केन नदी: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
No edit summary
 
(7 intermediate revisions by 4 users not shown)
Line 1: Line 1:
[[चित्र:Ken-River.jpg|thumb|250px|केन नदी <br />Ken River]]
[[चित्र:Ken-River.jpg|thumb|250px|केन नदी]]
*केन [[यमुना नदी|यमुना]] की एक उपनदी या सहायक नदी है जो [[कैमूर पहाड़ियाँ|कैमूर की पहाड़ियों]] से निकलकर [[बुन्देलखंड]] क्षेत्र से गुजरती है तथा भोजहा के निकट यमुना नदी में मिल जाती है।
'''केन नदी''' [[यमुना]] की सहायक नदी या उपनदी है, जो [[उत्तर भारत]] में [[बुंदेलखंड]] के बीच से बहती है। इस नदी की लम्बाई लगभग 230 मील है। यह नदी [[कैमूर पहाड़ियाँ|कैमूर पहाड़ियों]] की उत्तरी-पश्चिमी ढाल से निकलकर [[मध्य प्रदेश]] के [[दमोह]], [[पन्ना मध्य प्रदेश|पन्ना]] इत्यादि क्षेत्रों से होती हुई [[बाँदा ज़िला|बाँदा ज़िले]] में 'चिल्ला' नामक स्थान पर यमुना से मिलती है। इस नदी को 'कियाना' नाम से भी जाना जाता है।
*यह नदी केवल वर्षा ऋतु में ही जलमग्न रहती है।
*इस नदी की कुल लम्बाई 308 किलोमीटर है।
*गर्मी के मौसम में यह नदी लगभग सूख जाती है।
*केन तथा मंदाकिनी यमुना की अंतिम उपनदियाँ हैं क्योंकि इस के बाद यमुना [[गंगा नदी|गंगा]] से जा मिलती है।
*केन नदी [[जबलपुर]], [[मध्य प्रदेश]] से प्रारंभ होती है, पन्ना में इससे कई धारायें आ जुड़ती हैं और फिर [[बाँदा]], [[उत्तर प्रदेश]] में इसका यमुना से संगम होता है।
*यह कर्णवती के नाम से भी विख्यात है।
*इस नदी का 'शजर' पत्थर मशहूर है।


{{प्रचार}}
*इस नदी को प्राचीन समय में 'कर्णावती', 'श्वेनी', 'कैनास' और 'शुक्तिमति' नाम से जाना जाता था।
{{लेख प्रगति  
*'सोनार', 'वीरमा', 'बाना', 'पाटर' इत्यादि केन नदी की सहायक नदियाँ हैं।
|आधार=
*पथरीली घाटियों से प्रवाहित होने के कारण इसमें चलने वाली नावें [[यमुना नदी]] और केन के [[संगम]] से [[बाँदा]] तक ही आती-जाती हैं।
|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1  
*नदी में 'पाँडवा घाट' तथा 'कोराई' नामक दो जलप्रपात भी हैं।
|माध्यमिक=  
*केन नदी पर बाँध बनाकर 'बाँदा नहर' निकाली गई है। [[ग्रीष्म ऋतु]] में नहर का जलसंचार बढ़ाने के लिये गांगई के पास बाँध बनाकर एक जलाशय बनाया गया है।
|पूर्णता=  
*यह नदी केवल [[वर्षा ऋतु]] में ही जलमग्न रहती है।
|शोध=
*गर्मी के मौसम में नदी लगभग सूख जाती है। केन तथा [[मंदाकिनी नदी|मंदाकिनी]] यमुना की अंतिम उपनदियाँ हैं, क्योंकि इसके बाद यमुना [[गंगा]] से जा मिलती है।
}}
*केन नदी [[जबलपुर]], [[मध्य प्रदेश]] से प्रारंभ होती है, [[पन्ना मध्य प्रदेश|पन्ना]] में इससे कई धारायें आ जुड़ती हैं और फिर [[बाँदा]], [[उत्तर प्रदेश]] में इसका यमुना से [[संगम]] होता है।
*इस नदी का 'शजर' पत्थर मशहूर है। यह क्षत्रपुर और पन्ना की सीमा बनाती हुई [[बांदा ज़िला|ज़िला बांदा]] ([[उत्तर प्रदेश]]) के चीलतारा नामक स्थान पर यमुना में गिरती है।
 
