पोलो: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
No edit summary
 
(One intermediate revision by one other user not shown)
Line 1: Line 1:
[[पोलो]] ([[अंग्रेज़ी]]: Polo) एक टीम खेल है जिसे [[घोड़ा|घोड़ों]] पर बैठ कर खेला जाता है। इसका उद्देश्य प्रतिद्वंदी टीम के विरुद्ध गोल करना होता है। इसे ब्रिटिश काल के दौरान काफ़ी ख्याति मिली। इसमें खिलाड़ी एक प्लास्टिक या लकड़ी की गेंद को बड़े [[हॉकी]] जैसे डंडों से मारकर सामने वाली टीम के गोल में डालने की कोशिश करते हैं। परम्परागत तरीक़े में यह खेल बडी रफ़्तार से एक बड़े खुले मैदान में खेला जाता है। हर टीम में चार खिलाड़ी होते हैं।  
{{सूचना बक्सा खेल
|चित्र=Polo.jpg
|चित्र का नाम=पोलो खेलते खिलाड़ी
|विवरण=पोलो एक टीम खेल है जिसे [[घोड़ा|घोड़ों]] पर बैठ कर खेला जाता है। इसमें प्रत्येक टीम में चार खिलाड़ी होते हैं। जो प्रतिद्वंदी टीम के विरुद्ध गोल करते हैं।
|उपनाम=
|सर्वोच्च नियंत्रण निकाय=
|पहली बार खेला गया=
|वर्गीकरण=
|दल के सदस्य=प्रत्येक टीम में चार
|उपकरण=बॉल, स्टिक व घोड़े।
|स्थल=
|विश्वकप प्रतियोगिता=
|ओलम्पिक=
|संबंधित लेख=
|शीर्षक 1=
|पाठ 1=
|शीर्षक 2=
|पाठ 2=
|अन्य जानकारी= पोलो लीग की शुरुआत [[भारत]] में [[जयपुर]], [[राजस्थान]] से हुई थी। इस लीग की खास बात यह रही कि ट्रैडिशनल पोलो के विपरीत यह रात में खेला गया।
|बाहरी कड़ियाँ=
|अद्यतन={{अद्यतन|16:13, 26 जनवरी 2017 (IST)}}
}}
[[पोलो]] ([[अंग्रेज़ी]]: ''Polo'') एक टीम [[खेल]] है, जिसे [[घोड़ा|घोड़ों]] पर बैठकर खेला जाता है। इसका उद्देश्य प्रतिद्वंदी टीम के विरुद्ध गोल करना होता है। इसे ब्रिटिश काल के दौरान काफ़ी ख्याति मिली। इसमें खिलाड़ी एक प्लास्टिक या लकड़ी की गेंद को बड़े [[हॉकी]] जैसे डंडों से मारकर सामने वाली टीम के गोल में डालने की कोशिश करते हैं। परम्परागत तरीक़े में यह खेल बड़ी रफ़्तार से एक बड़े खुले मैदान में खेला जाता है। हर टीम में चार खिलाड़ी होते हैं। पोलो का उद्भव प्राचीन [[फ़ारस]] से माना जाता है। फ़ारस में 525 ई. पूर्व में 'पुळु' के नाम से यह खेल खेला जाता था। कुछ लोग भारतीय राज्य [[मणिपुर]] से इसका उद्भव मानते हैं। भारत से यह खेल 10वीं हुसार रेजीमेंट द्वारा [[1869]] में इंग्लैण्ड ले जाया गया।
==लीग शुरुआत==
==लीग शुरुआत==
[[आईपीएल]] समेत [[कबड्डी|प्रो कबड्डी लीग]] और [[कुश्ती|कुश्ती लीग]] की तर्ज पर देश की पहली पोलो लीग की शुरुआत हुई। इसका आगाज [[जयपुर]] से हुआ था। [[मार्च]] के पहले सप्ताह से शुरू होने वाली इस लीग की खास बात यह रही कि ट्रैडिशनल पोलो के विपरीत यह रात में खेला गया। जिसमें देश-विदेश के पोलो खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया था। लीग के संस्थापक चिराग पारीक ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा था कि बाकी लीग की तरह पोलो लीग में भी खिलाड़ियों की नीलामी हुई थी। पोलो लीग के सभी मैच फ्लडलाइट्स में खेले गए। रात में गेंद पर खिलाड़ियों का फोकस रहे, इसीलिए सफ़ेद की जगह रंगीन गेंद का प्रयोग किया गया।<ref name="a">{{cite web |url=http://hi.naradanews.com/2016/12/ipl-style-polo-leagues-players-auction-in-january-2017/|title=IPL की तर्ज पोलो लीग, जनवरी में होगी खिलाड़ियों की निलामी |accessmonthday=25 जनवरी |accessyear= 2017|last= |first= |authorlink= |format= |publisher=hi.naradanews.com |language= हिंदी}}</ref>
[[आईपीएल]] समेत [[कबड्डी|प्रो कबड्डी लीग]] और [[कुश्ती|कुश्ती लीग]] की तर्ज पर देश की पहली पोलो लीग की शुरुआत हुई। इसका आगाज [[जयपुर]] से हुआ था। [[मार्च]] के पहले सप्ताह से शुरू होने वाली इस लीग की खास बात यह रही कि ट्रैडिशनल पोलो के विपरीत यह रात में खेला गया। जिसमें देश-विदेश के पोलो खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया था। लीग के संस्थापक चिराग पारीक ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा था कि बाकी लीग की तरह पोलो लीग में भी खिलाड़ियों की नीलामी हुई थी। पोलो लीग के सभी मैच फ्लडलाइट्स में खेले गए। रात में गेंद पर खिलाड़ियों का फोकस रहे, इसीलिए सफ़ेद की जगह रंगीन गेंद का प्रयोग किया गया।<ref name="a">{{cite web |url=http://hi.naradanews.com/2016/12/ipl-style-polo-leagues-players-auction-in-january-2017/|title=IPL की तर्ज पोलो लीग, जनवरी में होगी खिलाड़ियों की निलामी |accessmonthday=25 जनवरी |accessyear= 2017|last= |first= |authorlink= |format= |publisher=hi.naradanews.com |language= हिंदी}}</ref>
Line 19: Line 41:
#चिंकारा पोलो क्लब, [[जयपुर]]
#चिंकारा पोलो क्लब, [[जयपुर]]
#फोर्ट विलियम पोलो क्लब, कोलकाता
#फोर्ट विलियम पोलो क्लब, कोलकाता
==रेड कार्ड==
 
