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'''कुन्नूर''' [[तमिलनाडु]] राज्य के [[नीलगिरि ज़िला|नीलगिरि ज़िले]] में स्थित एक प्रसिद्ध एवं ख़ूबसूरत पर्वतीय पर्यटन स्थल है।  
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*समुद्र तल से 1800 मीटर की ऊंचाई पर कुन्नूर ऊटी से 19 किमी की दूरी पर है।  
*समुद्र तल से 1800 मीटर की ऊंचाई पर कुन्नूर [[ऊटी]] से 19 किमी की दूरी पर है।  
*[[अंग्रेज़|अंग्रेज़ों]] द्वारा इस क्षेत्र को महत्वपूर्ण हिल स्टेशन घोषित करने के बाद कुन्नूर 19 वीं शताब्दी में पर्यटन स्थल के रूप में विकसित हुआ।
*[[अंग्रेज़|अंग्रेज़ों]] द्वारा इस क्षेत्र को महत्वपूर्ण हिल स्टेशन घोषित करने के बाद कुन्नूर 19 वीं शताब्दी में पर्यटन स्थल के रूप में विकसित हुआ।
*यह स्थान मनमोहक हरियाली,जंगली फूलों और पक्षियों की विविधताओं के लिए जाना जाता है।       
*यह स्थान मनमोहक हरियाली,जंगली फूलों और पक्षियों की विविधताओं के लिए जाना जाता है।       
*यहाँ के चाय बागानों की सैर पयटकों को खूब भाती है।   
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====नीलगिरि माउंटेन रेलवे====
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अनुकूल जलवायु और [[तापमान]] होने के कारण अंग्रेज़ों ने कुन्नूर को अपने निवास स्‍थल के रूप में प्रयोग करने लगे। साथ ही अंग्रेज़ों ने [[चाय]] के बागान तथा रेल निर्माण के विकास में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाई। इससे पहले चैन्नई का रेल मार्ग मेट्टुपलयम में आकर समाप्त हो जाता था। तब यहाँ आने के लिए टट्टुओं और बैलगाड़ियों का इस्तेमाल किया जाता था। तत्‍कालीन चैन्नई सरकार ने [[1891]] में नीलगिरी रेलवे की नींव डाली। 1897 में रेललाइन कुन्नूर तक पहुंच गई। रेललाइन का विस्तार [[1908]] में ऊटी तक कर दिया गया। वर्तमान में यहाँ का रेलमार्ग पर्यटकों के आकर्षक का मुख्य केन्द्र रहता है।  
अनुकूल जलवायु और [[तापमान]] होने के कारण अंग्रेज़ों ने कुन्नूर को अपने निवास स्‍थल के रूप में प्रयोग करने लगे। साथ ही अंग्रेज़ों ने [[चाय]] के बागान तथा रेल निर्माण के विकास में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाई। इससे पहले [[चैन्नई]] का रेल मार्ग मेट्टुपलयम में आकर समाप्त हो जाता था। तब यहाँ आने के लिए टट्टुओं और बैलगाड़ियों का इस्तेमाल किया जाता था। तत्‍कालीन चैन्नई सरकार ने [[1891]] में नीलगिरी रेलवे की नींव डाली। 1897 में रेललाइन कुन्नूर तक पहुंच गई। रेललाइन का विस्तार [[1908]] में ऊटी तक कर दिया गया। वर्तमान में यहाँ का रेलमार्ग पर्यटकों के आकर्षक का मुख्य केन्द्र रहता है।<ref>{{cite web |url=http://www.yatrasalah.com/touristplaces.aspx?id=40 |title=कुन्नूर |accessmonthday=[[30 जुलाई]] |accessyear=[[2012]] |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=यात्रा सलाह |language=हिन्दी }} </ref>


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नीलगिरि माउंटेन रेलवे को [[जुलाई]], [[2005]] में [[यूनेस्को]] द्वारा [[विश्व विरासत स्थल]] घोषित किया गया।

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कुन्नूर तमिलनाडु राज्य के नीलगिरि ज़िले में स्थित एक प्रसिद्ध एवं ख़ूबसूरत पर्वतीय पर्यटन स्थल है।

  • समुद्र तल से 1800 मीटर की ऊंचाई पर कुन्नूर ऊटी से 19 किमी की दूरी पर है।
  • अंग्रेज़ों द्वारा इस क्षेत्र को महत्वपूर्ण हिल स्टेशन घोषित करने के बाद कुन्नूर 19 वीं शताब्दी में पर्यटन स्थल के रूप में विकसित हुआ।
  • यह स्थान मनमोहक हरियाली,जंगली फूलों और पक्षियों की विविधताओं के लिए जाना जाता है।
  • यहाँ के चाय बागानों की सैर पयटकों को खूब भाती है।

नीलगिरि माउंटेन रेलवे

अनुकूल जलवायु और तापमान होने के कारण अंग्रेज़ों ने कुन्नूर को अपने निवास स्‍थल के रूप में प्रयोग करने लगे। साथ ही अंग्रेज़ों ने चाय के बागान तथा रेल निर्माण के विकास में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाई। इससे पहले चैन्नई का रेल मार्ग मेट्टुपलयम में आकर समाप्त हो जाता था। तब यहाँ आने के लिए टट्टुओं और बैलगाड़ियों का इस्तेमाल किया जाता था। तत्‍कालीन चैन्नई सरकार ने 1891 में नीलगिरी रेलवे की नींव डाली। 1897 में रेललाइन कुन्नूर तक पहुंच गई। रेललाइन का विस्तार 1908 में ऊटी तक कर दिया गया। वर्तमान में यहाँ का रेलमार्ग पर्यटकों के आकर्षक का मुख्य केन्द्र रहता है।[1]

नीलगिरि माउंटेन रेलवे को जुलाई, 2005 में यूनेस्को द्वारा विश्व विरासत स्थल घोषित किया गया।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. कुन्नूर (हिन्दी) यात्रा सलाह। अभिगमन तिथि: 30 जुलाई, 2012

बाहरी कड़ियाँ

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