदा हुसैन को 'भारत का पिकासो' माना जाता है।
||फ्रांसिस्को गोया ने 'पिशाचिनियों की सभा' चित्र को चित्रित किया।


{[[राजा रवि वर्मा]] के चित्रों का विषय क्या था? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-91,प्रश्न-17
{कलकत्ता ग्रुप की स्थापना किस वर्ष में हुई?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-149,प्रश्न-84
|type="()"}
|type="()"}
+पौराणिक
-1935
-प्राकृतिक
-1940
-ऐतिहासिक
+1943
-राजनैतिक
-1948
||'कलकत्ता ग्रुप' आधुनिक कला का भारत में वर्ष 1943 में स्थापित प्रथम ग्रुप है। कलकत्ता ग्रुप के संस्थापकों में प्रदोष दासगुप्ता एवं उनकी पत्नी कमला शुभो टैगोर, परितोष सेन, गोपाल, घोष, निरोदे मजूमदार आदि प्रमुख थे।


{फ्रा एंजेलिको किस शैली का [[चित्रकार]] है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-111,प्रश्न-60
{भारतीय चित्रकला का मूल तत्त्व क्या है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-172,प्रश्न-47
|type="()"}
|type="()"}
-बैरोक
-[[रंग]]
-नव-क्लासिक
-शीर्षक
+पुनर्जागरण
+रेखा
-पूर्व-रेफेलाइट
-[[धर्म]]
||फ्रा एंजेलिको पुनरुत्थानकाल (पुनर्जागरण) के रोमिनिक चित्रकारों में सर्वश्रेष्ठ [[चित्रकार]] था। इसने अपनी कला को धर्म के प्रचार में लगाया। इसके प्रमुख चित्र हैं- मिस्त्र को पलायन, कुमार का अभिषेक, भविष्यवादी रेवइत संगीतज्ञ, अंतिम न्याय आदि।
||[[चित्रकला]] के मुख्य रूप से 6 मूल तत्त्व होते हैं - रेखा, रूप, वर्ण, तान, पोत और अंतराल।


{घनवाद आंदोलन समाप्त हो गया- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-130,प्रश्न-43
{जूट माध्यम से [[मूर्तिकला]] के प्रयोग कौन करता है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-195,प्रश्न-79
|type="()"}
|type="()"}
-1726 ई. में
+मृणालनी मुखर्जी
-1825 ई. में
-मीरा मुखर्जी
+1925 ई. में
-गोगी सरोजपाल
-1926 ई. में
-[[अंजलि इला मेनन]]
||वर्ष 1907 में पाब्लो पिकासो ने अपनी प्रसिद्ध कृति 'Les Demoiselles Avignon' का पेरिस में प्रदर्शन किया, जिससे घनवादी आंदोलन की आधारशिला रखी गई जो वर्ष [[1925]] में समाप्त हो गया। वर्ष [[1914]] के बाद दुनिया के सभी विकसित देशों में घनवादी कलाकृतियां बनाने लगीं एवं 1925 तक घनवाद निश्चल हुआ। घनवाद के प्रणेता पिकासो ने वर्ष 1925 में 'तीन नर्तक' चित्र बना कर घनवाद से विदा ली और इसके साथ ही घनवादी आंदोलन समाप्त हुआ यद्यपि बीसवीं शताब्दी की कला व निर्माण क्षेत्र पर अमित प्रभाव छोड़ गया।
||जूट के माध्यम से [[मूर्तिकला]] का निर्माण मृणालनी मुखर्जी करती हैं। इनका जन्म वर्ष 1949 में [[मुंबई]] में हुआ था। इनके पिता बिनोद बिहारी एक कलाकार थे वर्ष 1971 में मृणालनी मुखर्जी ने मूर्तिकला के लिए ब्रिटिश काउंसिल से छात्रवृत्ति प्राप्त की।