जब खिलाड़ियों के बीच मैच के दौरान लड़ाई जैसा माहौल होता है तो उसके लिए पोलो में [[फ़ुटबॉल]] के खेल की तरह रेड कार्ड का नियम नहीं होता बल्कि यहाँ सारा दारोमदार रेफ्री की समझाइश (समझाने) पर चलता है और खिलाड़ियों को रेफ्री की बात माननी पड़ती है। मैच के दौरान तकरार बढ़ने पर एक खिलाड़ी के बाहर जाने के बाद रेफ्री दूसरे को भी बाहर कर देता है।<ref>{{cite web |url=http://www.bhaskar.com/news/c-20-see-how-polo-players-fight-with-there-stick-in-air-jd0317-NOR.html|title=देखिए पोलो मैच में एक-दूसरे पर स्टिक तान ऐसे भिड़े खिलाड़ी |accessmonthday=25 जनवरी |accessyear= 2017|last= |first= |authorlink= |format= |publisher=www.bhaskar.com |language= हिंदी}}</ref>


{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1|माध्यमिक=|पूर्णता= |शोध= }}
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1|माध्यमिक=|पूर्णता= |शोध= }}

Latest revision as of 11:41, 14 March 2018

पोलो
विवरण पोलो एक टीम खेल है जिसे घोड़ों पर बैठ कर खेला जाता है। इसमें प्रत्येक टीम में चार खिलाड़ी होते हैं। जो प्रतिद्वंदी टीम के विरुद्ध गोल करते हैं।
दल के सदस्य प्रत्येक टीम में चार
उपकरण बॉल, स्टिक व घोड़े।
अन्य जानकारी पोलो लीग की शुरुआत भारत में जयपुर, राजस्थान से हुई थी। इस लीग की खास बात यह रही कि ट्रैडिशनल पोलो के विपरीत यह रात में खेला गया।
अद्यतन‎

