User:रविन्द्र प्रसाद/1: Difference between revisions
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-गोलाकार | -गोलाकार | ||
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||[[चित्र:Mohenjodaro-Sindh.jpg|right|100px|हड़प्पा संस्कृति के अवशेष]]'हड़प्पा' [[पाकिस्तान]] के पंजाब प्रान्त में स्थित 'माण्टगोमरी ज़िले' में [[रावी नदी]] के बायें तट पर स्थित पुरास्थल है। [[हड़प्पा]] में ध्वंशावशेषों के विषय में सबसे पहले जानकारी 1826 ई. में 'चार्ल्स मैन्सर्न' ने दी। [[1946]] में मार्टीमर ह्वीलर ने हड़प्पा के पश्चिमी दुर्ग टीले की सुरक्षा का प्राचीर स्वरूप ज्ञात करने के लिए यहाँ [[उत्खनन]] करवाया। इसी उत्खनन के आधार पर ह्वीलर ने रक्षा प्राचीर एवं समाधि क्षेत्र के पारस्परिक सम्बन्धों को निर्धारित किया है। यह नगर क़रीब 5 कि.मी. के क्षेत्र में बसा हुआ है। हड़प्पा से प्राप्त दो टीलों में पूर्वी टीले को 'नगर टीला' तथा पश्चिमी टीले को 'दुर्ग टीला' के नाम से सम्बोधित किया गया।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[हड़प्पा]] | |||
{किस क्रांतिकारी ने 'मेरे अंत समय का आश्रय- गीता' नामक कृति की रचना की?(भारतकोश) | {किस क्रांतिकारी ने 'मेरे अंत समय का आश्रय- गीता' नामक कृति की रचना की?(भारतकोश) | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-भगत सिंह | -[[भगत सिंह]] | ||
-अश्विनी कुमार दत्त | -[[अश्विनी कुमार दत्त]] | ||
+भाई परमानंद | +[[भाई परमानंद]] | ||
- | -[[मदनमोहन मालवीय]] | ||
||[[चित्र:Bhai-Parmanand.jpg|right|100px|भाई परमानंद]]'भाई परमानन्द' [[स्वतंत्रता संग्राम आंदोलन|स्वतंत्रता संग्राम]] के महान क्रांतिकारी थे। वे बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी और एक महापुरुष थे। परमानन्द जी जहाँ आर्य समाज और वैदिक धर्म के सच्चे प्रचारक थे, वहीं दूसरी ओर एक इतिहासकार, साहित्यकार और प्रसिद्ध शिक्षाविद के रूप में भी उन्होंने ख्याति अर्जित की थी। [[भगत सिंह]], [[सुखदेव]], [[रामप्रसाद बिस्मिल]] और [[करतार सिंह सराभा|करतार सिंह]] जैसे ना जाने कितने राष्ट्रभक्त युवकों ने इनसे प्रेरणा पाई थी। [[भाई परमानन्द]] ने कई रचनाएँ की थीं। इनके द्वारा लिखित 'हिन्दू संगठन', 'भारत का इतिहास', 'दो लहरों की टक्कर', 'मेरे अंत समय का आश्रय- गीता', 'पंजाब का इतिहास', 'वीर बन्दा वैरागी', 'मेरी आपबीती',. 'हमारे राष्ट्र पुरुष' आदि साहित्य की कृतियाँ आज भी इस महान विभूति की पावन स्मृति को अमिट बनाये हुए हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[भाई परमानंद]] | |||
{'परमाणु ऊर्जा संस्थान', ट्रॉम्बे को [[होमी जहाँगीर भाभा|डॉ. भाभा]] के नाम पर 'भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र' नाम किसने दिया। | {'परमाणु ऊर्जा संस्थान', ट्रॉम्बे को [[होमी जहाँगीर भाभा|डॉ. भाभा]] के नाम पर 'भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र' नाम किसने दिया। |
Revision as of 10:20, 31 October 2013
इतिहास सामान्य ज्ञान
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