{इटली का वयोवृद्ध कलाचार्य कहा जाता है- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-145,प्रश्न-53
{'जहांगीर आर्ट गैलरी' स्थित है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-201,प्रश्न-120
|type="()"}
|type="()"}
+टिशियन के
-[[दिल्ली]] में
-आन्दिया मांतेना को
+[[मुंबई]] में
-ड्यूरर को
-[[गुजरात]] में
-टिन्टोरेट्टो को
-[[लखनऊ]] में
||टिशियन अथवा तिजिआनो वेचेल्लिको को 'इटली का वयोवृद्ध कालाचार्य' कहा जाता है। संभवत: इटालियन कलाकारों में सर्वाधिक आयु उसी ने प्राप्त की है। उसने 'कुमारी का स्वर्गारोहण' चित्र आरंभ किया जो 1518 ई. में पूर्ण हुआ। यह चित्र वेनिस में पुनरुत्थान का प्रथम उद्घोष है। 1520 ई. में उसने बैकस तथा एरियाने शीर्षक चित्र की रचना की जिसमें झूठे प्रेमी थीसिस द्वारा परित्यक्त एरियाने को मंदिर का [[देवता]] बैकस अपने रथ से उतरकर सांत्वना दे रहा है। 1532 ई. में वह बोलोना में चार्ल्स पंचम से मिला जहां उसने ऑस्ट्रियन चित्रकार द्वारा अंकित चार्ल्स के एक चित्र की इतनी सुंदर अनुकृति की कि सम्राट ने उसे 1533 ई. में अपना दरबारी बना लिया। ईसा की कब्र में लिराना (The Entomdment) नामक चित्र को अपूर्ण छोड़कर 1576 ई. में वह चल बसा। इस चित्र को उसके शिष्य पाल्मा जिओवाने ने पूर्ण किया। 'फ्लोरो' (1515 ई.) टिशियन द्वारा चित्रित प्रसिद्ध चित्र है।
||जहांगीर आर्ट गैलरी मुबंई में स्थित है जिसकी स्थापना सर कोवासजी जहांगीर ने के. के . हेब्बर एवं होमी भाभा के अनुरोध पर किया। इसका निर्माण वर्ष 1952 में किया।


{निम्न में से उस चित्रकार की पहचान कीजिए जिसने बंगाल शैली से भिन्न शैली में काम किया- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-87,प्रश्न-77
{सवाई मान सिंह द्वारा बनाया गया 'जंतर-मंतर' कहाँ स्थित है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-230,प्रश्न-331
|type="()"}
|type="()"}
-[[अवनीन्द्रनाथ टैगोर]]
+[[जयपुर]]
+[[गगनेन्द्रनाथ टैगोर]]
-[[पटना]]
-असित कुमार हल्दर
-[[हैदराबाद]]
-[[नंदलाल बोस]]
-[[बड़ौदा]]
||गगनेन्द्रनाथ टैगोर ने अपने छोटे भाई अबनींद्रनाथ टैगोर के बंगाली कला आंदोलन से अप्रभावित रहकर अपनी व्यक्तिगत कला का सृजन किया।
||सवाई मान सिंह की आकांक्षा थी कि जंतर-मंतर बनवाएँ किंतु वे ऐसा नहीं कर पाए। सवाई राजा जय सिंह द्वितिय जंतर-मंतर बनवाया जबकि प्रश्न को गलत रुप में पूछा गया है।
 
{'टेराकोटा' के लिए कौन-सी जगह प्रसिद्ध है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-232,प्रश्न-349
|type="()"}
-[[मथुरा]]
-[[बस्तर]]
+[[गोरखपुर]]
-[[जौनपुर]]
||[[टेराकोटा]] या मिट्टी की कला, एक ऐसी कृति है  जो मिट्टि से बनी तथा पकाने पर चमक रहित होती है। यह सामान्यत: लाल रंग की होती है। [[गोरखपुर]] 'टेराकोटा' कला के लिए प्रसिद्ध है।
 