पोलो (अंग्रेज़ी: Polo) एक टीम खेल है, जिसे घोड़ों पर बैठकर खेला जाता है। इसका उद्देश्य प्रतिद्वंदी टीम के विरुद्ध गोल करना होता है। इसे ब्रिटिश काल के दौरान काफ़ी ख्याति मिली। इसमें खिलाड़ी एक प्लास्टिक या लकड़ी की गेंद को बड़े हॉकी जैसे डंडों से मारकर सामने वाली टीम के गोल में डालने की कोशिश करते हैं। परम्परागत तरीक़े में यह खेल बड़ी रफ़्तार से एक बड़े खुले मैदान में खेला जाता है। हर टीम में चार खिलाड़ी होते हैं। पोलो का उद्भव प्राचीन फ़ारस से माना जाता है। फ़ारस में 525 ई. पूर्व में 'पुळु' के नाम से यह खेल खेला जाता था। कुछ लोग भारतीय राज्य मणिपुर से इसका उद्भव मानते हैं। भारत से यह खेल 10वीं हुसार रेजीमेंट द्वारा 1869 में इंग्लैण्ड ले जाया गया।

लीग शुरुआत

आईपीएल समेत प्रो कबड्डी लीग और कुश्ती लीग की तर्ज पर देश की पहली पोलो लीग की शुरुआत हुई। इसका आगाज जयपुर से हुआ था। मार्च के पहले सप्ताह से शुरू होने वाली इस लीग की खास बात यह रही कि ट्रैडिशनल पोलो के विपरीत यह रात में खेला गया। जिसमें देश-विदेश के पोलो खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया था। लीग के संस्थापक चिराग पारीक ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा था कि बाकी लीग की तरह पोलो लीग में भी खिलाड़ियों की नीलामी हुई थी। पोलो लीग के सभी मैच फ्लडलाइट्स में खेले गए। रात में गेंद पर खिलाड़ियों का फोकस रहे, इसीलिए सफ़ेद की जगह रंगीन गेंद का प्रयोग किया गया।[1]

भारत के पोलो क्लब

अब पोलो खेलना, पहले के मुकाबले बहुत ही आसान हो गया है। दिल्ली, मुम्बई, कोलकाता, चेन्नई में ऐसे क्लबों की कोई कमी नहीं, जहां इस खेल में पारंगत हुआ जा सके। हैदराबाद, जयपुर, जोधपुरउदयपुर में भी पोलो खेलना व सीखना बेहद आसान हुआ है। बहुत-से क्लबों में तो क्रैश कोर्स भी चलाए जाते हैं।[2]

भारत में स्थित कुछ पोलो क्लब इस प्रकार हैं-

  1. 61 केव पालो क्लब, जयपुर
  2. एसीसी एंड एस पोलो क्लब, अहमदनगर
  3. अग्राम राइडिंग एंड पोलो क्लब, बेंगलुरु
  4. ऑल मणिपुर पोलो एसोशियशन, इंफाल
  5. अमेचर राइडर्स क्लब, मुम्बई
  6. आंध्र प्रदेश राइडिंग क्लब, हैदराबाद
  7. आर्मी पोलो एंड राइडिंग क्लब, दिल्ली कैंट
  8. आर्टीलेरी पोलो क्लब, नासिक
  9. एएससी पोलो क्लब, नयी दिल्ली
  10. बेंगलुरू अमेचर राइडर्स इंस्टीट्यूट, बेंगलुरू
  11. कलकत्ता पोलो क्लब, कोलकाता
  12. चिंकारा पोलो क्लब, जयपुर
  13. फोर्ट विलियम पोलो क्लब, कोलकाता


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका-टिप्पणी और संदर्भ

  1. IPL की तर्ज पोलो लीग, जनवरी में होगी खिलाड़ियों की निलामी (हिंदी) hi.naradanews.com। अभिगमन तिथि: 25 जनवरी, 2017।
  2. पोलो, खेल से कुछ ज्यादा (हिंदी) www.livehindustan.com। अभिगमन तिथि: 25 जनवरी, 2017।

सम्बंधित लेख