अवनीन्द्रनाथ ठाकुर: Difference between revisions

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*'''अवनीन्द्रनाथ ठाकुर''' ([[1871]]-[[1931]]) एक प्रख्यात कलाकार तथा साहित्यकार थे।
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'''अवनीन्द्रनाथ ठाकुर''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Abanindranath Thakur'', जन्म- [[7 अगस्त]], [[1871]], [[कलकत्ता]], [[बंगाल (आज़ादी से पूर्व)|ब्रिटिश बंगाल]]; मृत्यु- [[5 दिसम्बर]], [[1951]]) [[भारत]] के प्रख्यात [[चित्रकार]] तथा साहित्यकार थे। उन्हें राष्ट्र से बड़ा प्रेम था। सांस्कृतिक ग़ुलामी से मुक्ति के लिए उन्होंने अपने अग्रज गगनेन्द्रनाथ ठाकुर के सहयोग से [[1907]] में [[कोलकाता]] (भूतपूर्व कलकत्ता) में 'इंडियन सोसायटी ऑफ़ ओरियण्टल आर्टस' नामक संस्था की स्थापना की थी।
 
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*अवनीन्द्रनाथ ठाकुर की चित्रकला के प्रमुख उदाहरण हैं -  
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*[[1905]] से [[1916]] ई. तक अवनीन्द्रनाथ ठाकुर [[कलकत्ता]] में 'गवर्नमेंट स्कूल ऑफ़ आर्ट' के उपप्राचार्य और कुछ समय के लिए प्राचार्य भी रहे।
*उन्होंने भारतीय चित्रकला के एक नये स्कूल का जन्म किया।
*उन्होंने भारतीय चित्रकला के एक नये स्कूल का जन्म किया।
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(पुस्तक 'भारतीय इतिहास कोश') पृष्ठ संख्या-12
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Latest revision as of 05:41, 7 August 2018

अवनीन्द्रनाथ ठाकुर
पूरा नाम अवनीन्द्रनाथ ठाकुर
जन्म 7 अगस्त, 1871
जन्म भूमि कलकत्ता, ब्रिटिश बंगाल
मृत्यु 5 दिसम्बर, 1951
कर्म भूमि भारत
प्रसिद्धि चित्रकार तथा साहित्यकार
विशेष योगदान आपने गगनेन्द्रनाथ ठाकुर के सहयोग से 1907 में कोलकाता में 'इंडियन सोसायटी ऑफ़ ओरियण्टल आर्टस' नामक संस्था की स्थापना की थी।
नागरिकता भारतीय
संबंधित लेख नंदलाल बोस
अन्य जानकारी अवनीन्द्रनाथ ठाकुर कलकत्ता में 'गवर्नमेंट स्कूल ऑफ़ आर्ट' के उपप्राचार्य और कुछ समय के लिए प्राचार्य भी रहे थे।

अवनीन्द्रनाथ ठाकुर (अंग्रेज़ी: Abanindranath Thakur, जन्म- 7 अगस्त, 1871, कलकत्ता, ब्रिटिश बंगाल; मृत्यु- 5 दिसम्बर, 1951) भारत के प्रख्यात चित्रकार तथा साहित्यकार थे। उन्हें राष्ट्र से बड़ा प्रेम था। सांस्कृतिक ग़ुलामी से मुक्ति के लिए उन्होंने अपने अग्रज गगनेन्द्रनाथ ठाकुर के सहयोग से 1907 में कोलकाता (भूतपूर्व कलकत्ता) में 'इंडियन सोसायटी ऑफ़ ओरियण्टल आर्टस' नामक संस्था की स्थापना की थी।

  • कला और चित्रकला की भारतीय पद्धति को अवनीन्द्रनाथ ठाकुर ने पुन: प्रतिष्ठित करके संसार में उसे उचित सम्मान दिलाया।
  • अवनीन्द्रनाथ ठाकुर की चित्रकला के प्रमुख उदाहरण हैं -
  1. 'प्रवासी यक्ष'
  2. 'शाहजहाँ की मृत्यु'
  3. 'बुद्ध और सुजाता'
  4. 'कच और देवयानी'
  5. 'उमर ख़य्याम'
  • 1905 से 1916 ई. तक अवनीन्द्रनाथ ठाकुर कलकत्ता में 'गवर्नमेंट स्कूल ऑफ़ आर्ट' के उपप्राचार्य और कुछ समय के लिए प्राचार्य भी रहे।
  • उन्होंने भारतीय चित्रकला के एक नये स्कूल का जन्म किया।
  • अवनीन्द्रनाथ ठाकुर के सर्वाधिक प्रख्यात शिष्य नंदलाल बोस थे।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

भारतीय इतिहास कोश |लेखक: सच्चिदानन्द भट्टाचार्य |प्रकाशक: उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान |पृष्ठ संख्या: 12 |


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