{रिनी घुमाल किसके लिए प्रख्यात हैं?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-193,प्रश्न-67
|type="()"}
+पेंटिंग के लिए
-मूर्ति के लिए
-संस्थापन कला के लिए
-न्यू मीडिया आर्ट के लिए
||रिनी घुमाल पेंटिंग के लिए प्रसिद्ध हैं। इनका जन्म वर्ष 1984 में [[बंगाल]] में हुआ था। वर्ष 1988 में इन्हें ललित कला आकादमी का राष्ट्रीय पुस्कार तथा वर्ष 1984 एवं 1988 में ऑल इंडिया फाइन आर्ट्स एंड क्राफ्ट्स सोसाइटी पुरस्कार प्राप्त हुआ था।
 
{मधुबनी किस राज्य की लोक कला है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-224,प्रश्न-292
|type="()"}
-पश्चिमी बंगाल
-[[उत्तर प्रदेश]]
+[[बिहार]]
-[[पंजाब]]
||मधुबनी, बिहार की लोक कला है। बिहार के पिपरिया के ग्रामिण अंचलों में इस सरल एवं लयात्मक चित्रकारी की संस्कृति यद्यपि काफी पहले से प्रचलित रही है। मधुबनी के लोकप्रिय चित्र प्राकृतिक रंगों से बनाए जाते हैं।
 
{निम्नलिखित में से कौन टैगोर परिवार से संबंधित नहीं है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-229,प्रश्न-327
|type="()"}
-[[रबीन्द्रनाथ टैगोर|रबीन्द्रनाथ]]
-[[अबनीन्द्रनाथ टैगोर|अबनीन्द्रनाथ]]
-गगेन्द्रनाथ
+राजेन्द्रनाथ
||टैगोर (ठाकुर) परिवार से राजेन्द्रनाथ नहीं थे। शेष टैगोर परिवार से संबद्ध हैं [[गगनेन्द्रनाथ टैगोर]], [[अबनीन्द्रनाथ टैगोर]] के बड़े भाई और [[रवीन्द्रनाथ टैगोर]] के भतीजे थे।
 
{प्रथम भारतीय महिला [[चित्रकार]] कौन थीं?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-231,प्रश्न-344
|type="()"}
-ललिता लाजमी
-अमृता शेरगिल
-गौरी भंज
+सुनयनी देवी
||प्रथम भारतीय महिला [[चित्रकार]] सुनयनी देवी थीं। ये बंगाल के पट चित्रों की शैली से प्रभावित थीं। वर्ष 1905 से 1938  तक ये चितेरी के रूप में सक्रिय रहीं।
 
{वह कौन सी महिला है, जिन्होंने साहित्य के साथ चित्रकारी भी कि हैं?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-232,प्रश्न-347
|type="()"}
-किरण शर्मा
-रचना
+महादेवी वर्मा
-सविता श्रीवास्तव
||महादेवी वर्मा साहित्य के साथ चित्रकार भी थीं। उनकी रचना दीपशिखा एवं सांध्यगीत में यह दर्शित होता है।
 
{'महा स्फिंक्स अवस्थित है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-233,प्रश्न-352
|type="()"}
-सक्कारा में
+गीजा में
-लक्सर में
-असुआन में
||'महान स्फिंक्स (Great Sphinx) मिस्त्र में नील नदी के पश्चिमी तट पर गीजा में एक चूने के पत्थर की मूर्ति है जिसका शरीरा सिंह के समान तथा मुंह स्त्री की भांति है।
 
{[[राजा रवि वर्मा|रवि वर्मा]] के चित्र का सबसे बड़ा संग्रहालय कहाँ है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-92,प्रश्न-24
|type="()"}
-प्रिंस ऑफ वेल्स में
-राष्ट्रीय संग्रहालय, नई दिल्ली में
+सालार जंग संग्रहालय, हैदराबाद में
-चित्रा आर्ट गैलरी, त्रिवेंद्रम में
||रवि वर्मा के चित्र का सबसे बड़ा संग्रह सालार जंग संग्रहालय [[हैदराबाद]] में है।
 


