खोतन नदी: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
m (Adding category Category:पौराणिक कोश (को हटा दिया गया हैं।))
No edit summary
 
(One intermediate revision by one other user not shown)
Line 1: Line 1:
'''खोतन नदी''' मध्य [[एशिया]] की नदी है। इसके तटवर्ती क्षेत्र को 'खोतन प्रदेश' कहा गया है। खोतन नदी का [[महाभारत]] में शैलोदा नाम से वर्णन मिलता है। [[सभापर्व महाभारत|महाभारत, सभापर्व]]<ref>सभापर्व 52, 2</ref> में शैलोदा तथा सभापर्व<ref>सभापर्व 52, 3</ref> में इस नदी के तट पर स्थित [[खस जाति|खस]], [[पुलिंद जाति|पुलिंद]] और तंगण आदि जातियों का उल्लेख है।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=ऐतिहासिक स्थानावली|लेखक=विजयेन्द्र कुमार माथुर|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर|संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=259|url=}}</ref>
'''खोतन नदी''' [[मध्य एशिया]] की नदी है। इसके तटवर्ती क्षेत्र को 'खोतन प्रदेश' कहा गया है। खोतन नदी का [[महाभारत]] में [[शैलोदा नदी|शैलोदा]] नाम से वर्णन मिलता है। [[सभापर्व महाभारत|महाभारत, सभापर्व]]<ref>सभापर्व 52, 2</ref> में शैलोदा तथा सभापर्व<ref>सभापर्व 52, 3</ref> में इस नदी के तट पर स्थित [[खस जाति|खस]], [[पुलिंद जाति|पुलिंद]] और तंगण आदि जातियों का उल्लेख है।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=ऐतिहासिक स्थानावली|लेखक=विजयेन्द्र कुमार माथुर|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर|संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=259|url=}}</ref>


{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}

Latest revision as of 07:12, 25 June 2016

खोतन नदी मध्य एशिया की नदी है। इसके तटवर्ती क्षेत्र को 'खोतन प्रदेश' कहा गया है। खोतन नदी का महाभारत में शैलोदा नाम से वर्णन मिलता है। महाभारत, सभापर्व[1] में शैलोदा तथा सभापर्व[2] में इस नदी के तट पर स्थित खस, पुलिंद और तंगण आदि जातियों का उल्लेख है।[3]


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. सभापर्व 52, 2
  2. सभापर्व 52, 3
  3. ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |पृष्ठ संख्या: 259 |

संबंधित लेख