कर्णम मल्लेश्वरी: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
गोविन्द राम (talk | contribs) m (Adding category Category:भारोत्तोलन (को हटा दिया गया हैं।)) |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replace - "उन्होने " to "उन्होंने ") |
||
Line 37: | Line 37: | ||
* [[1995]] में उनको खेलों में योगदान के लिए सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार [[राजीव गांधी खेल रत्न]] से सम्मानित किया गया। | * [[1995]] में उनको खेलों में योगदान के लिए सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार [[राजीव गांधी खेल रत्न]] से सम्मानित किया गया। | ||
* भारत सरकार द्वारा [[1999]] में उन्हें [[पद्म श्री]] से नवाजा गया। | * भारत सरकार द्वारा [[1999]] में उन्हें [[पद्म श्री]] से नवाजा गया। | ||
* कर्णम मल्लेश्वरी को सबसे बड़ी कामयाबी [[2000]] के सिडनी ओलंपिक में मिली। ओलंपिक में पदक जीतने वाली वो पहली भारतीय महिला बनी। | * कर्णम मल्लेश्वरी को सबसे बड़ी कामयाबी [[2000]] के सिडनी ओलंपिक में मिली। ओलंपिक में पदक जीतने वाली वो पहली भारतीय महिला बनी। उन्होंने कांस्य पर कब्जा कर ओलंपिक में भारत का सिर ऊंचा किया। | ||
* ओलंपिक की कामयाबी ने कर्णम मल्लेश्वरी को रातों रात सबका चहेता बना दिया। आज उन्होंने वेटलिफ्टिंग को बतौर खिलाड़ी अलविदा कह दिया है, लेकिन वेटलिफ्टरों की नई पौध तैयार करने में वो जी जान से जुटी हुई हैं। | * ओलंपिक की कामयाबी ने कर्णम मल्लेश्वरी को रातों रात सबका चहेता बना दिया। आज उन्होंने वेटलिफ्टिंग को बतौर खिलाड़ी अलविदा कह दिया है, लेकिन वेटलिफ्टरों की नई पौध तैयार करने में वो जी जान से जुटी हुई हैं। | ||
Revision as of 12:31, 2 September 2013
कर्णम मल्लेश्वरी
| |
पूरा नाम | कर्णम मल्लेश्वरी |
जन्म | 1 जून, 1975 |
जन्म भूमि | श्रीकाकुलम, आंध्र प्रदेश |
कर्म भूमि | भारत |
खेल-क्षेत्र | भारोत्तोलक (वेटलिफ़्टर) |
पुरस्कार-उपाधि | अर्जुन पुरस्कार, राजीव गांधी खेल रत्न, पद्म श्री |
नागरिकता | भारतीय |
अन्य जानकारी | कर्णम मल्लेश्वरी ओलम्पिक खेलों में कांस्य पदक जीतने वाली प्रथम महिला खिलाड़ी हैं। |
अद्यतन | 19:14, 15 दिसम्बर 2012 (IST)
|
कर्णम मल्लेश्वरी (अंग्रेज़ी: Karnam Malleswari, जन्म: 1 जून, 1975) भारत की प्रसिद्ध भारोत्तोलक (वेटलिफ़्टर) हैं। कर्णम मल्लेश्वरी ओलम्पिक खेलों में कांस्य पदक जीतने वाली प्रथम महिला खिलाड़ी हैं। अपने मजबूत हौसले और दिलेर कारनामों से कर्णम मल्लेश्वरी ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर तिरंगे की शान को चार चांद लगाया है। मंच कोई भी हो लेकिन 'जीत हर कीमत पर' का इरादा रखने वाली इस वेटलिफ्टर की जिंदगी संघर्ष और कामयाबी के अदभुत कहानी रही है।
जीवन परिचय
- कर्णम मल्लेश्वरी का जन्म 1 जून, 1975 को श्रीकाकुलम, आंध्र प्रदेश में हुआ था।
- मल्लेश्वरी ने कामयाबी से पहली मुलाकात जूनियर वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप में हुई। यहां उन्होंने नंबर एक पायदान पर कब्जा किया।
- 1992 के एशियन चैंपियनशिप में मल्लेश्वरी ने 3 रजत पदक जीते।
- विश्व चैंपियनशिप में उन्होंने 3 कांस्य पदक पर कब्जा किया।
- 1994 में वेटलिफ्टिंग में उनके योगदान के लिए मल्लेश्वरी को अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
- 1995 में उनको खेलों में योगदान के लिए सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार राजीव गांधी खेल रत्न से सम्मानित किया गया।
- भारत सरकार द्वारा 1999 में उन्हें पद्म श्री से नवाजा गया।
- कर्णम मल्लेश्वरी को सबसे बड़ी कामयाबी 2000 के सिडनी ओलंपिक में मिली। ओलंपिक में पदक जीतने वाली वो पहली भारतीय महिला बनी। उन्होंने कांस्य पर कब्जा कर ओलंपिक में भारत का सिर ऊंचा किया।
- ओलंपिक की कामयाबी ने कर्णम मल्लेश्वरी को रातों रात सबका चहेता बना दिया। आज उन्होंने वेटलिफ्टिंग को बतौर खिलाड़ी अलविदा कह दिया है, लेकिन वेटलिफ्टरों की नई पौध तैयार करने में वो जी जान से जुटी हुई हैं।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
संबंधित लेख