मानसी जोशी: Difference between revisions
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
(''''मानसी जोशी''' (अंग्रेज़ी: ''Manasi Girishchandra Joshi'', जन्म- 11 जून, [...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
No edit summary |
||
Line 1: | Line 1: | ||
'''मानसी जोशी''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Manasi Girishchandra Joshi'', जन्म- [[11 जून]], [[1989]]) भारतीय पैरा-बैडमिन्टन खिलाड़ी हैं। वह पैरा-बैडमिंटन की वर्ल्ड चैंपियन हैं। वह [[2020]] में वर्ल्ड रैंकिंग में दूसरे नंबर पर पहुंचीं हैं। टाइम मैगजीन ने नेक्स्ट जनरेशन लीडर की लिस्ट में उन्हें रखा है। विश्व प्रसिद्ध 'बार्बी डॉल' निर्माता कम्पनी ने मानसी जोशी के सम्मान में और लड़कियों को प्रोत्साहित करने की मंशा से उनके जैसी दिखने वाली (वन ऑफ ए काइंड) बार्बी डॉल बनाई है। | {{सूचना बक्सा खिलाड़ी | ||
|चित्र=Manasi-Joshi.jpg | |||
|चित्र का नाम=मानसी जोशी | |||
|पूरा नाम=मानसी गिरिशचंद्र जोशी | |||
|अन्य नाम= | |||
|जन्म=[[11 जून]], [[1989]] | |||
|जन्म भूमि=[[राजकोट]], [[गुजरात]] | |||
|मृत्यु= | |||
|मृत्यु स्थान= | |||
|अभिभावक=[[पिता]]- गिरीशचंद्र जोशी | |||
|पति/पत्नी= | |||
|संतान= | |||
|कर्म भूमि=[[भारत]] | |||
|खेल-क्षेत्र=[[बैडमिंटन]] | |||
|शिक्षा= | |||
|विद्यालय= | |||
|पुरस्कार-उपाधि=महिला एकल में स्वर्ण पदक, [[2019]] | |||
|प्रसिद्धि=पैरा-बैडमिंटन खिलाड़ी | |||
|विशेष योगदान= | |||
|नागरिकता=भारतीय | |||
|संबंधित लेख= | |||
|शीर्षक 1= | |||
|पाठ 1= | |||
|शीर्षक 2= | |||
|पाठ 2= | |||
|अन्य जानकारी=[[2011]] में मानसी जोशी के साथ एक सड़क दुर्घटना हो गई, जिसमे उन्होंने अपना बायां पैर खो दिया। इस घटना में उनका पैर चला गया, लेकिन उनके इरादे उनकी हिम्मत, उनकी ताकत नहीं। | |||
|बाहरी कड़ियाँ= | |||
|अद्यतन= | |||
}}'''मानसी गिरिशचंद्र जोशी''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Manasi Girishchandra Joshi'', जन्म- [[11 जून]], [[1989]]) भारतीय पैरा-बैडमिन्टन खिलाड़ी हैं। वह पैरा-बैडमिंटन की वर्ल्ड चैंपियन हैं। वह [[2020]] में वर्ल्ड रैंकिंग में दूसरे नंबर पर पहुंचीं हैं। टाइम मैगजीन ने नेक्स्ट जनरेशन लीडर की लिस्ट में उन्हें रखा है। विश्व प्रसिद्ध 'बार्बी डॉल' निर्माता कम्पनी ने मानसी जोशी के सम्मान में और लड़कियों को प्रोत्साहित करने की मंशा से उनके जैसी दिखने वाली (वन ऑफ ए काइंड) बार्बी डॉल बनाई है। | |||
==परिचय== | ==परिचय== | ||
मानसी जोशी का जन्म 11 जून, 1989 को [[गुजरात]] के राजकोट में हुआ। वह [[मुंबई]] के अनुशक्ति नगर में बड़ी हुईं। उनके [[पिता]] का नाम गिरीशचंद्र जोशी हैं जो भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र से सेवानिवृत्त वैज्ञानिक हैं। मानसी जोशी ने अपनी शिक्षा एटॉमिक एनर्जी सेंट्रल स्कूल से और इलेक्ट्रॉनिक्स में स्नातक डिग्री | मानसी जोशी का जन्म 11 जून, 1989 को [[गुजरात]] के राजकोट में हुआ। वह [[मुंबई]] के अनुशक्ति नगर में बड़ी हुईं। उनके [[पिता]] का नाम गिरीशचंद्र जोशी हैं जो भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र से सेवानिवृत्त वैज्ञानिक हैं। मानसी जोशी ने अपनी शिक्षा एटॉमिक एनर्जी सेंट्रल स्कूल से और इलेक्ट्रॉनिक्स में स्नातक डिग्री के.