आख़िरी कलाम: Difference between revisions
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Revision as of 07:12, 30 July 2011
'आख़िरी कलाम' ग्रन्थ में इस्लामी मान्यता के अनुसार प्रलय का वर्णन है। जायसी रचित महान ग्रंथ का सर्वप्रथम प्रकाशन फ़ारसी लिपि में हुआ था। इस काव्य में जायसी ने [मसनवी- शैली' के अनुसार ईश्वर- स्तुति की है। अपने अवतार ग्रहण करने तथा भूकंप एवं सूर्य- ग्रहण का भी उल्लेख किया है। इस के अलावा उन्होंने मुहम्मद स्तुति, शाहतरत- बादशाह की प्रशस्ति और सैय्यद अशरफ़ की वंदना, जायस नगर का परिचय बड़ी सुंदरता से उल्लेख किया है। जैसा कि जायसी ने अपने काव्य अखरावट में संसार की सृष्टि के विषय में लिखा था। इस आख़री काव्य में जायसी ने 'आख़री कलाम' नाम के अनुसार संसार के खत्म होने एवं पुनः सारे मानवों को जगाकर उसे अपना दर्शन कराने एवं जन्नत की भोग विलास के सूपुर्द करने का उल्लेख किया है।
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