जैसलमेर रियासत: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
(''''जैसलमेर रियासत''' भारत की देशी रियासत थी। पीले भ...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
No edit summary
 
Line 1: Line 1:
'''जैसलमेर रियासत''' [[भारत]] की देशी [[रियासत]] थी। पीले भूरे पत्थरों से निर्मित भवनों के लिए विख्यात [[जैसलमेर]] की स्थापना 1156 ई. में राजपूतों ([[राजपूताना]] ऐतिहासिक क्षेत्र के योद्धा शासक) के सरदार रावल जैसल ने की थी। रावल जैसल के वंशजों ने यहाँ भारत के गणतंत्र में परिवर्तन होने तक बिना वंशक्रम को भंग किए हुए 770 वर्ष सतत शासन किया, जो अपने आप में एक महत्त्वपूर्ण घटना है। [[सल्तनत काल]] के लगभग 300 वर्ष के इतिहास से गुजरता हुआ यह राज्य [[मुग़ल साम्राज्य]] में भी लगभग 300 वर्षों तक अपने अस्तित्व को बनाए रखने में सक्षम रहा। भारत में अंग्रेज़ी राज्य की स्थापना से लेकर समाप्ति तक भी इस राज्य ने अपने वंश गौरव एवं महत्त्व को यथावत रखा। भारत की स्वतंत्रता के पश्चात् यह भारतीय गणतंत्र में विलीन हो गया।
'''जैसलमेर रियासत''' [[भारत]] की देशी [[रियासत]] थी। पीले भूरे पत्थरों से निर्मित भवनों के लिए विख्यात [[जैसलमेर]] की स्थापना 1156 ई. में राजपूतों<ref>[[राजपूताना]] ऐतिहासिक क्षेत्र के योद्धा शासक</ref> के [[रावल जैसल|सरदार रावल जैसल]] ने की थी। रावल जैसल के वंशजों ने यहाँ भारत के गणतंत्र में परिवर्तन होने तक बिना वंशक्रम को भंग किए हुए 770 [[वर्ष]] सतत शासन किया, जो अपने आप में एक महत्त्वपूर्ण घटना है। [[सल्तनत काल]] के लगभग 300 वर्ष के इतिहास से गुजरता हुआ यह राज्य [[मुग़ल साम्राज्य]] में भी लगभग 300 वर्षों तक अपने अस्तित्व को बनाए रखने में सक्षम रहा। भारत में [[अंग्रेज़ी शासन|अंग्रेज़ी राज्य]] की स्थापना से लेकर समाप्ति तक भी इस राज्य ने अपने वंश गौरव एवं महत्त्व को यथावत रखा। भारत की स्वतंत्रता के पश्चात् यह [[भारत|भारतीय गणतंत्र]] में विलीन हो गया।
==ऐतिहासिक महत्त्व==
==ऐतिहासिक महत्त्व==
सारा जैसलमेर नगर पीले सुन्दर पत्थर का बना हुआ है, जो इस नगर की विशेषता है। यहाँ के मंदिर व प्राचीन भवन और प्रासाद भी इसी पीले पत्थर के बने हुए हैं और उन पर जाली का बारीक काम किया हुआ है। भारत में जैसलमेर पर्यटन का सबसे आकर्षक स्थल माना जाता है। भारत के मानचित्र में जैसलमेर ऐसे स्थल पर स्थित है, जहाँ [[इतिहास]] में इसका विशिष्ट महत्त्व है। इस राज्य का भारत के उत्तर-पश्चिमी सीमा पर विस्तृत क्षेत्रफल होने के कारण यहाँ के शासकों ने अरबों तथा तुर्की के प्रारंभिक हमलों को न केवल सहन किया वरन् दृढ़ता के साथ इन बाहरी आक्रमणों से उन्हें पीछे धकेलकर [[राजस्थान]], [[गुजरात]] तथा [[मध्य भारत]] को सदियों तक सुरक्षित रखा।
सारा जैसलमेर नगर पीले सुन्दर पत्थर का बना हुआ है, जो इस नगर की विशेषता है। यहाँ के मंदिर व प्राचीन भवन और प्रासाद भी इसी पीले पत्थर के बने हुए हैं और उन पर जाली का बारीक काम किया हुआ है। भारत में जैसलमेर पर्यटन का सबसे आकर्षक स्थल माना जाता है। भारत के मानचित्र में जैसलमेर ऐसे स्थल पर स्थित है, जहाँ [[इतिहास]] में इसका विशिष्ट महत्त्व है। इस राज्य का भारत के [[उत्तर]]-[[पश्चिम|पश्चिमी]] सीमा पर विस्तृत क्षेत्रफल होने के कारण यहाँ के शासकों ने अरबों तथा तुर्की के प्रारंभिक हमलों को न केवल सहन किया वरन् दृढ़ता के साथ इन बाहरी आक्रमणों से उन्हें पीछे धकेलकर [[राजस्थान]], [[गुजरात]] तथा [[मध्य भारत]] को सदियों तक सुरक्षित रखा।


