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'''वहीदा रहमान''' ([[अंग्रेज़ी भाषा|अंग्रेज़ी]]: ''Waheeda Rehman'') (जन्म- [[14 मई]], [[1936]]) एक प्रसिद्ध भारतीय फ़िल्म [[अभिनेत्री]] हैं। वहीदा रहमान भारतीय फ़िल्म इतिहास की सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्रियों में से एक हैं। गाइड, [[प्यासा (फ़िल्म)|प्यासा]], चौदहवीं का चाँद, काग़ज़ के फूल, साहिब बीबी और ग़ुलाम, तीसरी कसम आदि वहीदा रहमान की उल्लेखनीय फ़िल्में हैं। | '''वहीदा रहमान''' ([[अंग्रेज़ी भाषा|अंग्रेज़ी]]: ''Waheeda Rehman'') (जन्म- [[14 मई]], [[1936]]) एक प्रसिद्ध भारतीय फ़िल्म [[अभिनेत्री]] हैं। वहीदा रहमान भारतीय फ़िल्म इतिहास की सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्रियों में से एक हैं। गाइड, [[प्यासा (फ़िल्म)|प्यासा]], चौदहवीं का चाँद, काग़ज़ के फूल, साहिब बीबी और ग़ुलाम, तीसरी कसम आदि वहीदा रहमान की उल्लेखनीय फ़िल्में हैं। |
Revision as of 08:35, 14 May 2013
वहीदा रहमान
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पूरा नाम | वहीदा रहमान |
जन्म | 14 मई, 1936 |
जन्म भूमि | हैदराबाद |
पति/पत्नी | कमलजीत सिंह |
कर्म भूमि | मुंबई |
कर्म-क्षेत्र | अभिनेत्री |
मुख्य फ़िल्में | गाइड, प्यासा, चौदहवीं का चाँद, काग़ज़ के फूल, साहिब बीबी और ग़ुलाम, तीसरी कसम |
पुरस्कार-उपाधि | पद्मश्री, पद्म भूषण, चार बार सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री, फ़िल्म फ़ेयर लाइफ़टाइम एचीवमेंट अवॉर्ड, एनटीआर राष्ट्रीय पुरस्कार |
नागरिकता | भारतीय |
अद्यतन | 14:05, 14 मई 2013 (IST)
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वहीदा रहमान (अंग्रेज़ी: Waheeda Rehman) (जन्म- 14 मई, 1936) एक प्रसिद्ध भारतीय फ़िल्म अभिनेत्री हैं। वहीदा रहमान भारतीय फ़िल्म इतिहास की सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्रियों में से एक हैं। गाइड, प्यासा, चौदहवीं का चाँद, काग़ज़ के फूल, साहिब बीबी और ग़ुलाम, तीसरी कसम आदि वहीदा रहमान की उल्लेखनीय फ़िल्में हैं।
जीवन परिचय
वहीदा रहमान का जन्म 14 मई 1936 में हैदराबाद के एक परंपरागत मुस्लिम परिवार में हुआ था। बचपन से ही डाक्टर बनने का सपना संजो रखा था वहीदा रहमान ने पर किस्मत को ये मंजूर न था, फेफड़ों में इंफेक्शन की वजह से वह यथोचित शिक्षा प्राप्त नहीं कर सकी। भरतनाट्यम में प्रवीण वहीदा रहमान को अपने अभिभावकों से अभिनय की प्रेरणा मिली। सन् 1955 में उन्हें एक के बाद एक करके दो तेलुगू फ़िल्मों में काम करने अवसर मिल गया।
फ़िल्मी सफ़र
फ़िल्म सी.आई.डी. (1956) में खलनायिका का रोल दे कर गुरु दत्त वहीदा को बंबई (वर्तमान मुंबई) ले आये। सी.आई.डी. की सफलता के बाद फ़िल्म प्यासा (1957) में वहीदा रहमान को हीरोइन का रोल मिला। फ़िल्म प्यासा से ही गुरु दत्त और वहीदा रहमान का विफल प्रेम प्रसंग का आरंभ हुआ। गुरु दत्त एवं वहीदा रहमान अभिनीत फ़िल्म काग़ज़ के फूल (1959) की असफल प्रेम कथा उन दोनों की स्वयं के जीवन पर आधारित थी। दोनों ही कलाकारों ने फ़िल्म चौदहवीं का चाँद (1960) और साहिब बीबी और ग़ुलाम (1962) में साथ-साथ काम किया।[1]
