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| <quiz display=simple> | | <quiz display=simple> |
| {गायन के क्षेत्र में [[संयुक्त राष्ट्र]] में गायन का गौरव निम्न में से किसे प्राप्त है?
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| -अनूप जलोटा
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| -[[भूपेन हज़ारिका]]
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| -[[लता मंगेशकर]]
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| +[[एम.एस. सुब्बुलक्ष्मी]]
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| ||[[चित्र:Subbulakshami.jpg|right|100px|एम.एस. सुब्बुलक्ष्मी]]'एम.एस. सुब्बुलक्ष्मी' को 'कर्नाटक संगीत' का पर्याय माना जाता है। वह [[भारत]] की ऐसी पहली [[शास्त्रीय संगीत]] गायिका थीं, जिन्हें सर्वोच्च नागरिक अलंकरण '[[भारत रत्न]]' से सम्मानित किया गया था। उनके गाये हुए गाने, ख़ासकर भजन आज भी लोगों के बीच काफ़ी लोकप्रिय हैं। [[एम.एस. सुब्बुलक्ष्मी]] ने जब [[संयुक्त राष्ट्र]] की असेम्बली में अपना गायन पेश किया था, तो प्रसिद्ध पत्र न्यूयार्क टाइम्स ने लिखा था कि "वे अपने संगीत के द्वारा पश्चिम के श्रोताओं से जो सम्पर्क स्थापित करती हैं, उसके लिए यह आवश्यक नहीं कि श्रोता उनके शब्दों का अर्थ समझें।"{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[एम.एस. सुब्बुलक्ष्मी]]
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| {[[ऋग्वेद]] में सूक्तों की कुल संख्या कितनी है?
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| |type="()"}
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| -1007
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| -1017
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| -1027
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| +1028
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| ||[[चित्र:Rigveda.jpg|right|100px|ऋग्वेद का आवरण पृष्ठ]]'ऋग्वेद' सनातन धर्म अथवा [[हिन्दू धर्म]] का स्रोत है। इसमें 1028 सूक्त हैं, जिनमें [[देवता|देवताओं]] की स्तुति की गयी है। इस [[ग्रंथ]] में देवताओं का [[यज्ञ]] में आह्वान करने के लिये [[मन्त्र]] हैं। यही सर्वप्रथम [[वेद]] माना जाता है। [[ऋग्वेद]] को दुनिया के सभी इतिहासकार हिन्द-यूरोपीय भाषा परिवार की सबसे पहली रचना मानते हैं। ये दुनिया के सर्वप्रथम ग्रन्थों में से एक है। ऋक् संहिता में 10 मंडल, बालखिल्य सहित 1028 सूक्त हैं। वेद मंत्रों के समूह को 'सूक्त' कहा जाता है, जिसमें एकदैवत्व तथा एकार्थ का ही प्रतिपादन रहता है। ऋग्वेद के सूक्त विविध देवताओं की स्तुति करने वाले भाव भरे गीत हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[ऋग्वेद]]
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| {[[मुग़ल चित्रकला]] किसके राज्य काल में अपनी पराकाष्ठा पर पहुँची?
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| |type="()"}
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| -[[हुमायूँ]]
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| +[[जहाँगीर]]
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| -[[अकबर]]
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| -[[शाहजहाँ]]
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| ||[[चित्र:Jahangir-Tomb-Lahore.jpg|right|100px|जहाँगीर का मक़बरा, लाहौर]][[मुग़ल]] बादशाह होने के साथ-साथ [[जहाँगीर]] के चरित्र में एक अच्छा लक्षण यह भी था कि वह प्रकृति का [[हृदय]] से आनंद लेता था। [[फूल|फूलों]] को प्यार करना, उत्तम सौन्दर्य को परखना और बोधात्मक रुचि से वह सम्पन्न था। स्वयं [[चित्रकार]] होने के कारण जहाँगीर [[कला]] एवं [[साहित्य]] का पोषक था। 'किराना घराने' की उत्पत्ति का मुख्य श्रेय जहाँगीर को ही दिया जाता है। उसका 'तुजूक-ए-जहाँगीरी' संस्मरण उसकी साहित्यिक योग्यता का प्रमाण है। जहाँगीर ने एक आदर्श प्रेमी की तरह 1615 ई. में [[लाहौर]] में संगमरमर की एक सुन्दर क़ब्र बनवायी थी, जिस पर एक प्रेमपूर्ण [[अभिलेख]] था- '''यदि मै अपनी प्रेयसी का चेहरा पुनः देख पाता, तो क़यामत के दिन तक अल्लाह को धन्यवाद देता रहता।'''{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[जहाँगीर]]
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| {[[महाभारत]] का मौलिक नाम क्या था?
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| |type="()"}
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| -[[वृहत्कथामंजरी]]
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| -[[राजतरंगिणी]]
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| -[[कथासरित्सागर]]
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| +[[जयसंहिता]]
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| ||[[चित्र:Krishna-Arjuna.jpg|right|80px|महाभारत में श्रीकृष्ण तथा अर्जुन]][[हिन्दू|हिन्दुओं]] के प्रमुख धार्मिक ग्रंथों में से एक [[महाभारत]] में मूलतः 8800 [[श्लोक]] थे तथा इसका नाम '[[जयसंहिता]]' (विजय संबंधी ग्रंथ) था। बाद में इसके श्लोकों की संख्या 24000 होने के पश्चात यह वैदिक जन [[भरत (दुष्यंत पुत्र)|भरत]] के वंशजों की कथा होने के कारण 'भारत' कहलाया। कालान्तर में [[गुप्त काल]] में श्लोकों की संख्या बढ़कर एक लाख तक होने पर यह 'शतसाहस्त्री संहिता' या 'महाभारत' कहलाया।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[जयसंहिता]]
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| {'भातखण्डे संगीत महाविद्यालय' कहाँ स्थित है?
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| |type="()"}
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| +[[लखनऊ]]
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| -[[अहमदाबाद]]
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| -[[चण्डीगढ़]]
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| -[[इलाहाबाद]]
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| ||[[चित्र:Chota-Imambara-Lucknow.jpg|right|120px|छोटा इमामबाड़ा, लखनऊ]]लखनऊ को ऐतिहासिक रूप से 'अवध क्षेत्र' के नाम से जाना जाता था। पुरातत्त्ववेत्ताओं के अनुसार इसका प्राचीन नाम 'लक्ष्मणपुर' था। [[राम]] के छोटे भाई [[लक्ष्मण]] ने इसे बसाया था। [[लखनऊ]] को 'नवाबों का शहर' भी कहा जाता था। इस शहर को 'पूर्व का स्वर्णनगर' और 'शिराज-ए-हिन्द' के रूप में भी जाना जाता था। [[कला]] और [[संस्कृति]] के संरक्षक [[अवध]] के नवाबों के शासनकाल में की गई [[मुग़ल चित्रकला|मुग़ल चित्रकारी]] आज भी कई संग्रहालयों में सुरक्षित है। यहाँ [[बड़ा इमामबाड़ा लखनऊ|बड़ा इमामबाड़ा]], [[छोटा इमामबाड़ा लखनऊ|छोटा इमामबाड़ा]] तथा [[रूमी दरवाज़ा लखनऊ|रूमी दरवाज़ा]], [[मुग़ल कालीन स्थापत्य एवं वास्तुकला|मुग़ल वास्तुकला]] के अद्भुत उदाहरण हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[लखनऊ]]
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| {[[यहूदी|यहूदियों]] का पूजा स्थल क्या कहलाता है? | | {[[यहूदी|यहूदियों]] का पूजा स्थल क्या कहलाता है? |
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