[[मेवाड़]] और [[जैसलमेर]] राजस्थान के दो ऐसे [[राजपूत]] राज्य रहे, जो अन्य राज्यों से प्राचीन माने जाते हैं, जहाँ एक ही वंश का लम्बे समय तक शासन रहा। हालाँकि जैसलमेर राज्य की ख्याति मेवाड़ के इतिहास की तुलना में बहुत कम हुई है, इसका मुख्य कारण यह है कि [[मुग़ल काल]] में जहाँ मेवाड़ के महाराणाओं की स्वाधीनता बनी रही, वहीं अन्य शासक की भाँति जैसलमेर के महारावलों द्वारा मुग़लों से मेलजोल कर लिया गया, जो अंत तक चलता रहा।
[[मेवाड़]] और [[जैसलमेर]] राजस्थान के दो ऐसे [[राजपूत]] राज्य रहे, जो अन्य राज्यों से प्राचीन माने जाते हैं, जहाँ एक ही वंश का लम्बे समय तक शासन रहा। हालाँकि जैसलमेर राज्य की ख्याति [[मेवाड़]] के इतिहास की तुलना में बहुत कम हुई है, इसका मुख्य कारण यह है कि [[मुग़ल काल]] में जहाँ मेवाड़ के महाराणाओं की स्वाधीनता बनी रही, वहीं अन्य शासक की भाँति जैसलमेर के महारावलों द्वारा [[मुग़ल|मुग़लों]] से मेलजोल कर लिया गया, जो अंत तक चलता रहा।
==आर्थिक स्थिति==
जैसलमेर आर्थिक क्षेत्र में भी साधारण आय वाला पिछड़ा क्षेत्र रहा है, जिसके कारण यहाँ के शासक कभी शक्तिशाली सैन्य बल संगठित नहीं कर सके। इसके विस्तृत भू-भाग को दबाकर इसके पड़ोसी राज्यों ने नए राज्यों का संगठन कर लिया, जिनमें [[बीकानेर]], खैरपुर, मीरपुर, बहावलपुर एवं शिकारपुर आदि राज्य हैं। जैसलमेर के इतिहास के साथ प्राचीन [[यदुवंश]] तथा [[मथुरा]] के [[यदु|राजा यदु]] के वंशजों का [[सिंध]], [[पंजाब]], [[राजस्थान]] के भू-भाग में पलायन और कई राज्यों की स्थापना आदि के अनेकानेक ऐतिहासिक व सांस्कृतिक प्रसंग जुड़े हुए हैं।


जैसलमेर आर्थिक क्षेत्र में भी साधारण आय वाला पिछड़ा क्षेत्र रहा है, जिसके कारण यहाँ के शासक कभी शक्तिशाली सैन्य बल संगठित नहीं कर सके। इसके विस्तृत भू-भाग को दबाकर इसके पड़ोसी राज्यों ने नए राज्यों का संगठन कर लिया, जिनमें [[बीकानेर]], खैरपुर, मीरपुर, बहावलपुर एवं शिकारपुर आदि राज्य हैं। जैसलमेर के इतिहास के साथ प्राचीन [[यदुवंश]] तथा [[मथुरा]] के [[यदु|राजा यदु]] के वंशजों का [[सिंध]], [[पंजाब]], [[राजस्थान]] के भू-भाग में पलायन और कई राज्यों की स्थापना आदि के अनेकानेक ऐतिहासिक व सांस्कृतिक प्रसंग जुड़े हुए हैं। सामान्यत: लोगों की कल्पना में यह स्थान धूल व आँधियों से घिरा रेगिस्तान मात्र है। परंतु इतिहास एवं काल के थपेड़े खाते हुए भी यहाँ प्राचीन संस्कृति, कला, परंपरा व [[इतिहास]] अपने मूल रूप में विद्यमान रहा तथा यहाँ के रेत के कण-कण में पिछले आठ सौ वर्षों के इतिहास की गाथाएँ भरी हुई हैं।
सामान्यत: लोगों की कल्पना में यह स्थान धूल व आँधियों से घिरा [[रेगिस्तान]] मात्र है। परंतु [[इतिहास]] एवं काल के थपेड़े खाते हुए भी यहाँ [[प्राचीन संस्कृति]], [[कला]], परंपरा व [[इतिहास]] अपने मूल रूप में विद्यमान रहा तथा यहाँ के रेत के कण-कण में पिछले आठ सौ [[वर्ष|वर्षों]] के इतिहास की गाथाएँ भरी हुई हैं।


