आपगा नदी: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replace - "==सम्बंधित लिंक==" to "==संबंधित लेख==") |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replace - "==टीका टिप्पणी और संदर्भ==" to "{{संदर्भ ग्रंथ}} ==टीका टिप्पणी और संदर्भ==") |
||
Line 2: | Line 2: | ||
#आपगा नदी [[पंजाब]] की एक नदी है- 'शाकलं नाम नगरमापगा नाम निम्नगा, अर्तिकानाम वाहीकास्तेषां वृत्तं सुनिन्दितम्'<ref>[[महाभारत]] [[कर्ण पर्व महाभारत|कर्णपर्व]] 44, 10</ref> अर्थात् वाहीक या आरट्ट देश में शाकल- वर्तमान स्यालकोट- नाम का नगर और आपगा नाम की नदी है जहाँ जर्तिक नाम के वाहीक रहते हैं, उनका चरित्र अत्यंत निंदित है। इससे स्पष्ट है कि आपगा स्यालकोट (पाकिस्तान) के पास बहने वाली नदी थी। इसका अभिज्ञान स्यालकोट की 'ऐक' नाम की छोटी-सी नदी से किया गया है। यह [[चिनाब नदी]] की सहायक नदी है। | #आपगा नदी [[पंजाब]] की एक नदी है- 'शाकलं नाम नगरमापगा नाम निम्नगा, अर्तिकानाम वाहीकास्तेषां वृत्तं सुनिन्दितम्'<ref>[[महाभारत]] [[कर्ण पर्व महाभारत|कर्णपर्व]] 44, 10</ref> अर्थात् वाहीक या आरट्ट देश में शाकल- वर्तमान स्यालकोट- नाम का नगर और आपगा नाम की नदी है जहाँ जर्तिक नाम के वाहीक रहते हैं, उनका चरित्र अत्यंत निंदित है। इससे स्पष्ट है कि आपगा स्यालकोट (पाकिस्तान) के पास बहने वाली नदी थी। इसका अभिज्ञान स्यालकोट की 'ऐक' नाम की छोटी-सी नदी से किया गया है। यह [[चिनाब नदी]] की सहायक नदी है। | ||
#[[वामन पुराण]]<ref>वामन पुराण (39, 6-8) </ref> में आपगा नदी का उल्लेख है जो [[कुरुक्षेत्र]] की सात पुण्य नदियों में से है- 'सरस्वती नदी पुण्या तथा वैतरणी नदी, आपगा च महापुण्या गंगा मंदाकिनी नदी। मधुश्रुवा अम्लुनदी कौशिकी पापनाशिनी, दृशद्वती महापुण्या तथा हिरण्यवती नदी'। कहा जाता है यह नदी जो अब अधिकांश में विलुप्त हो गई है कुरुक्षेत्र के ब्रह्मसर से एक मील दूर आपगा-सरोवर के रूप में आज भी दृश्यमान है। संभव है, महाभारत और वामनपुराण की नदियाँ एक ही हों, यदि ऐसा है तो नदी के गुणों में जो दोनों ग्रन्थों में वैषम्य वर्णित है वह आश्चर्यजनक है। नदियाँ भिन्न भी हो सकती हैं। | #[[वामन पुराण]]<ref>वामन पुराण (39, 6-8) </ref> में आपगा नदी का उल्लेख है जो [[कुरुक्षेत्र]] की सात पुण्य नदियों में से है- 'सरस्वती नदी पुण्या तथा वैतरणी नदी, आपगा च महापुण्या गंगा मंदाकिनी नदी। मधुश्रुवा अम्लुनदी कौशिकी पापनाशिनी, दृशद्वती महापुण्या तथा हिरण्यवती नदी'। कहा जाता है यह नदी जो अब अधिकांश में विलुप्त हो गई है कुरुक्षेत्र के ब्रह्मसर से एक मील दूर आपगा-सरोवर के रूप में आज भी दृश्यमान है। संभव है, महाभारत और वामनपुराण की नदियाँ एक ही हों, यदि ऐसा है तो नदी के गुणों में जो दोनों ग्रन्थों में वैषम्य वर्णित है वह आश्चर्यजनक है। नदियाँ भिन्न भी हो सकती हैं। | ||
{{संदर्भ ग्रंथ}} | |||
==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ||
<references/> | <references/> |
Revision as of 08:20, 21 March 2011
आपगा नदी के उद्गम का उल्लेख कई जगह आता है। एक ही नाम की अलग-अलग जगह पर कई नदियाँ है जो इस प्रकार है:-
- आपगा नदी पंजाब की एक नदी है- 'शाकलं नाम नगरमापगा नाम निम्नगा, अर्तिकानाम वाहीकास्तेषां वृत्तं सुनिन्दितम्'[1] अर्थात् वाहीक या आरट्ट देश में शाकल- वर्तमान स्यालकोट- नाम का नगर और आपगा नाम की नदी है जहाँ जर्तिक नाम के वाहीक रहते हैं, उनका चरित्र अत्यंत निंदित है। इससे स्पष्ट है कि आपगा स्यालकोट (पाकिस्तान) के पास बहने वाली नदी थी। इसका अभिज्ञान स्यालकोट की 'ऐक' नाम की छोटी-सी नदी से किया गया है। यह चिनाब नदी की सहायक नदी है।
- वामन पुराण[2] में आपगा नदी का उल्लेख है जो कुरुक्षेत्र की सात पुण्य नदियों में से है- 'सरस्वती नदी पुण्या तथा वैतरणी नदी, आपगा च महापुण्या गंगा मंदाकिनी नदी। मधुश्रुवा अम्लुनदी कौशिकी पापनाशिनी, दृशद्वती महापुण्या तथा हिरण्यवती नदी'। कहा जाता है यह नदी जो अब अधिकांश में विलुप्त हो गई है कुरुक्षेत्र के ब्रह्मसर से एक मील दूर आपगा-सरोवर के रूप में आज भी दृश्यमान है। संभव है, महाभारत और वामनपुराण की नदियाँ एक ही हों, यदि ऐसा है तो नदी के गुणों में जो दोनों ग्रन्थों में वैषम्य वर्णित है वह आश्चर्यजनक है। नदियाँ भिन्न भी हो सकती हैं।