इन्दौर पर्यटन: Difference between revisions

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इन्दौर में अनेक महल हैं जिसमें रजवाडा का ख़ास स्‍थान है। इन्दौर शहर की स्‍थापना जमींदार परिवार ने की जो आज भी बङा रावला जूनी इन्दौर मे निवास करता है। पर्यटक स्थलों में होल्करों द्वारा निर्मित लाल बाग़ महल, काँच मन्दिर जिसमें काँच का अद्भुतकला कौशल है, ख़ान नदी के तट पर कृष्णपुरा छतरी, सातमंज़िला भव्य होल्कर रजवाड़ा महल जिसका केवल अग्रभाग बचा है, बड़ा गणपति जिसमें [[गणेश]] की 7.62 मीटर ऊँची मूर्ति है। [[महात्मा गाँधी]] सभाकक्ष (1904 में स्थापित एवं मूल रूप से किंग एडवर्ड हॉल के रूप में विख्यात) अपने भव्य घंटाघर के साथ संग्रहालय, जिसमें परमार मूर्तिकला का शानदार संग्रह है। यहाँ पर कई पर्यटन स्थल है जो इस प्रकार है:-  
इन्दौर में अनेक महल हैं जिसमें रजवाडा का ख़ास स्‍थान है। इन्दौर शहर की स्‍थापना जमींदार परिवार ने की जो आज भी बङा रावला जूनी इन्दौर मे निवास करता है। पर्यटक स्थलों में होल्करों द्वारा निर्मित लाल बाग़ महल, काँच मन्दिर जिसमें काँच का अद्भुतकला कौशल है, ख़ान नदी के तट पर कृष्णपुरा छतरी, सातमंज़िला भव्य होल्कर रजवाड़ा महल जिसका केवल अग्रभाग बचा है, बड़ा गणपति जिसमें [[गणेश]] की 7.62 मीटर ऊँची मूर्ति है। [[महात्मा गाँधी]] सभाकक्ष (1904 में स्थापित एवं मूल रूप से किंग एडवर्ड हॉल के रूप में विख्यात) अपने भव्य घंटाघर के साथ संग्रहालय, जिसमें परमार मूर्तिकला का शानदार संग्रह है। यहाँ पर कई पर्यटन स्थल है जो इस प्रकार है:-  
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* लाल बाग महल होल्‍कर राजवंश के वास्‍तुकला का उत्‍कृष्‍ट नमूना है।  
* लाल बाग़ महल होल्‍कर राजवंश के वास्‍तुकला का उत्‍कृष्‍ट नमूना है।  
* मूल रुप से यह महल साम्राज्‍य के महत्त्वपूर्ण लोगों का मिलन स्‍थल था।  
* मूल रुप से यह महल साम्राज्‍य के महत्त्वपूर्ण लोगों का मिलन स्‍थल था।  
* इसी भवन में साम्राज्‍य के महत्त्वपूर्ण अधिकारी विचार विमर्श करते थे।
* इसी भवन में साम्राज्‍य के महत्त्वपूर्ण अधिकारी विचार विमर्श करते थे।
* इसका निर्माण सन [[1886]] में महाराजा तुकोजी राव होल्कर द्वितीय के राज में प्रारम्भ हुआ और महाराजा तुकोजी राव होल्कर तृतीय के शासन काल में सम्पन्न हुआ।
* इसका निर्माण सन [[1886]] में महाराजा तुकोजी राव होल्कर द्वितीय के राज में प्रारम्भ हुआ और महाराजा तुकोजी राव होल्कर तृतीय के शासन काल में सम्पन्न हुआ।
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इन्दौर पर्यटन
विवरण इन्दौर शहर, मध्य प्रदेश राज्य, मध्य भारत में स्थित है। इसे मध्य प्रदेश की व्यावसायिक राजधानी के रूप में भी जाना जाता है।
राज्य मध्यप्रदेश
ज़िला इन्दौर ज़िला
भौगोलिक स्थिति उत्तर- 22.42°, पूर्व- 75.54°
प्रसिद्धि इन्दौर मध्य-भारत का गेहूँ, मूँगफली और सोयाबीन का प्रमुख उत्पादक है।
कैसे पहुँचें बस, रेल, हवाई जहाज़ आदि से पहुँचा जा सकता है।
हवाई अड्डा देवी अहिल्याबाई होल्कर अंतर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र
रेलवे स्टेशन इन्दौर रेलवे स्टेशन
बस अड्डा इन्दौर बस अड्डा
यातायात बस, टैक्सी, ऑटो रिक्शा
क्या देखें इन्दौर पर्यटन
कहाँ ठहरें होटल, अतिथि ग्रह
क्या खायें नमकीन, पोहा, जलेबी, चाट, कचौड़ी, समौसे
एस.टी.डी. कोड 0731
ए.टी.एम लगभग सभी
चित्र:Map-icon.gif गूगल मानचित्र, देवी अहिल्याबाई होल्कर अंतर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र
बाहरी कड़ियाँ अधिकारिक वेबसाइट
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इन्दौर इन्दौर पर्यटन इन्दौर ज़िला

