महानदी: Difference between revisions
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महानदी की कुल लम्बाई 900 किमी. है और इसका अनुमानित अपवाहित क्षेत्र 132,100 वर्ग किमी. है। यह भारतीय उपमहाद्वीप में सर्वाधिक सक्रिय गाद जमा करने वाली नदियों में से एक है। यह नदी सिंचाई की कई नहरों को, विशेषकर कटक के पास, जल प्रदान करती है। इसके एक मुहाने पर स्थित पुरी एक विख्यात तीर्थस्थल है। | महानदी की कुल लम्बाई 900 किमी. है और इसका अनुमानित अपवाहित क्षेत्र 132,100 वर्ग किमी. है। यह भारतीय उपमहाद्वीप में सर्वाधिक सक्रिय गाद जमा करने वाली नदियों में से एक है। यह नदी सिंचाई की कई नहरों को, विशेषकर कटक के पास, जल प्रदान करती है। इसके एक मुहाने पर स्थित पुरी एक विख्यात तीर्थस्थल है। | ||
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Revision as of 12:54, 7 June 2010
महानदी नदी, मध्य भारत, के मध्य छत्तीसगढ़ राज्य की पहाड़ियों में सिहावा के पास से उदगम है। इसका ऊपरी प्रवाह उत्तर की ओर महत्वहीन धारा के रूप में होता है और छत्तीसगढ़ मैदान के पूर्वी हिस्से को अपवाहित करता है। बालोदा बाज़ार के नीचे शिवनाथ नदी के इससे मिलने के बाद यह पूर्व दिशा में मुड़कर उड़ीसा राज्य में प्रवेश करती है और उत्तर व दक्षिण में स्थित पहाड़ियों को अपवाहित करने वाली धाराओं से मिलकर इसके बहाव में वृद्धि होती है। संबलपुर में इस नदी पर निर्मित हीराकुंड बाँध के फलस्वरूप 55 किमी. लम्बी कृत्रिम झील का निर्माण हो गया है। इस बाँध में कई पनबिजली संयंत्र हैं। बाँध के बाद महानदी दक्षिण में घुमावदार रास्ते से होते हुए वनाच्छादित महाखड्ड के ज़रिये पूर्वी घाट को पार करती है। पूर्व की ओर मुड़कर यह कटक के पास उड़ीसा के मैदान मे प्रवेश करती है और कई धाराओं के माध्यम से फ़ाल्स पाइन्ट के पास बंगाल की खाड़ी में मिल जाती है।
महानदी की कुल लम्बाई 900 किमी. है और इसका अनुमानित अपवाहित क्षेत्र 132,100 वर्ग किमी. है। यह भारतीय उपमहाद्वीप में सर्वाधिक सक्रिय गाद जमा करने वाली नदियों में से एक है। यह नदी सिंचाई की कई नहरों को, विशेषकर कटक के पास, जल प्रदान करती है। इसके एक मुहाने पर स्थित पुरी एक विख्यात तीर्थस्थल है।