मेहरचंद महाजन: Difference between revisions
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thumb|200px|मेहरचंद महाजन
मेहरचंद महाजन (अंग्रेज़ी]]: Meharchand Mahajan, जन्म- 23 दिसंबर, 1889, कांगड़ा, हिमाचल प्रदेश; मृत्यु- 1967) भारत के सर्वोच्च न्यायालय के तीसरे न्यायाधीश थे। वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेताओं में से एक थे। मेहरचंद महाजन को भारतीय राज्य जम्मू और कश्मीर का प्रथम मुख्यमंत्री होने का गौरव प्राप्त है। वह 15 अक्टूबर, 1947 से 5 मार्च, 1948 तक जम्मू और कश्मीर के मुख्यमंत्री रहे।
- मेहरचंद महाजन का जन्म 23 दिसंबर, 1889 को टिक्का नगरोटा, जिला कांगड़ा, हिमाचल प्रदेश में हुआ था।
- उन्होंने प्रारम्भिक शिक्षा नूरपुर के सरकारी स्कूल से प्राप्त की। इसके बाद 1913 में धर्मशाला में वकालत शुरू की और 1914 से 1918 तक पंजाब के गुरदासपुर में वकालत की। उन्होंने 1942 में लाहौर से कानून की डिग्री प्राप्त की थी।[1]
- सन 1938 से 1943 तक मेहरचंद महाजन ने लाहौर हाईकोर्ट की बार एसोसियेशन के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया।
- 15 अक्तूबर, 1947 से 5 मार्च, 1948 तक वे जम्मू कश्मीर के प्रधानमंत्री बने तो इस दौरान उन्होंने राजनीतिक कौशल के चलते जम्मू कश्मीर को भारत का अभिन्न अंग बनाने में अहम भूमिका निभाई।
- इसके उपरान्त वे 4 जनवरी, 1954 को 'सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया' के तीसरे मुख्य न्यायाधीश बने और इसके साथ ही उन्होने नूरपुर क्षेत्र का नाम रोशन किया।
- मेहरचंद महाजन कई संस्थाओं के संस्थापक व कई अहम पदों पर रहे। उन्हें 27 दिसंबर, 1943 को लाहौर न्यायालय में न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया। वह भारत के सर्वोच्च न्यायालय के तीसरे न्यायाधीश थे।
- 4 जनवरी 1954 से 22 दिसंबर 1954 तक वे भारत के सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्यरत रहे थे।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ मेहरचंद महाजन की जीवनी (हिंदी) jivanihindi.com। अभिगमन तिथि: 05 मार्च, 2020।
संबंधित लेख
क्रमांक | राज्य | मुख्यमंत्री | तस्वीर | पार्टी | पदभार ग्रहण |