{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक= प्रारम्भिक1|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक= प्रारम्भिक1|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}

Latest revision as of 06:50, 6 September 2018

जैसलमेर रियासत भारत की देशी रियासत थी। पीले भूरे पत्थरों से निर्मित भवनों के लिए विख्यात जैसलमेर की स्थापना 1156 ई. में राजपूतों[1] के सरदार रावल जैसल ने की थी। रावल जैसल के वंशजों ने यहाँ भारत के गणतंत्र में परिवर्तन होने तक बिना वंशक्रम को भंग किए हुए 770 वर्ष सतत शासन किया, जो अपने आप में एक महत्त्वपूर्ण घटना है। सल्तनत काल के लगभग 300 वर्ष के इतिहास से गुजरता हुआ यह राज्य मुग़ल साम्राज्य में भी लगभग 300 वर्षों तक अपने अस्तित्व को बनाए रखने में सक्षम रहा। भारत में अंग्रेज़ी राज्य की स्थापना से लेकर समाप्ति तक भी इस राज्य ने अपने वंश गौरव एवं महत्त्व को यथावत रखा। भारत की स्वतंत्रता के पश्चात् यह भारतीय गणतंत्र में विलीन हो गया।

ऐतिहासिक महत्त्व

सारा जैसलमेर नगर पीले सुन्दर पत्थर का बना हुआ है, जो इस नगर की विशेषता है। यहाँ के मंदिर व प्राचीन भवन और प्रासाद भी इसी पीले पत्थर के बने हुए हैं और उन पर जाली का बारीक काम किया हुआ है। भारत में जैसलमेर पर्यटन का सबसे आकर्षक स्थल माना जाता है। भारत के मानचित्र में जैसलमेर ऐसे स्थल पर स्थित है, जहाँ इतिहास में इसका विशिष्ट महत्त्व है। इस राज्य का भारत के उत्तर-पश्चिमी सीमा पर विस्तृत क्षेत्रफल होने के कारण यहाँ के शासकों ने अरबों तथा तुर्की के प्रारंभिक हमलों को न केवल सहन किया वरन् दृढ़ता के साथ इन बाहरी आक्रमणों से उन्हें पीछे धकेलकर राजस्थान, गुजरात तथा मध्य भारत को सदियों तक सुरक्षित रखा।

मेवाड़ और जैसलमेर राजस्थान के दो ऐसे राजपूत राज्य रहे, जो अन्य राज्यों से प्राचीन माने जाते हैं, जहाँ एक ही वंश का लम्बे समय तक शासन रहा। हालाँकि जैसलमेर राज्य की ख्याति मेवाड़ के इतिहास की तुलना में बहुत कम हुई है, इसका मुख्य कारण यह है कि मुग़ल काल में जहाँ मेवाड़ के महाराणाओं की स्वाधीनता बनी रही, वहीं अन्य शासक की भाँति जैसलमेर के महारावलों द्वारा मुग़लों से मेलजोल कर लिया गया, जो अंत तक चलता रहा।

आर्थिक स्थिति

जैसलमेर आर्थिक क्षेत्र में भी साधारण आय वाला पिछड़ा क्षेत्र रहा है, जिसके कारण यहाँ के शासक कभी शक्तिशाली सैन्य बल संगठित नहीं कर सके। इसके विस्तृत भू-भाग को दबाकर इसके पड़ोसी राज्यों ने नए राज्यों का संगठन कर लिया, जिनमें बीकानेर, खैरपुर, मीरपुर, बहावलपुर एवं शिकारपुर आदि राज्य हैं। जैसलमेर के इतिहास के साथ प्राचीन यदुवंश तथा मथुरा के राजा यदु के वंशजों का सिंध, पंजाब, राजस्थान के भू-भाग में पलायन और कई राज्यों की स्थापना आदि के अनेकानेक ऐतिहासिक व सांस्कृतिक प्रसंग जुड़े हुए हैं।

सामान्यत: लोगों की कल्पना में यह स्थान धूल व आँधियों से घिरा रेगिस्तान मात्र है। परंतु इतिहास एवं काल के थपेड़े खाते हुए भी यहाँ प्राचीन संस्कृति, कला, परंपरा व इतिहास अपने मूल रूप में विद्यमान रहा तथा यहाँ के रेत के कण-कण में पिछले आठ सौ वर्षों के इतिहास की गाथाएँ भरी हुई हैं।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. राजपूताना ऐतिहासिक क्षेत्र के योद्धा शासक

संबंधित लेख