हलोल: Difference between revisions
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'''हलोल''' [[गुजरात]] के [[चांपानेर]] का एक उपनगर, जो सोलहवीं शती ई. में समृद्ध अवस्था में था।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=ऐतिहासिक स्थानावली|लेखक=विजयेन्द्र कुमार माथुर|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर|संकलन= भारतकोश पुस्तकालय|संपादन= |पृष्ठ संख्या=1013|url=}}</ref> | '''हलोल''' [[गुजरात]] के [[चांपानेर]] का एक उपनगर, जो सोलहवीं शती ई. में समृद्ध अवस्था में था।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=ऐतिहासिक स्थानावली|लेखक=विजयेन्द्र कुमार माथुर|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर|संकलन= भारतकोश पुस्तकालय|संपादन= |पृष्ठ संख्या=1013|url=}}</ref> | ||
*गुजरात के सुल्तानों ने चांपानेर में अनेक सुंदर प्रासाद बनवाए थे। ये सब अब [[खंडहर]] हो गए हैं। 'हलोल' नामक नगर, जो बहुत दिनों तक संपन्न और समृद्ध दशा में रहा, चांपानेर का ही उपनगर था। इसका महत्व गुजरात के [[बहादुर शाह (गुजरात का सुल्तान)|सुल्तान बहादुरशाह]] की मृत्यु के पश्चात् (16वीं शती) समाप्त हो गया। | |||
Latest revision as of 10:06, 20 July 2018
हलोल गुजरात के चांपानेर का एक उपनगर, जो सोलहवीं शती ई. में समृद्ध अवस्था में था।[1]
- गुजरात के सुल्तानों ने चांपानेर में अनेक सुंदर प्रासाद बनवाए थे। ये सब अब खंडहर हो गए हैं। 'हलोल' नामक नगर, जो बहुत दिनों तक संपन्न और समृद्ध दशा में रहा, चांपानेर का ही उपनगर था। इसका महत्व गुजरात के सुल्तान बहादुरशाह की मृत्यु के पश्चात् (16वीं शती) समाप्त हो गया।
- REDIRECTसाँचा:इन्हें भी देखें
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |संकलन: भारतकोश पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 1013 |