{किस कलाकार ने 'ताहितियनस' पेंट किया था? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-122,प्रश्न-50
{'[[कनिष्क]]' मूर्ति किस काल में बनी थी?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-229,प्रश्न-324
|type="()"}
|type="()"}
-हेनरी मातिस
-[[गुप्त काल]]
-ली काबुजिअर
-[[मौर्य काल]]
+पॉल गॉगिन
-[[शुंग काल]]
-एफ.एन. सुजां
+[[कुषाण काल]]
||पॉल गॉगिन 1891 ई. में ताहिती पहुंचकर दूर जंगल में रहने लगे। वहीं पर आदिवासियों के रीति-रिवाजों के अनुसार अपना विवाह किया और वहां चित्रण-कार्य किया। गोगॉ ने लिखा है- "यहां में आनंदित हूं, शांति व कला पर जीवित रह रहा हूं, एवं आस-पास ऐसी शक्तियों के अस्तित्व को अनुभव कर रहा हूं जो मुझसे बहुत प्यार करती हैं"।
||'[[कनिष्क]]' मूर्ति कुषाण काल में मथुरा शैली में बनी थी। मथुरा में कनिष्क की एक विशाल खड़ी मूर्ति पाई गई है जिसकी दाहिनी भुजा में गदा और बाईं में तलवार है।


{चित्र में वर्णमाला के अक्षरों का प्रयोग इनमें से कौन-सा चित्रकार करता है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-175,प्रश्न-71
{भगवान बुद्ध ने पहला उपदेश कहाँ दिया था?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-227,प्रश्न-311
|type="()"}
|type="()"}
-विकास भट्टाचार्य
+[[सारनाथ]] में
+पिकासो
-[[वैशाली]] में
-गुलाम मुहम्मद शेख
-[[साँची]] में
-एम.एफ. मुसैन
-[[बोधगया]] में
||1912 से 1915 के मध्य पिकासो और ब्राक ने द्विआयामी एवं त्रिआयामी चित्रण का प्रयोग कागज या कार्ड-बोर्ड पर किए और धीरे-धीरे अन्य अन्य धातुओं पर चित्रण करने लगे। पिकासो ने ग्राफिक में शब्दों और अक्षरों का प्रयोग किया जो वास्तव में मूर्ति में प्रयोग किया गया है।
||भगवान बुद्ध मे पहला उपदेश सारनाथ (ऋषिपतनम्) में दिया था जिसे बौद्ध ग्रंथों में 'धर्मचक्रप्रवर्तन' कहा गया है।


{वह कौन-सा तत्त्व है जिसके अभाव में चित्र रचना संभव नहीं है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-163,प्रश्न-48
{नृत्यांगना सुधा चंद्रन की फ़िल्म है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-225,प्रश्न-299
|type="()"}
|type="()"}
-रेखा
-पायल की झंकार
-रंग
-डा‌ंस इंडिया डांस
-रूप
+नाचे मयूरी
+धरातल
-आजा नच ले
||किसी भी धरातल या भूमि पर चित्र अंकन की जाती है तो उसका विस्तार या अंतराल दो दिशाओं में होता है। सर्वप्रथम चित्रकार चित्र आकृति की लंबाई और चौड़ाई का विचार करने के बाद चित्र रचना करता है तो उसका विस्तार दो दिशाओं में होता है, इसलिए इसे हम 'द्विआयामी' भी कह सकते हैं जबकि द्विआयामी चित्र में गहराई का विचार करने पर त्रिआयामी अंतराल की सृष्टि हो जाती है। चित्र रचना के समय चित्रकार के सामने चित्र का धरातल उसके मन का दर्पण होता है। चित्रकार अपने मन में विभिन्न प्रकार की कल्पना करके संपूर्ण संसार को चित्र में स्थान देता है। इस प्रकार सृजन के लिए उसे अंतराल को अलग-अलग पक्षों में विभाजित करना पड़ता है। कला के तत्त्व, अंतराल से किसी न किसी प्रकार संबंधित होते हैं। अंतराल में सभी प्रकार के रूपों को संयोजित किया जा सकता है।
||फ़िल्म नाचे मयुरी को वर्ष 1986 में प्रदर्शित किया गया। यह तेलुगू फ़िल्म मयूरी जो वर्ष 1984 में बनी थी, का हिन्दी रूपांतरण थी। इस फ़िल्म में भरतनाट्यम की नृत्यांगना सुधा चंद्रन ने प्रमुख भूमिका निभाई थी।


