उषा नेगिसेटी: Difference between revisions

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Latest revision as of 06:46, 4 October 2021

thumb|250px|उषा नेगिसेटी उषा नेगिसेटी (अंग्रेज़ी: Usha Nagisetty, जन्म- 13 अगस्त, 1984) भारतीय महिला मुक्केबाज़ हैं जो विशाखापट्टनम, आन्ध्र प्रदेश से हैं। उन्होंने वर्ष 2008 की एथियाई महिला मुक्केबाज़ी चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक और फिर एआईबीए महिला विश्व मुक्केबाजी चैम्पियनशिप में रजत पदक जीता था। वर्ष 2020 में उषा नेगिसेटी को 'ध्यानचंद पुरस्कार' से सम्मानित किया गया है।

  • उषा नेगिसेटी 2002 से अपने कोच इनुकुर्ती वेंकटेश्वर राव से विशाखापत्तनम में खेल प्रशिक्षण केंद्र में प्रशिक्षण प्राप्त कर रही हैं।
  • वह एकमात्र महिला मुक्केबाज़ थीं, जिन्हें 2009 में पुरुषों की विश्व मुक्केबाजी चैम्पियनशिप में प्रदर्शन मुकाबलों के लिए आमंत्रित किया गया था। यह खबर सुनकर, उनके कोच ने कहा था कि, "यह न केवल उषा के लिए बल्कि भारतीय मुक्केबाजी के लिए भी एक महान क्षण है।"
  • उषा ने विश्व चैंपियनशिप में दो रजत पदक जीते हैं और 2008 में चौथी एशियाई चैंपियनशिप में 57 किलोग्राम वर्ग में कजाकिस्तान की इमानबायेवा ज़ुल्दाज़े को हराकर स्वर्ण पदक जीता था।
  • साल 2011 में उषा नेगिसेटी ने फेडरेशन कप में आंध्र प्रदेश के लिए स्वर्ण पदक जीता। उन्होंने एक बार अखिल भारतीय पुलिस बॉक्सिंग मीट और इंटर-जोनल नेशनल बॉक्सिंग चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता।
  • 2011 में ही फेडरेशन कप महिला मुक्केबाजी चैम्पियनशिप में उषा नेगिसेटी ने एक बार फिर स्वर्ण पदक जीता और राष्ट्रीय चैंपियन प्रीति बेनीवाल के खिलाफ जीत हासिल की। हालांकि ऐसा लग रहा था कि प्रीति बेनीवाल को पहले तीन राउंड में फायदा हुआ था, लेकिन अंत में नगीसेट्टी ने जीत हासिल की।


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