thumb|left|250px|वहीदा रहमान
Waheeda Rehman
गुरु दत्त के बाद
10 अक्टूबर, 1964 को गुरुदत्त ने कथित रुप से आत्महत्या कर ली थी जिसके बाद वहीदा अकेली हो गई, लेकिन फिर भी उन्होंने कॅरियर से मुंह नहीं मोड़ा और 1965 में गाइड के लिए उन्हें फ़िल्मफ़ेयर अवार्ड का पुरस्कार मिला। 1968 में आई नीलकमल के बाद एक बार फिर से वहीदा रहमान का कॅरियर आसमान की ऊंचाइयां छूने लगा। साल 1974 में उनके साथ काम करने वाले अभिनेता कमलजीत ने उनसे शादी का प्रस्ताव रखा जिसे वहीदा रहमान ने सहर्ष स्वीकार कर लिया और शादी के बंधन में बंध गईं। वर्ष 2000 उनके जिंदगी में एक और धक्के के रुप में आया जब उनके पति की आकस्मिक मृत्यु हो गई पर वहीदा ने यहां भी अपनी इच्छाशक्ति का प्रदर्शन करते हुए दुबारा फ़िल्मों में काम करने का निर्णय लिया और वाटर, रंग दे बसंती और दिल्ली 6 जैसी फ़िल्मों में अपनी बेजोड़ अदाकारी का परिचय दिया।[2]
विवाह
सन 1963 में गुरु दत्त और वहीदा रहमान के बीच अनबन हो गयी और उनके बीच दूरी बढ़ गई। सन् 1964 में गुरु दत्त ने आत्महत्या कर ली। वहीदा रहमान ने 27 अप्रैल 1974 को कमलजीत सिंह, जो कि फ़िल्म शगुन (1964) में उनके साथ हीरो थे, से विवाह कर लिया।
पुरस्कार
अभिनय के क्षेत्र में बेमिसाल प्रदर्शन के लिए उन्हें साल 1972 में पद्म श्री और साल 2011 में पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इसके साथ वहीदा रहमान को दो बार सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का फ़िल्मफ़ेयर अवार्ड भी मिल चुका है।
- नागरिक सम्मान
भारत के तीसरे सबसे प्रतिष्ठित नागरिक सम्मान पद्म भूषण के लिए नामित किए जाने पर बॉलीवुड की सदाबहार अभिनेत्री वहीदा रहमान ने सिनेमा उद्योग में और काम करने की उम्मीद ज़ाहिर की है।
वर्ष | फ़िल्म का नाम |
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- सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री
- 1966 - फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार - गाइड
- 1967 - बंगाल फ़िल्मी पत्रकार संघ पुरस्कार - तीसरी कसम
- 1968 - फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार - नीलकमल
- 1971 - राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार - रेशमा और शेरा
- अन्य
- 1994 - फ़िल्म फ़ेयर लाइफ़टाइम एचीवमेंट अवॉर्ड
- 2006 - एनटीआर राष्ट्रीय पुरस्कार
वर्तमान में
आज भी वहीदा रहमान फ़िल्मों में सक्रिय हैं और भारतीय सिनेमा के स्वर्ण काल की याद दिलाती हैं। उन्होंने एक से बढ़कर एक हिट फ़िल्में दीं। पति की मृत्यु के पश्चात वहीदा बैंगलोर छोड़कर मुंबई में अपने दो बच्चों के साथ जीवन व्यतीत कर रही हैं। उनका अभिनय सफर जारी है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ वहीदा रहमान – एक परिपक्व अभिनेत्री (हिन्दी) (पी.एच.पी) हिन्दी वेबसाइट। अभिगमन तिथि: 3 मई, 2011।
- ↑ सादगी और बेजोड़ अभिनय की पहचान – वहीदा रहमान (हिंदी) जागरण जंक्शन। अभिगमन तिथि: 14 मई, 2013।
- ↑ वहीदा रहमान – एक परिपक्व अभिनेत्री (हिन्दी) (पी.एच.पी) हिन्दी वेबसाइट। अभिगमन तिथि: 3 मई, 2011।
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