प्रयोग:कविता बघेल 3: Difference between revisions
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||प्रकाशयुक्तता एवं अक्ष-पटल की उत्तेजना के विचार से कुछ [[रंग|वर्ण]] गरम और शीतल माने जाते हैं। [[लाल रंग|लाल]] और [[नारंगी]] वर्ण उष्ण (गरम) हैं, [[नीला रंग|नीला]] एवं [[हरा रंग|हरा]] वर्ष शीतल (ठंडा)। [[पीला रंग|पीला]] एवं [[बैंगनी रंग|बैंगनी]] न उष्ण हैं, न शीतल। इससे सम्बधित अन्य महत्त्वपूर्ण तथ्य निम्न प्रकार है- (1) लाल रंग सर्वाधिक उत्तेजक एवं आकर्षक है। यह सक्रिय और आक्रामकता का प्रतीक है। इस रंग से वीरता (पराक्रम), साहस, शृंगारिक, तीव्र और कामुक भावनाओं का अभिव्यक्तिकरण संभव हो जाता है। (2) नीला रंग, शांत, मधुर, निष्क्रिय, ईमानदारी, आशा लगन आदि का प्रतीक है और हरा रंग, विकास, प्रजनन और समृद्धि का प्रतिनिधित्व करता है। (3) अफ्रीका में लाल रंग शोक का प्रतीक है। (4) पश्चिमी संस्कृति में लाल रंग घातक पापों के क्रोध का प्रतीक है। (5) पीला रंग प्रसन्नता, दिव्यता तथा यश आदि का प्रतीक है। (6) [[श्वेत रंग]] प्रकाशयुक्त हल्का व कोमल होता है। स्वच्छता, पवित्रता एवं सत्य का प्रतीक है। | ||प्रकाशयुक्तता एवं अक्ष-पटल की उत्तेजना के विचार से कुछ [[रंग|वर्ण]] गरम और शीतल माने जाते हैं। [[लाल रंग|लाल]] और [[नारंगी]] वर्ण उष्ण (गरम) हैं, [[नीला रंग|नीला]] एवं [[हरा रंग|हरा]] वर्ष शीतल (ठंडा)। [[पीला रंग|पीला]] एवं [[बैंगनी रंग|बैंगनी]] न उष्ण हैं, न शीतल। इससे सम्बधित अन्य महत्त्वपूर्ण तथ्य निम्न प्रकार है- (1) लाल रंग सर्वाधिक उत्तेजक एवं आकर्षक है। यह सक्रिय और आक्रामकता का प्रतीक है। इस रंग से वीरता (पराक्रम), साहस, शृंगारिक, तीव्र और कामुक भावनाओं का अभिव्यक्तिकरण संभव हो जाता है। (2) नीला रंग, शांत, मधुर, निष्क्रिय, ईमानदारी, आशा लगन आदि का प्रतीक है और हरा रंग, विकास, प्रजनन और समृद्धि का प्रतिनिधित्व करता है। (3) अफ्रीका में लाल रंग शोक का प्रतीक है। (4) पश्चिमी संस्कृति में लाल रंग घातक पापों के क्रोध का प्रतीक है। (5) पीला रंग प्रसन्नता, दिव्यता तथा यश आदि का प्रतीक है। (6) [[श्वेत रंग]] प्रकाशयुक्त हल्का व कोमल होता है। स्वच्छता, पवित्रता एवं सत्य का प्रतीक है। | ||
{[[भारत]] के | {[[भारत]] के वह [[राज्य]] कौन सा है, जहां बड़े आकार में कपड़े पर 'पबूजी का फड़' नामक चित्रकारी चित्रित की जाती है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-167,प्रश्न-8 | ||
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-[[बिहार]] | -[[बिहार]] | ||
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+[[राजस्थान]] | +[[राजस्थान]] | ||
-[[हिमाचल प्रदेश]] | -[[हिमाचल प्रदेश]] | ||
||[[राजस्थान | ||[[राजस्थान|राजस्थान राज्य]] में बड़े आकार में कपड़े पर 'पबूजी का फड़' नामक चित्रकारी चित्रित की जाती है। इससे सम्बधित अन्य महत्त्वपूर्ण तथ्य निम्न प्रकार हैं- (1) पबूजी का फड़ एक प्राचीन पारंपरिक लोक कला है, जिसे गायन के साथ प्रयोग किया जाता है। (2) राजस्थान के राबरी आदिवासियों द्वारा 'पबूजी का फड़' नामक चित्रकारी का प्रयोग देवी-देवताओं की छवियों का चित्रण करने में किया जाता है। (3) पबूजी की कथा को फड़ पर [[लाल रंग|लाल]] व [[हरा रंग|हरे रंगों]] में चित्रित किया जाता है और भोप लोग उस कथा को लोकवाद्य '[[रावणहत्था]]' पर गाकर वर्णन करते हैं। | ||
{भारतीय चित्रकला के षडंग में अनुपात को किस शब्द से परिभाषित किया गया है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-177,प्रश्न-8 | {भारतीय चित्रकला के षडंग में अनुपात को किस शब्द से परिभाषित किया गया है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-177,प्रश्न-8 |
Revision as of 13:26, 20 May 2017
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