हिरण्यवती नदी: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
No edit summary |
No edit summary |
||
Line 1: | Line 1: | ||
{{बहुविकल्प|बहुविकल्पी शब्द=हिरण्यवती|लेख का नाम=हिरण्यवती (बहुविकल्पी)}} | |||
'''हिरण्यवती नदी''' का उल्लेख [[वामनपुराण]] में हुआ है। यह [[कुरूक्षेत्र]] में बहने वाली पवित्र नदी है, जो स्वच्छ और विशुद्ध [[जल]] से भरी रहती है। | '''हिरण्यवती नदी''' का उल्लेख [[वामनपुराण]] में हुआ है। यह [[कुरूक्षेत्र]] में बहने वाली पवित्र नदी है, जो स्वच्छ और विशुद्ध [[जल]] से भरी रहती है। | ||
Revision as of 09:23, 15 August 2014
चित्र:Disamb2.jpg हिरण्यवती | एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- हिरण्यवती (बहुविकल्पी) |
हिरण्यवती नदी का उल्लेख वामनपुराण में हुआ है। यह कुरूक्षेत्र में बहने वाली पवित्र नदी है, जो स्वच्छ और विशुद्ध जल से भरी रहती है।
- इस नदी में कंकर-कीचड़ का नाम तक नहीं है। हिरण्यवती नदी भारत की प्रमुख नदियों में से एक है।[1]
- 'बुद्धचरित' के वर्णन के अनुसार यह नदी राप्ती जान पड़ती है।
- वामनपुराण के वर्णन के अनुसार-
'सरस्वती नदी पुण्या तथा वैतरणी नदी, आपगा च महापुण्या गंगा मंदाकिनी नदी, मधुस्रवा अम्लु नदी, कौशिकी पापनाशिनी दृषद्वती महापुण्या तथा हिरण्यवती नदी।'[2][3]
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ उद्योग पर्व महाभारत 152.7-8
- ↑ वामनपुराण 39, 6-7-8
- ↑ ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |पृष्ठ संख्या: 1025 |