कला-संस्कृति और धर्म सामान्य ज्ञान 27: Difference between revisions
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||[[भारत]] में [[वेद|वेदों]] के उपरान्त सर्वाधिक मान्यता और प्रचलन '[[मनुस्मृति]]' का ही है । इसमें चारों [[वर्ण व्यवस्था|वर्णों]], चारों [[आश्रम व्यवस्था|आश्रमों]], [[सोलह संस्कार|सोलह संस्कारों]] तथा सृष्टि उत्पत्ति के अतिरिक्त राज्य की व्यवस्था, राजा के कर्तव्य, भांति-भांति के विवादों, सेना का प्रबन्ध आदि सभी विषयों पर परामर्श दिया गया है। भारत में 'मनुस्मृति' का सर्वप्रथम मुद्रण 1813 ई. में [[कलकत्ता]] में हुआ था। 2694 [[श्लोक|श्लोकों]] का यह [[ग्रंथ]] 12 अध्यायों में विभक्त है। यह [[हिन्दू धर्म]] का सबसे प्रधान ग्रंथ है। इसके रचयिता के विषय में मतभेद है। कुछ का मत है कि पहले यह एक 'मानव धर्मशास्त्र' था, जो अब उपलब्ध नहीं है। अत: वर्तमान 'मनुस्मृति' को [[मनु]] के नाम से प्रचारित करके उसे प्रामाणिकता प्रदान की गई।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[मनुस्मृति]] | ||[[भारत]] में [[वेद|वेदों]] के उपरान्त सर्वाधिक मान्यता और प्रचलन '[[मनुस्मृति]]' का ही है । इसमें चारों [[वर्ण व्यवस्था|वर्णों]], चारों [[आश्रम व्यवस्था|आश्रमों]], [[सोलह संस्कार|सोलह संस्कारों]] तथा सृष्टि उत्पत्ति के अतिरिक्त राज्य की व्यवस्था, राजा के कर्तव्य, भांति-भांति के विवादों, सेना का प्रबन्ध आदि सभी विषयों पर परामर्श दिया गया है। भारत में 'मनुस्मृति' का सर्वप्रथम मुद्रण 1813 ई. में [[कलकत्ता]] में हुआ था। 2694 [[श्लोक|श्लोकों]] का यह [[ग्रंथ]] 12 अध्यायों में विभक्त है। यह [[हिन्दू धर्म]] का सबसे प्रधान ग्रंथ है। इसके रचयिता के विषय में मतभेद है। कुछ का मत है कि पहले यह एक 'मानव धर्मशास्त्र' था, जो अब उपलब्ध नहीं है। अत: वर्तमान 'मनुस्मृति' को [[मनु]] के नाम से प्रचारित करके उसे प्रामाणिकता प्रदान की गई।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[मनुस्मृति]] | ||
{[[सोलह महाजनपद|सोलह महाजनपदों]] का उल्लेख किस [[बौद्ध]] धर्म-ग्रंथ में मिलता है? | |||
|type="()"} | |||
-[[दीपवंश]] | |||
-[[महावंश]] | |||
-[[दिव्यावदान]] | |||
+[[अंगुत्तरनिकाय]] | |||
||[[चित्र:Buddhism-Symbol.jpg|100px|right|बौद्ध धर्म का प्रतीक]]अंगुत्तरनिकाय महत्त्वपूर्ण [[बौद्ध]] [[ग्रंथ]] है। इसके लेखक 'महंत आनंद कौसलायन' हैं। महाबोधि सभा, [[कलकत्ता]] द्वारा इसको वर्तमान समय में प्रकाशित किया गया है। 11 निपातों से युक्त इस निकाय में [[बुद्ध|महात्मा बुद्ध]] द्वारा भिक्षुओं को उपदेश में दी जाने वाली बातों का वर्णन है। इस निकाय में छठी शताब्दी ई.पू. के [[सोलह महाजनपद|सोलह महाजनपदों]] का उल्लेख मिलता हैं|{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[अंगुत्तरनिकाय]] | |||
{[[भारत]] का राष्ट्रीय [[वाद्य यंत्र]] कौन-सा है? | {[[भारत]] का राष्ट्रीय [[वाद्य यंत्र]] कौन-सा है? |
Revision as of 13:09, 21 October 2013
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