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*इसकी ऊँचाई 2,636 मीटर है, यहाँ से पूरे इलाके का विहंगम दृश्य देखा जा सकता है।  
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====कालहट्टी जलप्रपात====  
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Revision as of 04:47, 5 February 2014

ऊटी
विवरण ऊटी, तमिलनाडु राज्य, दक्षिण-पूर्वी भारत में स्थित है। ऊटी का पुराना नाम 'उटकमंड' और 'उदगमंडलम' था।
राज्य तमिलनाडु
ज़िला नीलगिरि
स्थापना सन् 1821
भौगोलिक स्थिति उत्तर- 11° 24' 42.63", पूर्व- 76° 41' 45.24"
मार्ग स्थिति ऊटी मैसूर से लगभग 126 किमी. और महाबलीपुरम से लगभग 520 किमी. की दूरी पर स्थित है।
प्रसिद्धि नैसर्गिक सौंदर्य, धुंध से ढकी पहाड़ों की चोटियाँ और ओस से भीगी पेड़ों की पत्तियाँ
कैसे पहुँचें जलयान, हवाई जहाज़, रेल, बस आदि
हवाई अड्डा कोयंबतुर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे
रेलवे स्टेशन कोयंबतुर रेलवे स्टेशन
यातायात साइकिल-रिक्शा, ऑटो-रिक्शा, टैक्सी, सिटी बस
क्या देखें बॉटनिकल गार्डन, रोज़ गार्डन, ऊटी झील, डोड्डाबेट्टा
कहाँ ठहरें होटल, धर्मशाला, अतिथि ग्रह
एस.टी.डी. कोड 0423
ए.टी.एम लगभग सभी
चित्र:Map-icon.gif गूगल मानचित्र
संबंधित लेख महाबलीपुरम, कन्याकुमारी, चेन्नई, कांचीपुरम


अन्य जानकारी अंग्रेज़ों द्वारा 1821 में स्थापित ऊटी का इस्तेमाल 1947 में भारत के स्वतंत्र होने तक मद्रास प्रेज़िडेंसी के ग्रीष्मकालीन सरकारी मुख्यालय के रूप में किया जाता था।
अद्यतन‎

ऊटी, तमिलनाडु राज्य, दक्षिण-पूर्वी भारत में स्थित है। ऊटी का पुराना नाम उटकमंड और उदगमंडलम था। यह समुद्रतल से 2,240 मीटर की ऊँचाई पर बसा हुआ है। ऊटी नीलगिरि ज़िले का प्रशासनिक मुख्यालय है और नीलगिरि पहाड़ियों में स्थित है। इसके चारों तरफ कई चोटियाँ हैं, जिनमें तमिलनाडु का सबसे ऊँचा क्षेत्र डोडाबेट्टा (2,637 मीटर) भी शामिल है।

इतिहास

अंग्रेज़ों द्वारा 1821 में स्थापित ऊटी का इस्तेमाल 1947 में भारत के स्वतंत्र होने तक मद्रास प्रेज़िडेंसी के ग्रीष्मकालीन सरकारी मुख्यालय के रूप में किया जाता था। प्राथमिक तौर पर यह नगर एक पर्यटक आरामगाह है।

कृषि और व्यापार

ऊटी चाय प्रसंस्करण और वस्त्र उद्योग के लिए प्रसिद्ध है। [[चित्र:Rose-Garden-Ooty-2.jpg|thumb|250px|left|रोज़ गार्डन, ऊटी]]

यातायात और परिवहन

वायु मार्ग

ऊटी का निकटतम हवाई अड्डा कोयंबतुर है।

रेल मार्ग

ऊटी रेलमार्ग द्वारा अन्य शहरों से जुड़ा हुआ है। ऊटी का निकटतम रेलवे स्टेशन मुख्य जंक्शन कोयंबतुर/कोयंबटूर है।

सड़क मार्ग

ऊटी के लिए बंगलोर, कोचीन, मैसूर, कालीकट और कोयंबटूर आदि स्थानों से नियमित बसें उपलब्ध हैं। राज्य राजमार्ग 17 से मड्डुर और मैसूर होते हुए बांदीपुर पहुंचा जा सकता है। यहाँ से ऊटी की दूरी केवल 67 किलोमीटर है।

शिक्षण संस्थान

ऊटी में शैक्षणिक संस्थानों में गवर्नमेंट आर्ट्स कॉलेज, गवर्नमेंट पॉलीटेक्निक, लॉले इंस्टिट्यूट और होमियोपैथिक औषधि शोध केंद्र शामिल हैं।

