खंडोबा मंदिर, महाराष्ट्र: Difference between revisions
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
No edit summary |
|||
Line 1: | Line 1: | ||
[[चित्र:Khandoba-Temple.jpg|thumb|250px|खंडोबा मंदिर, [[महाराष्ट्र]]]] | |||
'''खंडोबा मंदिर''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Khandoba Temole'') [[भारत]] के प्रसिद्ध [[हिन्दू]] धार्मिक स्थलों में से एक है। देश में ऐसे कई मंदिर हैं, जो अपने आप में कोई न कोई [[कहानी]] या रहस्य समेटे हुए हैं। ऐसा ही एक मंदिर [[महाराष्ट्र]] के [[पुणे]] में जेजुरी नामक नगर में है। इसे खंडोबा मंदिर के नाम से जाना जाता है। [[मराठी]] में इसे 'खंडोबाची जेजुरी' (खंडोबा की जेजुरी) कहकर पुकारा जाता है। मंदिर एक छोटी-सी पहाड़ी पर 718 मीटर (करीब 2,356 फीट) की ऊंचाई पर स्थित है। यहां तक पहुंचने के लिए दो सौ के करीब सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं। इस मंदिर को लेकर कई कहानियां प्रचलित हैं, जो हैरान कर देंगी।<ref name="pp">{{cite web |url=https://www.amarujala.com/bizarre-news/strange-story-of-khandoba-temple-in-maharashtra?pageId=5 |title=खंडोबा मंदिर का रहस्य, प्रचलित हैं कई हैरान करने वाली कहानियां|accessmonthday=1 जनवरी|accessyear=2021 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=amarujala.com |language=हिंदी}}</ref> | '''खंडोबा मंदिर''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Khandoba Temole'') [[भारत]] के प्रसिद्ध [[हिन्दू]] धार्मिक स्थलों में से एक है। देश में ऐसे कई मंदिर हैं, जो अपने आप में कोई न कोई [[कहानी]] या रहस्य समेटे हुए हैं। ऐसा ही एक मंदिर [[महाराष्ट्र]] के [[पुणे]] में जेजुरी नामक नगर में है। इसे खंडोबा मंदिर के नाम से जाना जाता है। [[मराठी]] में इसे 'खंडोबाची जेजुरी' (खंडोबा की जेजुरी) कहकर पुकारा जाता है। मंदिर एक छोटी-सी पहाड़ी पर 718 मीटर (करीब 2,356 फीट) की ऊंचाई पर स्थित है। यहां तक पहुंचने के लिए दो सौ के करीब सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं। इस मंदिर को लेकर कई कहानियां प्रचलित हैं, जो हैरान कर देंगी।<ref name="pp">{{cite web |url=https://www.amarujala.com/bizarre-news/strange-story-of-khandoba-temple-in-maharashtra?pageId=5 |title=खंडोबा मंदिर का रहस्य, प्रचलित हैं कई हैरान करने वाली कहानियां|accessmonthday=1 जनवरी|accessyear=2021 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=amarujala.com |language=हिंदी}}</ref> | ||
==देवता== | ==देवता== | ||
इस मंदिर में विराजमान [[देवता]] को भगवान खंडोबा कहा जाता है। उन्हें मार्तण्ड भैरव और मल्हारी जैसे अन्य नामों से भी जाना जाता है, जो [[शिव]] का ही दूसरा रूप है। भगवान खंडोबा की मूर्ति घोड़े की सवारी करते एक योद्धा के रूप में है। उनके हाथ में राक्षसों को मारने के लिए कि एक बड़ी सी तलवार (खड्ग) है। भगवान खंडोबा को एक उग्र देवता के रूप में माना जाता है, इसलिए इनकी [[पूजा]] के नियम बेहद ही कड़े हैं। किसी साधारण पूजा की तरह उन्हें [[हल्दी]] और [[फूल]] तो चढ़ाया ही जाता है, लेकिन कभी-कभी बकरी का मांस भी मंदिर के बाहर भगवान को चढ़ाया जाता है। | इस मंदिर में विराजमान [[देवता]] को भगवान खंडोबा कहा जाता है। उन्हें मार्तण्ड भैरव और मल्हारी जैसे अन्य नामों से भी जाना जाता है, जो [[शिव]] का ही दूसरा रूप है। भगवान खंडोबा की मूर्ति घोड़े की सवारी करते एक योद्धा के रूप में है। उनके हाथ में राक्षसों को मारने के लिए कि एक बड़ी सी तलवार (खड्ग) है। भगवान खंडोबा को एक उग्र देवता के रूप में माना जाता है, इसलिए इनकी [[पूजा]] के नियम बेहद ही कड़े हैं। किसी साधारण पूजा की तरह उन्हें [[हल्दी]] और [[फूल]] तो चढ़ाया ही जाता है, लेकिन कभी-कभी बकरी का मांस भी मंदिर के बाहर भगवान को चढ़ाया जाता है। | ||
==स्थापत्य== | ==स्थापत्य== | ||