इन्दौर शहर, पश्चिमी मध्य प्रदेश राज्य, मध्य भारत में स्थित एक प्रमुख पर्यटन स्‍थल है। यह एक ऐतिहासिक शहर है। मध्‍यकाल में यह होल्‍कर राजवंश की राजधानी हुआ करता था। यहाँ अब भी इस वंश से संबंधित भवनों को देखा जा सकता है। इन्दौर को मध्य प्रदेश की व्यावसायिक राजधानी के रूप में भी जाना जाता है। यह एक औद्योगिक शहर है। यहाँ लगभग 6000 से अधिक छोटे-बडे उद्योग हैं। इसके आसपास के क्षेत्रों में 800 से अधिक उद्योग है। इन्दौर व्यवसायिक क्षेत्र मे मध्य प्रदेश का प्रमुख वितरण केन्द्र और व्यापार मंडी है। इन्दौर मध्य-भारत का गेहूँ, मूंगफली और सोयाबीन का प्रमुख उत्पादक है। इन्दौर अपने नमकीनो तथा अपने मसालेदार भोजन के लिए के लिए जाना जाता है।

पर्यटन स्थल

इन्दौर में अनेक महल हैं जिसमें रजवाडा का ख़ास स्‍थान है। इन्दौर शहर की स्‍थापना जमींदार परिवार ने की जो आज भी बङा रावला जूनी इन्दौर मे निवास करता है। पर्यटक स्थलों में होल्करों द्वारा निर्मित लाल बाग़ महल, काँच मन्दिर जिसमें काँच का अद्भुतकला कौशल है, ख़ान नदी के तट पर कृष्णपुरा छतरी, सातमंज़िला भव्य होल्कर रजवाड़ा महल जिसका केवल अग्रभाग बचा है, बड़ा गणपति जिसमें गणेश की 7.62 मीटर ऊँची मूर्ति है। महात्मा गाँधी सभाकक्ष (1904 में स्थापित एवं मूल रूप से किंग एडवर्ड हॉल के रूप में विख्यात) अपने भव्य घंटाघर के साथ संग्रहालय, जिसमें परमार मूर्तिकला का शानदार संग्रह है। यहाँ पर कई पर्यटन स्थल है जो इस प्रकार है:-

लाल बाग़ महल

  • लाल बाग़ महल होल्‍कर राजवंश के वास्‍तुकला का उत्‍कृष्‍ट नमूना है।
  • मूल रुप से यह महल साम्राज्‍य के महत्त्वपूर्ण लोगों का मिलन स्‍थल था।
  • इसी भवन में साम्राज्‍य के महत्त्वपूर्ण अधिकारी विचार विमर्श करते थे।
  • इसका निर्माण सन 1886 में महाराजा तुकोजी राव होल्कर द्वितीय के राज में प्रारम्भ हुआ और महाराजा तुकोजी राव होल्कर तृतीय के शासन काल में सम्पन्न हुआ।

राजवाड़ा महल

  • राजवाड़ा महल नगर के बीचोबीच स्थित है।
  • होल्‍कर शासन के दौरान राजवाड़ा महल बना था और वे यहीं से शासन चलाते थे।
  • इसकी ख़ूबसूरती आज भी बरकरार है।
  • इन्दौर के हृदय का पर्याय राजवाड़ा होल्कर साम्राज्य के विगत सौन्दर्य का मूक गवाह रहा है।
  • यह दो सदी प्राचीन सात मंजिला ऐतिहासिक राजमहल मुस्लिम, मराठा एवं फ्रेंच शैलियों के समन्वय से बना है।

बड़ा गणपति मंदिर

  • बड़ा गणपति मंदिर इन्दौर के सभी मंदिरों में सबसे महत्त्वपूर्ण है।
  • सन 1875 में इस भव्य मंदिर का निर्माण किया गया था।
  • इसमें गणपति जी की विशाल मूर्ति विराजमान है।
  • 25 फुट ऊँची यह मूर्ति, विश्व की सबसे विशाल प्रतिमा है।

खजराना मंदिर

  • खजराना मंदिर अनेकता में एकता की मिशाल है। खजराना क्षेत्र में मंदिर तथा मस्जिद दोनों ही पास-पास स्थित हैं।
  • मंदिर में गणेशजी की मूर्ति तथा पास ही नाहर सैयद की दरगाह है।
  • इन दोनों स्थानों पर दोनों धर्म के श्रद्धालु आराधना के लिए देश के कोने-कोने से आते हैं।
  • इस मंदिर का निर्माण होल्कर राज्य की महारानी अहिल्याबाई ने करवाया था।

काँच मन्दिर

  • काँच मन्दिर एक जैन मन्दिर है जिसमें दीवारों को अन्दर की तरफ काँच से सजाया गया है।

गांधी हॉल

  • टाउन हॉल या गांधी भवन शहर के मध्य महात्मा गाँधी रोड पर स्थित है।
  • एक समय में यह इन्दौर की सबसे सुन्दर इमारत थी।
  • सन 1904 में स्थापित किंग एडवर्ड हॉल के नाम पर आधारित गांधी भवन का नाम सन 1948 में महात्मा गाँधी भवन रख दिया गया।

केंद्रीय संग्रहालय

  • यह इन्दौर का मुख्‍य संग्रहालय है।
  • इस संग्रहालय में कई प्रकार के हथियार रखे हुए हैं।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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