User:लक्ष्मी गोस्वामी/अभ्यास3: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
No edit summary
No edit summary
Line 70: Line 70:
-[[यक्ष]]
-[[यक्ष]]
-[[शिव]]  
-[[शिव]]  
||[[कश्यप|महर्षि कश्यप]] लोक पिता हैं। उनकी पत्नी देवमाता [[अदिति]] के गर्भ से भगवान विराट के नेत्रों से व्यक्त सूर्यदेव जगत में प्रकट हुए। सूर्य मण्डल का दृश्य रूप भौतिक जगत में उनकी देह है। विश्वकर्मा की पुत्री [[संज्ञा]] से उनका परिणय हुआ। संज्ञा के दो पुत्र और एक कन्या हुई- श्राद्धदेव [[वैवस्वतमनु]] और [[यमराज]] तथा [[यमुना]] जी।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[सूर्य]]  
||[[कश्यप|महर्षि कश्यप]] लोक पिता हैं। उनकी पत्नी देवमाता [[अदिति]] के गर्भ से भगवान विराट के नेत्रों से व्यक्त सूर्यदेव जगत में प्रकट हुए। सूर्य मण्डल का दृश्य रूप भौतिक जगत में उनकी देह है। विश्वकर्मा की पुत्री [[संज्ञा]] से उनका परिणय हुआ। संज्ञा के दो पुत्र और एक कन्या हुई- श्राद्धदेव वैवस्वतमनु और [[यमराज]] तथा [[यमुना]] जी।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[सूर्य]]  


{[[अर्जुन]] ने अपने पिता [[इन्द्र]] से किस वन को जलाने के लिए युद्ध किया था?
{[[अर्जुन]] ने अपने पिता [[इन्द्र]] से किस वन को जलाने के लिए युद्ध किया था?
Line 86: Line 86:
-कैकेय  
-कैकेय  
+[[मगध महाजनपद|मगध]]
+[[मगध महाजनपद|मगध]]
||मगध प्राचीन [[भारत]] के [[सोलह महाजनपद]] में से एक था । [[बौद्ध]] काल तथा परवर्तीकाल में उत्तरी भारत का सबसे अधिक शक्तिशाली जनपद था।  इसकी स्थिति स्थूल रूप से दक्षिण बिहार के प्रदेश में थी। आधुनिक [[पटना]] तथा गया ज़िला इसमें शामिल थे । इसकी राजधानी गिरिव्रज थी । भगवान [[बुद्ध]] के पूर्व बृहद्रथ तथा जरासंध यहाँ के प्रतिष्ठित राजा थे।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[मगध महाजनपद]]
||[[चित्र:Magadha-Map.jpg|मगध|100px|right]]मगध प्राचीन [[भारत]] के [[सोलह महाजनपद]] में से एक था । [[बौद्ध]] काल तथा परवर्तीकाल में उत्तरी भारत का सबसे अधिक शक्तिशाली जनपद था।  इसकी स्थिति स्थूल रूप से दक्षिण बिहार के प्रदेश में थी। आधुनिक [[पटना]] तथा गया ज़िला इसमें शामिल थे । इसकी राजधानी गिरिव्रज थी । भगवान [[बुद्ध]] के पूर्व बृहद्रथ तथा जरासंध यहाँ के प्रतिष्ठित राजा थे।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[मगध महाजनपद]]
 
{[[महाभारत]] के आठरहवें दिन के युद्ध का कौरव सेना का सेनापक्तित्व किसने किया था?
|type="()"}
-[[कृपाचार्य]]
+शल्य-अश्वथामा
-[[दु:शासन]]
-[[जरासंध]]
 
{अश्वथामा का फेंका हुआ ब्रह्मास्त्र किसने शांत किया।
|type="()"}
+[[व्यास]]
-[[कृपाचार्य]]
-[[भीष्म]]
-[[द्रोणाचार्य]]
 
 
{[[अर्जुन]] को गाण्डवी धनुष किसने दिया था?
|type="()"}
-[[इन्द्र]]
+[[अग्नि देव]]
-[[सूर्य]]
-पवन देव
||[[चित्र:Agni-Deva.jpg|अग्निदेव|100px|right]]अग्निदेव अपने यजमान पर वैसे ही कृपा करते हैं, जैसे राजा सर्वगुणसम्पन्न वीर पुरुष का सम्मान करता है। एक बार अग्नि अपने हाथों में अन्न धारण करके गुफा में बैठ गए। अत: सब देवता बहुत भयभीत हुए। अमर [[देवता|देवताओं]] ने अग्नि का महत्व ठीक से नहीं पहचाना था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[अग्नि देव]]
 
{तूणीर कहते है?
|type="()"}
-तलवार के खोल को
-एक प्रकार की पहाड़ी
+[[बाण]] रखने के खोलको
-एक प्रकार का प्रक्षेपास्त्र
 


</quiz>
</quiz>

Revision as of 10:55, 27 September 2011

महाभारत

1 सूर्य और कुंती का पुत्र कौन है।

युधिष्ठिर
अर्जुन
वसुषेण
भीम

2 भीष्म में थे?

बारहबें आदित्य
आठवें वसु
अश्विनी कुमार
चोथे रुद्र

3 युधिष्ठिर के अश्वमेघ यज्ञ में निन्दा करने वाले नेवले का नाम एक पाण्डव का भी था?

अर्जुन
सहदेव
नकुल
भीम

4 कुबेर के पुत्र का नाम था?

नील
युयुत्स
नलकुबर
दृष्टद्युम्न

5 उर्वशी-पुरुरवा के पुत्र का नाम था।

शतायु
जटायु
वातापि
इल्वल

6 द्रोणाचार्य का वध महाभारत में युद्ध के कौन से दिन हुआ था?

11वें दिन
13वें दिन
10वें दिन
15 वें दिन

7 भोजन बनाने में किस पाण्डव को महारथ हासिल था?

अर्जुन
भीम
युधिष्ठिर
नकुल

8 संकर्षण किसका नाम था?

अर्जुन
दुर्योधन
बलराम
भीम

9 संज्ञा और छाया किसकी पत्नियाँ थी?

इन्द्र
सूर्य
यक्ष
शिव

10 अर्जुन ने अपने पिता इन्द्र से किस वन को जलाने के लिए युद्ध किया था?

खाण्डव वन
उपवन
काम्यकवन
वृन्दावन

11 जरासंध कौन से महाजनपद का राजा था?

कौसल
शूरसेन
कैकेय
मगध

12 महाभारत के आठरहवें दिन के युद्ध का कौरव सेना का सेनापक्तित्व किसने किया था?

कृपाचार्य
शल्य-अश्वथामा
दु:शासन
जरासंध

13 अश्वथामा का फेंका हुआ ब्रह्मास्त्र किसने शांत किया।

व्यास
कृपाचार्य
भीष्म
द्रोणाचार्य

14 अर्जुन को गाण्डवी धनुष किसने दिया था?

इन्द्र
अग्नि देव
सूर्य
पवन देव

15 तूणीर कहते है?

तलवार के खोल को
एक प्रकार की पहाड़ी
बाण रखने के खोलको
एक प्रकार का प्रक्षेपास्त्र