 
{{लेख प्रगति |आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध=}}
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
*ऐतिहासिक स्थानावली | पृष्ठ संख्या= 223| विजयेन्द्र कुमार माथुर |  वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग | मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार
==वीथिका==
<gallery>
चित्र:Ken-River-1.jpg|केन नदी
चित्र:Ken-River-2.jpg|केन नदी
</gallery>
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
{{भारत की नदियाँ}}
{{भारत की नदियाँ}}
[[Category:भूगोल कोश]]
[[Category:भारत की नदियाँ]][[Category:उत्तर प्रदेश की नदियाँ]][[Category:मध्य प्रदेश की नदियाँ]][[Category:भूगोल कोश]] [[Category:ऐतिहासिक स्थान कोश]] [[Category:ऐतिहासिक स्थानावली]]
[[Category:भारत की नदियाँ]]
[[Category:उत्तर प्रदेश की नदियाँ]]
[[Category:मध्य प्रदेश की नदियाँ]]
[[Category:भूगोल शब्दावली]]
__INDEX__
__INDEX__

Latest revision as of 11:37, 15 April 2019

thumb|250px|केन नदी केन नदी यमुना की सहायक नदी या उपनदी है, जो उत्तर भारत में बुंदेलखंड के बीच से बहती है। इस नदी की लम्बाई लगभग 230 मील है। यह नदी कैमूर पहाड़ियों की उत्तरी-पश्चिमी ढाल से निकलकर मध्य प्रदेश के दमोह, पन्ना इत्यादि क्षेत्रों से होती हुई बाँदा ज़िले में 'चिल्ला' नामक स्थान पर यमुना से मिलती है। इस नदी को 'कियाना' नाम से भी जाना जाता है।

  • इस नदी को प्राचीन समय में 'कर्णावती', 'श्वेनी', 'कैनास' और 'शुक्तिमति' नाम से जाना जाता था।
  • 'सोनार', 'वीरमा', 'बाना', 'पाटर' इत्यादि केन नदी की सहायक नदियाँ हैं।
  • पथरीली घाटियों से प्रवाहित होने के कारण इसमें चलने वाली नावें यमुना नदी और केन के संगम से बाँदा तक ही आती-जाती हैं।
  • नदी में 'पाँडवा घाट' तथा 'कोराई' नामक दो जलप्रपात भी हैं।
  • केन नदी पर बाँध बनाकर 'बाँदा नहर' निकाली गई है। ग्रीष्म ऋतु में नहर का जलसंचार बढ़ाने के लिये गांगई के पास बाँध बनाकर एक जलाशय बनाया गया है।
  • यह नदी केवल वर्षा ऋतु में ही जलमग्न रहती है।
  • गर्मी के मौसम में नदी लगभग सूख जाती है। केन तथा मंदाकिनी यमुना की अंतिम उपनदियाँ हैं, क्योंकि इसके बाद यमुना गंगा से जा मिलती है।
  • केन नदी जबलपुर, मध्य प्रदेश से प्रारंभ होती है, पन्ना में इससे कई धारायें आ जुड़ती हैं और फिर बाँदा, उत्तर प्रदेश में इसका यमुना से संगम होता है।
  • इस नदी का 'शजर' पत्थर मशहूर है। यह क्षत्रपुर और पन्ना की सीमा बनाती हुई ज़िला बांदा (उत्तर प्रदेश) के चीलतारा नामक स्थान पर यमुना में गिरती है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  • ऐतिहासिक स्थानावली | पृष्ठ संख्या= 223| विजयेन्द्र कुमार माथुर | वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग | मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार

वीथिका

संबंधित लेख