{यूरोप की कला में किस कलाकार को डिवाइन पेंटर कहा जाता है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-109,प्रश्न-47
{[[गुप्तकाल]] की सर्वप्रमुख विशेषता क्या है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-219,प्रश्न-246
|type="()"}
|type="()"}
-माइकेल एंजेलो
-[[मूर्तिकला]]
-ज्योर्जियोन
+मंदिरों का निर्माण
-लियोनार्दो द विंसी
-[[चित्रकला]]
+राफेल
-काष्ठकला
||'द मैरिज ऑफ़ वर्जिन' का तैल चित्र चरम पुनरुत्थानवादी (High Renaissance) चित्रकार राफेल (Raphael) ने चित्रित किया था। राफेल को 'डिवाइन पेंटर' कहा जाता है।
||[[गुप्तकाल]] में मंदिरों का निर्माण काफी संख्या में हुआ था। इस काल में [[मूर्तिकला]] एवं [[चित्रकला]] का भी विकास हुआ किंतु सर्वप्रमुख विशेषता मंदिरों का निर्माण ही है।


{बैठा हुआ 'मुक्केबाज' निम्न में से, किस कला से संबंध रखता है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-237,प्रश्न-377
{[[सारनाथ]] का 'धमेख-स्तूप' के निर्माणकर्त्ता शासक हैं(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-215,प्रश्न-219
|type="()"}
|type="()"}
+ग्रीक
+[[मौर्य]]
-ग्रेको-रोमन
-[[कुषाण]]
-जर्मन
-शंग
-ग्रेको-इट्रस्कन
-[[गुप्त]]
||बैठा हुआ 'मुक्केबाज' ग्रीक कला से संबंध रखता है।
||'धमेख-स्तूप' एक वृहत स्तूप है जो [[सारनाथ]] में स्थित है। इसका निर्माण मौर्यकाल में हुआ था। यह बेलनकार इमारत है, जिसकी ऊंचाई 43.5 मीटर है जो पत्थर एवं ईंटों की बनी है।


{सित्तनवासल गुफा किस राज्य में स्थित है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-42,प्रश्न-19
{'तारीख-ए-अल्फी' क्या है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-213,प्रश्न-208
|type="()"}
|type="()"}
-[[मध्य प्रदेश]]
-मुगल इतिहास
+[[तमिलनाडु]]
+ईरान का इतिहास
-[[महाराष्ट्र]]
-दुनिया का इतिहास
-[[केरल]]
-कश्मीर का इतिहास
|सित्तनवासल गुफा जैन धर्म से संबंधित है। यह एक जैन मंदिर है, जिसे चट्टानों को काटकर बनाया गया है। यह सित्तनवासल गांव, पुडुकोट्टई जिला, [[तमिलनाडु]] में अवस्थित है।
||'तारीख-ए-अल्फी' में ईरान का इतिहास वर्णित है। इसकी रचना 1582 ई. में अकबर द्वारा नियुक्त एक समिति के द्वारा की गई।


