हिंडोला महल मांडू: Difference between revisions
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*हिंडोला महल [[भारत का इतिहास|भारत के इतिहास]] में एक महत्वपूर्ण चिह्न है और इसकी वास्तुकला भी काफ़ी विख्यात है। | *हिंडोला महल [[भारत का इतिहास|भारत के इतिहास]] में एक महत्वपूर्ण चिह्न है और इसकी वास्तुकला भी काफ़ी विख्यात है। | ||
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Revision as of 13:29, 1 November 2014
[[चित्र:Hindola-Mahal-Mandu.jpg|thumb|right|250px|हिंडोला महल, मांडू]] हिंडोला महल मांडू, मध्य प्रदेश की शाही इमारतों में से एक है। इसका निर्माण हुशंगशाह के शासन काल में किया गया था। हिंडोला महल का उपयोग मुख्य रूप से दरबार के रूप में किया जाता था, जहाँ राजा बैठकर अपनी प्रजा की समस्याओं को सुनते थे।
- हिंडोला महल का शाब्दिक अर्थ होता है- "झूलती जगह"। यह महल पुराने समय के राज्यों और शासन की भव्यता का प्रतीक है।
- इस महल के निर्माण को करने वाले लोगों ने ही वारंगल के क़िले को इसकी प्रतिकृति के रूप में बनवाया था।
- मालवा शैली की वास्तुकला वाले इस महल में बाहरी दीवारें 77 डिग्री के कोण पर झुकी हुई हैं, जिसके कारण इसे हिंडोला महल कहा जाता है।
- हिंडोला महल भारत के इतिहास में एक महत्वपूर्ण चिह्न है और इसकी वास्तुकला भी काफ़ी विख्यात है।
- इतिहास और स्थापत्य कला में उत्साही लोगों के लिए यह स्थल बेहद ख़ास है, यहाँ आकर पर्यटक दरबार की गूँज को समय की रेत में दफन हुआ देख सकते हैं।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ हिंडोला महल, मांडू (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 17 अगस्त, 2013।