नीतू घंघास: Difference between revisions
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Latest revision as of 08:23, 13 August 2022
नीतू घंघास
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पूरा नाम | नीतू घंघास |
जन्म | 19 अक्टूबर, 2000 |
जन्म भूमि | धनाना, ज़िला भिवानी, हरियाणा |
अभिभावक | माता- मुकेश देवी पिता- जयभगवान |
विद्यालय | चौधरी बंसीलाल विश्वविद्यालय, हरियाणा |
कद | 5 फ़ीट 4 इंच |
कोच | भास्कर भट्ट, जगदीश सिंह |
कॉमनवेल्थ गेम्स | बर्मिघम, 2022 - 48 कि.ग्रा. वर्ग - स्वर्ण |
73वें स्ट्रैंड्जा मेमोरियल बॉक्सिंग टूर्नामेंट | सोफिया, बुल्गारिया, 2022 - स्वर्ण |
विश्व युवा चैंपियनशिप | गुवाहाटी, 2017 - लाइट फ्लाईवेट - स्वर्ण |
एशियाई युवा मुक्केबाजी चैंपियनशिप | बुडापेस्ट, 2017 - लाइट फ्लाईवेट - स्वर्ण |
अन्य जानकारी | साल 2022 में नीतू घंघास ने भारतीय मुक्केबाज मैरीकॉम को हराकर राष्ट्रमंडल खेल, 2022 के लिए क्वालीफाई किया था और अपने बेहतरीन खेल के दम पर कॉमनवेल्थ गेम्स, 2022 में स्वर्ण पदक जीता। |
अद्यतन | 11:07, 10 अगस्त 2022 (IST)
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नीतू घंघास (अंग्रेज़ी: Neetu Ghanghas, जन्म- 19 अक्टूबर, 2000, ज़िला भिवानी, हरियाणा) भारत की युवा मुक्केबाज़ हैं। उन्होंने बर्मिंघम, इंग्लैंड में आयोजित कॉमनवेल्थ गेम्स, 2022 में महिलाओं के 48 किलोग्राम भार वर्ग में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया है। फाइनल मुकाबले में नीतू घंघास ने इंग्लैंड की बॉक्सर को 5-0 से हराकर स्वर्ण पदक पर कब्जा किया। इससे पहले सेमीफाइनल मैच में उन्होंने कनाडा की प्रियंका ढिल्लोन को दो राउंड में 5-0 से हराया; जिसके बाद रेफरी ने मैच रोक दिया और नीतू घंघास को विजेता घोषित किया।
परिचय
नीतू घंघास "भारत का मिनी क्यूबा" कहे जाने वाले ज़िला भिवानी, हरियाणा के धनाना गांव की रहने वाली हैं। उनका जन्म 19 अक्टूबर, 2000 को हुआ। पिता जयभगवान की प्रेरणा से साल 2012 से नीतू ने मुक्केबाजी की शुरूआत की। नीतू घंघास के पिता चंडीगढ़ विधानसभा में सरकारी नौकरी करते हैं। वह भिवानी के गांव धनाना में रहकर मुक्केबाजी करती रही हैं। भिवानी के मुक्केबाज बिजेंद्र कुमार ने जब 2008 में देश के लिए ओलंपिक पदक जीता तो उसके बाद से ही नीतू घंघास के पिता व नीतू के दिमाग में मुक्केबाजी का जुनून पैदा हो गया।
उपलब्धियाँ
नीतू घंघास को अंतर्राष्ट्रीय मुक्केबाज मैरीकॉम के उत्तराधिकारी के तौर पर भी देखा जाता है, जो कम भार वर्ग में देश के लिए पदक लाने का दम रखती हैं।
- नीतू ने 2017 में आईबा यूथ वूमेन बॉक्सिंग प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीता था।
- वर्ष 2018 में एशियन यूथ बॉक्सिंग में भी स्वर्ण पदक प्राप्त किया।
- साल 2022 में बुल्गारिया में हुई 73वें सरांडजा बॉक्सिंग टूर्नामेंट में स्वर्ण पदक प्राप्त किया।
- हालांकि इन उपलब्धियों के दोरान वर्ष 2016 व 2019 में नीतू घंघास को शोल्डर इंजरी का सामना भी करना पड़ा।
- वर्ष 2016 में पैल्विक इंजरी से रिक्वर होने के बाद नीतू ने आईबा यूथ बॉक्सिंग में पदक जीता।
- साल 2019 में हुई शोल्डर इंजरी ने नीतू घंघास को लगभग दो साल तक मुक्केबाजी से दूर रखा। नीतू ने कॉमनवेल्थ खेल, 2022 में जाने से पहले कहा था कि उसे अपनी मेहनत पर पूरा भरोसा है कि कॉमनवेल्थ में स्वर्ण आएगा और हुआ भी ऐसा ही।
- फ़रवरी 2022 में नीतू घंघास ने ऑलंपियन मुक्केबाज मैरीकाॅम को हराकर राष्ट्रमंडल खेल, 2022 में स्थान पक्का किया था। तभी से खेल प्रेमियों को उनसे पदक की उम्मीदें थीं। नीतू उन उम्मीदों पर खरा उतरीं और स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया।[1]
कॉमनवेल्थ गेम्स, 2022
बर्मिघम, इंग्लैंड में आयोजित कॉमनवेल्थ गेम्स, 2022 में महिलाओं की मुक्केबाज़ी में भारत को अपना पहला स्वर्ण पदक मिल गया। हरियाणा की बॉक्सर नीतू घंघास ने यह पदक भारत की झोली में डाला। नीतू ने महिलाओं की मिनिममवेट कैटेगरी (45-48 कि.ग्रा.) के फाइनल मुकाबले में इंग्लिश बॉक्सर डैमी जेड रेज़तान को शिकस्त दी।[2]
नीतू घंघास ने यह मुकाबला एकतरफा अंदाज में जीता। पांचों जजों ने एक मत होकर नीतू को 5-0 से विजय घोषित किया। फाइनल मुकाबले में नीतू का वही आक्रामक रूप देखने को मिला जो उन्होंने सेमीफाइनल और क्वार्टर फाइनल में दिखाया था। वह इंग्लैंड की बॉक्सर पर लगातार मुक्के बरसाती रहीं। इससे पहले नीतू ने सेमीफाइनल मैच में कनाडा की प्रियंका ढिल्लों को शिकस्त दी थी। उन्होंने इस मैच के तीसरे राउंड में कनाडाई बॉक्सर पर इतने मुक्के बरसाए थे कि रेफरी को खेल रोककर नीतू को विजेता घोषित करना पड़ा था।
इससे पहले क्वार्टर फाइनल मुकाबले में भी नीतू घंघास ने विपक्षी आयरिश बॉक्सर क्लाइड निकोल पर इस कदर मुक्के बरसाए थे कि दूसरे राउंड के बाद ही उन्हें विजेता घोषित कर दिया गया था।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ हरियाणा की बॉक्सर नीतू घणघस (हिंदी) etvbharat.com। अभिगमन तिथि: 09 अगस्त, 2022।
- ↑ बॉक्सिंग में आया पहला स्वर्ण (हिंदी) abplive.com। अभिगमन तिथि: 09 अगस्त, 2022।
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