आरती संग्रह: Difference between revisions
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Revision as of 13:40, 3 March 2011
पूजा के अंत में हम सभी भगवान की आरती करते हैं। आरती पूजन के अन्त में इष्टदेवता की प्रसन्नता के हेतु की जाती है। इसमें इष्टदेव को दीपक दिखाने के साथ उनका स्तवन तथा गुणगान किया जाता है। यह एक देवता के गुणों की प्रशंसा गीत है। आरती आम तौर पर एक पूजा या भजन सत्र के अंत में किया जाता है। यह पूजा समारोह के एक भाग के रूप में गाया जाता है।
संबंधित लेख
- REDIRECT साँचा:आरती स्तुति स्तोत्र