नागपुर: Difference between revisions

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[[चित्र:Diksha-Bhoomi-Nagpur.jpg|दीक्षाभूमि, नागपुर
Diksha Bhoomi, Nagpur|thumb]] नागपुर शहर की स्थापना देवगड़ (छिंदवाड़ा) के शासक गोंड वंश के राजा ने की थी। संतरे की राजधानी के रूप में विख्यात नागपुर महाराष्ट्र का तीसरा सबसे बड़ा शहर है। पर्यटन की दृष्टि से यह महाराष्ट्र के अग्रणी शहरों में शुमार किया जाता है। यहाँ बने अनेक मंदिर, ऐतिहासिक इमारतें और झील यहाँ आने वाले सैलानियों के केन्द्र में होते हैं। इस शहर से बहने वाली नाग नदी के कारण इसका नाम नागपुर पड़ा। नागपुर की स्थापना देवगढ़ के गोंड राजा बख़्त बुलंद शाह ने 1703 ई. में की थी। यह शहर 1960 तक मध्य भारत राज्य की राजधानी था। 1960 के बाद यहाँ की मराठी आबादी को देखते हुए इसे महाराष्ट्र के ज़िले के रूप में शामिल कर लिया गया।

नागपुर महाराष्ट्र राज्य का एक प्रमुख शहर है। नागपुर भारत के मध्य में स्थित है। नागपुर भारत का 13वाँ एवं विश्व का 114वाँ सबसे बड़ा शहर हैं। महाराष्ट्र की इस उपराजधानी की जनसंख्या 30 लाख के आसपास है। नागपुर की लगभग आधी आबादी मराठी भाषा बोलती है। यह नगर संतरों के लिये काफ़ी मशहूर है। इसलिए नागपुर को लोग संतरों की नगरी भी कहते हैं। हाल ही में नागपुर शहर को देश के सबसे स्वच्छ व सुदंर शहर का इनाम मिला है। भारत देश का नागपुर दूसरे नंबर का ग्रीनेस्ट (हरित शहर) शहर माना जाता है। बढ़ते इन्फ्रास्ट्रकचर की वजह से नागपुर की गिनती जल्द ही महानगरों में की जायेगी। नागपुर शहर की स्थापना गोंड राज्य ने की थी। फिर वह राजा भोंसले के उपरान्त मराठा साम्राज्य मे शामिल हो गया। 19वीं सदी में अंग्रेज़ी हुकुमत ने नागपुर को मध्य प्रान्त व बरार की राजधानी बना दिया। आज़ादी के बाद राज्य पुर्नरचना ने नागपुर को महाराष्ट्र की उपराजधानी बना दिया। नागपुर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और विश्व हिंदू परिषद जैसी राष्ट्रवादी संघटनाओ का एक प्रमुख केंद्र है। नागपुर का नाम नाग नदी से रखा गया है। यह नदी नागपुर के पुराने हिस्से से गु्ज़रती है। नागपुर महानगर पालिका के चिन्ह पर नदी और एक नाग है। नागपुर संतरों के लिये मशहूर है और उसे संत्र नगरी भी कहा जाता है। और नागपुर मे नाग साप बहुत पाया जाता था इस कारण से नागपुर का नाम नागपुर रख गया है।

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