[[चित्र:Khandoba-Temple-1.jpg|thumb|250px|देवता, खंडोबा मंदिर, [[महाराष्ट्र]]]] | |||
खंडोबा मंदिर मुख्य रूप से दो भागों में विभाजित है। पहला भाग मंडप कहलाता है जबकि दूसरे भाग में गर्भगृह है, जिसमें भगवान खंडोबा की मूर्ति स्थापित है। हेमाड़पंथी शैली में बने इस मंदिर में पीतल से बना एक बड़ा सा कछुआ भी है। इसके अलावा मंदिर में एतिहासिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण कई हथियार भी रखे गए हैं। [[दशहरा|दशहरे]] के दिन यहां भारी भरकम तलवार को दांत के सहारे अधिक समय तक उठाए रखने की एक प्रतियोगिता भी होती है, जो बहुत प्रसिद्ध है।<ref name="pp"/> | खंडोबा मंदिर मुख्य रूप से दो भागों में विभाजित है। पहला भाग मंडप कहलाता है जबकि दूसरे भाग में गर्भगृह है, जिसमें भगवान खंडोबा की मूर्ति स्थापित है। हेमाड़पंथी शैली में बने इस मंदिर में पीतल से बना एक बड़ा सा कछुआ भी है। इसके अलावा मंदिर में एतिहासिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण कई हथियार भी रखे गए हैं। [[दशहरा|दशहरे]] के दिन यहां भारी भरकम तलवार को दांत के सहारे अधिक समय तक उठाए रखने की एक प्रतियोगिता भी होती है, जो बहुत प्रसिद्ध है।<ref name="pp"/> | ||
==धार्मिक मान्यता== | ==धार्मिक मान्यता== |
Revision as of 07:51, 2 January 2022
[[चित्र:Khandoba-Temple.jpg|thumb|250px|खंडोबा मंदिर, महाराष्ट्र]] खंडोबा मंदिर (अंग्रेज़ी: Khandoba Temole) भारत के प्रसिद्ध हिन्दू धार्मिक स्थलों में से एक है। देश में ऐसे कई मंदिर हैं, जो अपने आप में कोई न कोई कहानी या रहस्य समेटे हुए हैं। ऐसा ही एक मंदिर महाराष्ट्र के पुणे में जेजुरी नामक नगर में है। इसे खंडोबा मंदिर के नाम से जाना जाता है। मराठी में इसे 'खंडोबाची जेजुरी' (खंडोबा की जेजुरी) कहकर पुकारा जाता है। मंदिर एक छोटी-सी पहाड़ी पर 718 मीटर (करीब 2,356 फीट) की ऊंचाई पर स्थित है। यहां तक पहुंचने के लिए दो सौ के करीब सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं। इस मंदिर को लेकर कई कहानियां प्रचलित हैं, जो हैरान कर देंगी।[1]
देवता
इस मंदिर में विराजमान देवता को भगवान खंडोबा कहा जाता है। उन्हें मार्तण्ड भैरव और मल्हारी जैसे अन्य नामों से भी जाना जाता है, जो शिव का ही दूसरा रूप है। भगवान खंडोबा की मूर्ति घोड़े की सवारी करते एक योद्धा के रूप में है। उनके हाथ में राक्षसों को मारने के लिए कि एक बड़ी सी तलवार (खड्ग) है। भगवान खंडोबा को एक उग्र देवता के रूप में माना जाता है, इसलिए इनकी पूजा के नियम बेहद ही कड़े हैं। किसी साधारण पूजा की तरह उन्हें हल्दी और फूल तो चढ़ाया ही जाता है, लेकिन कभी-कभी बकरी का मांस भी मंदिर के बाहर भगवान को चढ़ाया जाता है।
स्थापत्य
[[चित्र:Khandoba-Temple-1.jpg|thumb|250px|देवता, खंडोबा मंदिर, महाराष्ट्र]] खंडोबा मंदिर मुख्य रूप से दो भागों में विभाजित है। पहला भाग मंडप कहलाता है जबकि दूसरे भाग में गर्भगृह है, जिसमें भगवान खंडोबा की मूर्ति स्थापित है। हेमाड़पंथी शैली में बने इस मंदिर में पीतल से बना एक बड़ा सा कछुआ भी है। इसके अलावा मंदिर में एतिहासिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण कई हथियार भी रखे गए हैं। दशहरे के दिन यहां भारी भरकम तलवार को दांत के सहारे अधिक समय तक उठाए रखने की एक प्रतियोगिता भी होती है, जो बहुत प्रसिद्ध है।[1]
धार्मिक मान्यता
मान्यता है कि धरती पर मल्ल और मणि नाम के दो राक्षस भाईयों का अत्याचार काफी बढ़ गया था, जिसे खत्म करने के लिए भगवान शिव ने मार्तंड भैरव का अवतार लिया था। कहते हैं कि भगवान ने मल्ला का सिर काट कर मंदिर की सीढ़ियों पर छोड़ दिया था जबकि मणि ने मानव जाति की भलाई का वरदान भगवान से मांगा था, इसलिए उसे उन्होंने छोड़ दिया। इस पौराणिक कथा का उल्लेख ब्रह्माण्ड पुराण में मिलता है।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ 1.0 1.1 खंडोबा मंदिर का रहस्य, प्रचलित हैं कई हैरान करने वाली कहानियां (हिंदी) amarujala.com। अभिगमन तिथि: 1 जनवरी, 2021।