अल्मोड़ा: Difference between revisions
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replace - "{{लेख प्रगति" to "{{प्रचार}} {{लेख प्रगति") |
No edit summary |
||
Line 10: | Line 10: | ||
{{प्रचार}} | {{प्रचार}} | ||
{{लेख प्रगति | {{लेख प्रगति | ||
|आधार= | |आधार= | ||
|प्रारम्भिक= | |प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 | ||
|माध्यमिक= | |माध्यमिक= | ||
|पूर्णता= | |पूर्णता= | ||
Line 19: | Line 19: | ||
==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ||
<references/> | <references/> | ||
==संबंधित लेख== | |||
{{उत्तराखंड के पर्यटन स्थल}} | |||
[[Category:उत्तराखंड]] | [[Category:उत्तराखंड]] | ||
[[Category:उत्तराखंड के नगर]] | [[Category:उत्तराखंड के नगर]] | ||
[[Category:भारत के नगर]] | [[Category:भारत के नगर]] | ||
__INDEX__ | __INDEX__ |
Revision as of 11:19, 15 January 2011
अल्मोड़ा नगर अल्मोड़ा ज़िले का प्रशासनिक मुख्यालय है और यह् उत्तरांचल राज्य, उत्तरी भारत में है। हिमालय की तराई में एक पर्वतश्रेणी पर बसा यह नगर नई दिल्ली से लगभग 275 किमी. पूर्वोत्तर में स्थित है। 1970 में गोरखा लोगों ने अल्मोड़ा पर क़ब्ज़ा कर लिया उन्होंने पर्वतश्रेणी के पूर्वी छोर पर एक दुर्ग का निर्माण किया। एक अन्य दुर्ग पश्चिमी छोर पर स्थित है। 1815 में गोरखों को अल्मोड़ा के पास अंग्रेज़ों के हाथों पराजय का सामना करना पड़ा। यह एक कृषि व्यापार केन्द्र है और यहाँ कुछ निर्माण इकाइयाँ तथा कुमाऊँ विश्वविद्यालय से सम्बद्ध एक महाविद्यालय भी है। सड़क मार्ग के ज़रिये यह नगर दक्षिण स्थित शहरों से जुड़ा हुआ है।
इतिहास
अल्मोड़ा एक कुमायूँ की पहाड़ियों में बसा हुआ पहाड़ी नगर है। 1563 ई. तक यह अज्ञात स्थान था। इस वर्ष तक स्थानीय पहाड़ी सरदार चंदराजा बालो कल्याणचंद ने इसे अपनी राजधानी बनाया। उस समय इसे राजापुर कहते थे। ऐतिहासिक आधार पर कहा जा सकता है कि कुमायूँ का सर्वप्राचीन राजवंश कत्यूरी नामक था। हेनरी इलियट ने कत्यूरी शासकों को खसजातीय सिद्ध करने का प्रयत्न किया है किन्तु स्थानीय परम्परा के अनुसार वे अयोध्या के सूर्यवंशी नरेशों के वंशज थे। 7वीं शती में कुमायूँ में चंदराजाओं का शासन प्रारम्भ हुआ था। 1797 ई. में अल्मोड़ा को गोरखों ने कत्यूरियों से छीन लिया और नेपाल में मिला लिया। 1896 ई. में अंग्रेज़ों और गोरखों की लड़ाई के पश्चात् सिंगौली की सन्धि के अनुसार अन्य अनेक पहाड़ी स्थानों के साथ ही अल्मोड़े पर भी अंग्रजों का अधिकार हो गया।
प्रमुख स्थल
यहाँ के प्रमुख स्थलों में त्रिशूल चोटियाँ, नन्दा देवी का मन्दिर, जहाँ हर साल मेला लगता है। मृग विहार, ब्राइट एण्ड कार्नर, जहाँ लोग सूर्योदय और सूर्यास्त देखने आते हैं और गोविन्द वल्लभ पंत संग्रहालय शामिल हैं, जिसमें इस क्षेत्र की लोक चित्रकला शैली के चित्रों का अच्छा संग्रह है।
जनसंख्या
1991 की जनगणना के अनुसार अल्मोड़ा नगर की कुल जनसंख्या 30,613 है।
|
|
|
|
|