{'[[कल्पसूत्र]]' ग्रंथों के चित्रण किस शैली में हुए? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-43,प्रश्न-23
{[[उत्तर प्रदेश]] में किस स्थान की 'ब्लैक पॉटरी' प्रसिद्ध है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-209,प्रश्न-177
|type="()"}
|type="()"}
-पाल शैली
-[[चुनार]]
-[[राजस्थानी चित्रकला|राजस्थानी शैली]]
-[[रामपुर]]
+जैन शैली
-[[लखनऊ]]
-[[पहाड़ी चित्रकला|पहाड़ी शैली]]
-निजामाबाद
||'कल्पसूत्र' नामक जैन ग्रंथों में तीर्थंकरों (पार्श्वनाथ, महावीर स्वामी आदि) का जीवन चरित वर्णित है। भद्रबाहु इसके रचयिता माने जाते हैं। कल्पसूत्र ग्रंथों के चित्रण जैन शैली में हुए। इस ग्रंथ की रचना महावीर स्वामी के निर्वाण के 150 वर्ष बाद हुई मानी जाती है।  
||[[उत्तर प्रदेश]] के [[आजमगढ़ ज़िला|आजमगढ़ जिले]] के निजामाबाद की ब्लैक पॉटरी प्रसिद्ध है।
 
 
{[[ईसाई धर्म]] की पुस्तक बाइबिल मूल रूप से किस भाषा में लिखी गई है?
-लैटिन
-[[अंग्रेजी]]
-[[जर्मनी]]
+हिब्रु
||[[ईसाई धर्म]] की पुस्तक बाइबिल (Bible) मूल रूप से हिब्रु (Hebrew) भाषा में लिखी गई है।


</quiz>
</quiz>
|}
|}
|}
|}

Latest revision as of 13:00, 31 March 2018

Syntax error

1 इलाहाबाद विश्वविद्यालय में चित्रकला विभाग की स्थापना किस चित्रकार ने की थी?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-97,प्रश्न-3

एल. एम. सेन
ए. के हल्दर
क्षितीन्द्रनाथ मजूमदार
जामिनी राय

2 'प्रभु हरिदास अंतिम अवस्था में' किसने चित्रित किया है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-98,प्रश्न-9

रणवीर सिंह विष्ट
नंदलाल बोस
क्षितीन्द्रनाथ मजूमदार
ललित मोहन सेन

3 'मणिकुट्टिम पद्धति' में किस वस्तु का प्रयोग किया जाता है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-103,प्रश्न-12

रंग
संगमरमर
लकड़ी
सीमेंट

4 'अंतिम भोज' चित्र के चित्रकार का क्या नाम है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-109,प्रश्न-49

माइकेल एंजिलो
रूबेन्स
लियोनार्डो दा विंची
बोत्तिचेल्ली

5 इनमें से घनवादी कलाकार नहीं हैं(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-130,प्रश्न-45

ब्राक
पिकासो
फर्ना लेजे
जेम्स एन्सोर

6 कौन यथार्थवादी चित्रकार, चित्रकार के साथ-साथ सुप्रसिद्ध व्यंग्य चित्रकार भी था।(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-132,प्रश्न-1

दाउमियर
कुर्बे
डेविड
गोया

7 'आटोबायोग्राफी: डायरी ऑफ ए जीनियस' किसकी आत्मकथा है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-134,प्रश्न-16

एम. एफ. हुसैन
सल्वाडोर डॉली
पाब्लो पिकासो
वान गॉग

8 बरोक शैली का मुख्य कलाकार कौन है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-141,प्रश्न-22

रूबेन्स
कारावेजियो
रेम्ब्रां
बोट्टीचेल्ली

9 'पिशाचिनियों की सभा' किसकी कृति है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-142,प्रश्न-34

पिसारो
माइकेल एंजिलो
लिओनार्डो दा विंची
गोया

10 कलकत्ता ग्रुप की स्थापना किस वर्ष में हुई?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-149,प्रश्न-84

1935
1940
1943
1948

11 भारतीय चित्रकला का मूल तत्त्व क्या है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-172,प्रश्न-47

