बनास नदी: Difference between revisions
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#खारी नदी 80 किलोमीटर लंबी है तथा राजसमंद के बिजराल की पहाड़ियों से निकलकर देवली (टौंक) के | #खारी नदी 80 किलोमीटर लंबी है तथा राजसमंद के बिजराल की पहाड़ियों से निकलकर देवली (टौंक) के नज़दीक बनास में मिल जाती है। | ||
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Revision as of 07:50, 25 June 2016
thumb|250px|बनास नदी बनास नदी राजस्थान, पश्चिमोत्तर भारत में प्रवाहित होने वाली नदी है। यह नदी चम्बल नदी की सहायक नदी है। बनास एक मात्र ऐसी नदी है, जो अपना संपूर्ण चक्र राजस्थान में ही पूरा करती है। 'बनास' अर्थात "वन की आशा" के रूप में जानी जाने वाली यह नदी उदयपुर ज़िले के अरावली पर्वत श्रेणियों में कुंभलगढ़ के पास खमनौर की पहाड़ियों से निकलती है।
उद्गम तथा प्रवाह क्षेत्र
इस नदी की घाटी में प्राचीन मानव सभ्यता के अनेक प्रकार के प्रस्तर के उपकरण प्राप्त हुए हैं। बनास नदी का उद्गम कुंभलगढ़ के निकट अरावली पर्वत मालाओं में है। यह अरावली पर्वतमाला को चीरकर अपना रास्ता बनाती है। इसके बाद पूर्वोत्तर की ओर बढ़ते हुए यह मैदानों तक पहुँचती है। नदी नाथद्वारा, कंकरोली, राजसमंद और भीलवाड़ा ज़िले में बहती हुई टौंक, सवाई माधोपुर के पश्चात रामेश्वरम के नजदीक चंबल नदी में गिर जाती है।
सहायक नदियाँ
बनास को मौसमी नदी के रूप में जाना जाता है। यह गर्मी के समय अक्सर सूखी रहती है, लेकिन इसके बावजूद यह सिंचाई का मुख्य स्रोत है। इसकी समूची घाटी में मिट्टी के बहाव से कई स्थानों में अनुपजाऊ भूमि का निर्माण हो गया। इसकी लंबाई लगभग 480 किलोमीटर है। इसकी सहायक नदियों में बेडच, कोठरी, मांसी, खारी, मुरेल व धुन्ध हैं।
- बेडच नदी 190 किलोमीटर लंबी है तथा गोगंडा पहाड़ियों, उदयपुर से निकलती है।
- कोठारी नदी उत्तरी राजसमंद ज़िले की दिवेर पहाड़ियों से निकलती है। यह 145 किलोमीटर लंबी है तथा उदयपुर, भीलवाड़ा में बहती हुई बनास में मिल जाती है।
- खारी नदी 80 किलोमीटर लंबी है तथा राजसमंद के बिजराल की पहाड़ियों से निकलकर देवली (टौंक) के नज़दीक बनास में मिल जाती है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
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