पर्यटन

नीलगिरी यानी नीले पहाड़ की गोद में बसा हरा भरा पर्यटन स्थल ऊटी दक्षिण भारत के सबसे प्रमुख पर्वतीय स्थलों में से एक है। यह देशी विदेशी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है। शहर की भीड़भाड़ से दूर कुछ दिन आराम से छुट्टियाँ बिताने के लिए यह एक उम्दा पिकनिक स्पॉट है। thumb|250px|left|पाइकारा झील, ऊटी ख़ूबसूरत प्राकृतिक नज़ारे, घने जंगल, झरने, पहाड़ की चोटियाँ और दूर-दूर तक फैले चाय के बाग़ान यहाँ आने वाले सैलानियों का मन मोह लेते हैं। यहाँ की जलवायु हमेशा खुशनुमा रहती है। ऊटी का नैसर्गिक सौंदर्य, धुंध से ढकी पहाड़ों की चोटियाँ, ओस से भीगी पेड़ों की पत्तियाँ और अनेक ख़ूबसूरत नज़ारों को देखकर मन प्रफुल्लित हो जाता है। पहाड़ी क्षेत्र होने के नाते यहाँ का तापमान गर्मियों में भी 25 डिग्री सेल्सियस से ज़्यादा नहीं होता।

पर्यटन स्थल

बॉटनिकल गार्डन

  • यहाँ के दर्शनीय स्थलों में सबसे पहला नाम बॉटनिकल गार्डन का आता है।
  • यह गार्डन 22 एकड़ में फैला हुआ है और यहाँ लगभग 650 दुर्लभ किस्म के पेड़-पौधों के साथ-साथ, अद्भुत ऑर्किड, रंगबिरंगे लिली, ख़ूबसूरत झाड़ियाँ व 2000 हज़ार साल पुराने पेड़ का अवशेष देखने को मिलता है।
  • वनस्पति विज्ञान में रूचि रखने वालों के लिए यह एक प्रमुख स्थान है।

रोज़ गार्डन

ऊटी के विभिन्न पर्यटन स्थलों के दृश्य
बॉटनिकल गार्डन|200px|center
बॉटनिकल गार्डन, ऊटी
रोज़ गार्डन|200px|center
रोज़ गार्डन, ऊटी
ऊटी झील|200px|center
ऊटी झील
डोड्डाबेट्टा|200px|center
डोड्डाबेट्टा, ऊटी
  • ऊटी का रोज़ गार्डन बहुत ख़ूबसूरत है।
  • इस गार्डन की स्थापना 1995 में की गई थी।

ऊटी झील

  • ऊटी झील को देखना अपने आप में एक अनोखा और सुखद अनुभव है।
  • झील के चारों ओर फूलों की क्यारियों में तरह तरह के रंगबिरंगे फूल यहाँ की ख़ूबसूरती में चार चाँद लगाते हैं।
  • झील में मोटर बोट, पैडल बोट और रो बोट्स में बोटिंग का लुत्फ भी उठाया जा सकता है।

ललित कला अकादमी आर्ट गैलरी

कला के शौकीन लोगों के लिए ऊटी में ललित कला अकादमी आर्ट गैलरी भी है। जो ऊटी से 2 किलोमीटर दूर स्थित है। गैलरी में भारत की विभिन्न प्रकार की पेंटिंग्स और स्कल्पचर्स मौज़ूद हैं।

डोड्डाबेट्टा

  • डोड्डाबेट्टा ऊटी से लगभग 8 किलोमीटर दूर स्थित है।
  • यह नीलगिरि की सबसे ऊँचा पर्वत है।
  • इसकी ऊँचाई 2,636 मीटर है, यहाँ से पूरे इलाके का विहंगम दृश्य देखा जा सकता है।

कालहट्टी जलप्रपात

कालहट्टी जलप्रपात ऊटी का एक ख़ूबसूरत दर्शनीय स्थल है। यह जलप्रपात लगभग 100 फुट ऊँचा है, यहाँ का सौंदर्य देखकर मंत्रमुग्ध हो जाते हैं। यहाँ अनेक प्रकार के पर्वतीय पक्षी भी देखे जा सकते हैं।

डाल्फिंस नोज

ऊटी में डाल्फिंस नोज एक ख़ूबसूरत पिकनिक स्पॉट है। डाल्फिंस नोज अपने नाम की तरह ही रोचक व रोमांच पैदा करने वाला स्थल है। यहाँ से पूरी घाटी का विहंगम दृश्य दिखाई देता है। मौसम साफ़ हो तो यहाँ से कोटागिरी के कैथरज फॉल्स का नज़ारा भी देखा जा सकता है। यहाँ बच्चों के साथ आउटडोर पिकनिक का भरपूर आनंद लिया जा सकता है।

कोटागिरी हिल

कोटागिरी हिल ऊटी से 28 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। कोटागिरी हिल प्राकृतिक सुंदरता के लिए दर्शनीय स्थल है। यहाँ के चाय बागानों को देखने के लिए पर्यटक दूर-दूर से आते हैं।

वाइल्ड लाइफ़ सैक्चुरी

वाइल्ड लाइफ़ सैक्चुरी कोटागिरी से आगे ऊटी से 67 किलोमीटर दूर स्थित है। यहाँ दुर्लभ प्रजातियों के पशुओं को देखा जा सकता है।

जनगणना

2001 की जनगणना के अनुसार इस शहर की जनसंख्या 93, 921 है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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