रंग
शीर्षक
रेखा
धर्म

12 जूट माध्यम से मूर्तिकला के प्रयोग कौन करता है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-195,प्रश्न-79

मृणालनी मुखर्जी
मीरा मुखर्जी
गोगी सरोजपाल
अंजलि इला मेनन

13 'जहांगीर आर्ट गैलरी' स्थित है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-201,प्रश्न-120

दिल्ली में
मुंबई में
गुजरात में
लखनऊ में

14 सवाई मान सिंह द्वारा बनाया गया 'जंतर-मंतर' कहाँ स्थित है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-230,प्रश्न-331

जयपुर
पटना
हैदराबाद
बड़ौदा

15 'टेराकोटा' के लिए कौन-सी जगह प्रसिद्ध है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-232,प्रश्न-349

मथुरा
बस्तर
गोरखपुर
जौनपुर

16 रिनी घुमाल किसके लिए प्रख्यात हैं?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-193,प्रश्न-67

पेंटिंग के लिए
मूर्ति के लिए
संस्थापन कला के लिए
न्यू मीडिया आर्ट के लिए

17 मधुबनी किस राज्य की लोक कला है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-224,प्रश्न-292

पश्चिमी बंगाल
उत्तर प्रदेश
बिहार
पंजाब

18 निम्नलिखित में से कौन टैगोर परिवार से संबंधित नहीं है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-229,प्रश्न-327

रबीन्द्रनाथ
अबनीन्द्रनाथ
गगेन्द्रनाथ
राजेन्द्रनाथ

19 प्रथम भारतीय महिला चित्रकार कौन थीं?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-231,प्रश्न-344

ललिता लाजमी
अमृता शेरगिल
गौरी भंज
सुनयनी देवी

20 वह कौन सी महिला है, जिन्होंने साहित्य के साथ चित्रकारी भी कि हैं?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-232,प्रश्न-347

किरण शर्मा
रचना
महादेवी वर्मा
सविता श्रीवास्तव

21 'महा स्फिंक्स अवस्थित है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-233,प्रश्न-352

सक्कारा में
गीजा में
लक्सर में
असुआन में

22 रवि वर्मा के चित्र का सबसे बड़ा संग्रहालय कहाँ है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-92,प्रश्न-24

प्रिंस ऑफ वेल्स में
राष्ट्रीय संग्रहालय, नई दिल्ली में
सालार जंग संग्रहालय, हैदराबाद में
चित्रा आर्ट गैलरी, त्रिवेंद्रम में

23 'कनिष्क' मूर्ति किस काल में बनी थी?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-229,प्रश्न-324

गुप्त काल
मौर्य काल
शुंग काल
कुषाण काल

24 भगवान बुद्ध ने पहला उपदेश कहाँ दिया था?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-227,प्रश्न-311

सारनाथ में
वैशाली में
साँची में
बोधगया में

25 नृत्यांगना सुधा चंद्रन की फ़िल्म है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-225,प्रश्न-299

पायल की झंकार
डा‌ंस इंडिया डांस
नाचे मयूरी
आजा नच ले

26 गुप्तकाल की सर्वप्रमुख विशेषता क्या है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-219,प्रश्न-246

मूर्तिकला
मंदिरों का निर्माण
चित्रकला
काष्ठकला

27 सारनाथ का 'धमेख-स्तूप' के निर्माणकर्त्ता शासक हैं(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-215,प्रश्न-219

मौर्य
कुषाण
शंग
गुप्त

28 'तारीख-ए-अल्फी' क्या है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-213,प्रश्न-208

मुगल इतिहास
ईरान का इतिहास
दुनिया का इतिहास
कश्मीर का इतिहास

29 उत्तर प्रदेश में किस स्थान की 'ब्लैक पॉटरी' प्रसिद्ध है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-209,प्रश्न-177

चुनार
रामपुर
लखनऊ
निजामाबाद