जे. सोमाया कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से की। खेलों में रुची रखने वाली मानसी ने अपने स्कूल और कॉलेज के दिनों में वॉलीबॉल, [[फ़ुटबॉल]] और बैडमिन्टन जैसे कई [[खेल]] आज़माए। बैडमिन्टन में उनकी प्रतिभा खूब निखर कर आई और उन्होंने स्कूल और कॉलेज स्तर पर कई टूर्नामेंट खेले। | ||
==सड़क दुर्घटना== | ==सड़क दुर्घटना== | ||
[[2011]] में मानसी जोशी के साथ एक सड़क दुर्घटना हो गई, जिसमे उन्होंने अपना बायां पैर खो दिया। इस घटना में उनका पैर चला गया, लेकिन उनके इरादे उनकी हिम्मत, उनकी ताकत नहीं। उन्होंने फिर उसी जोश के साथ सन [[2015]] में [[इंग्लैंड]] में आयोजित किये गए पैरा-बैडमिंटन विश्व चैम्पियनशिप में हिस्सा लिया और मिश्रित युगल में रजत पदक जीत लिया। इतना ही नहीं इसके बाद सन [[2018]] में जकार्ता में आयोजित एशियन पैरा गेम्स में हिस्सा लेकर [[भारत]] के नाम कांस्य पदक किया। उन्होंने अपने जीवन में हार नहीं मानी और [[2019]] में पैरा ओलंपिक में भारत के नाम स्वर्ण पदक कर दिया। | [[2011]] में मानसी जोशी के साथ एक सड़क दुर्घटना हो गई, जिसमे उन्होंने अपना बायां पैर खो दिया। इस घटना में उनका पैर चला गया, लेकिन उनके इरादे उनकी हिम्मत, उनकी ताकत नहीं। उन्होंने फिर उसी जोश के साथ सन [[2015]] में [[इंग्लैंड]] में आयोजित किये गए पैरा-बैडमिंटन विश्व चैम्पियनशिप में हिस्सा लिया और मिश्रित युगल में रजत पदक जीत लिया। इतना ही नहीं इसके बाद सन [[2018]] में जकार्ता में आयोजित एशियन पैरा गेम्स में हिस्सा लेकर [[भारत]] के नाम कांस्य पदक किया। उन्होंने अपने जीवन में हार नहीं मानी और [[2019]] में पैरा ओलंपिक में [[भारत]] के नाम स्वर्ण पदक कर दिया। | ||
==उपलब्धियां== | ==उपलब्धियां== | ||
#[[2015]] के पैरा-बैडमिंटन विश्व चैम्पियनशिप के मिश्रित युगल स्पर्धा में रजत पदक अर्जित किया। | #[[2015]] के पैरा-बैडमिंटन विश्व चैम्पियनशिप के मिश्रित युगल स्पर्धा में रजत पदक अर्जित किया। |
Latest revision as of 08:23, 11 March 2021
मानसी जोशी
| |
पूरा नाम | मानसी गिरिशचंद्र जोशी |
जन्म | 11 जून, 1989 |
जन्म भूमि | राजकोट, गुजरात |
अभिभावक | पिता- गिरीशचंद्र जोशी |
कर्म भूमि | भारत |
खेल-क्षेत्र | बैडमिंटन |
पुरस्कार-उपाधि | महिला एकल में स्वर्ण पदक, 2019 |
प्रसिद्धि | पैरा-बैडमिंटन खिलाड़ी |
नागरिकता | भारतीय |
अन्य जानकारी | 2011 में मानसी जोशी के साथ एक सड़क दुर्घटना हो गई, जिसमे उन्होंने अपना बायां पैर खो दिया। इस घटना में उनका पैर चला गया, लेकिन उनके इरादे उनकी हिम्मत, उनकी ताकत नहीं। |
मानसी गिरिशचंद्र जोशी (अंग्रेज़ी: Manasi Girishchandra Joshi, जन्म- 11 जून, 1989) भारतीय पैरा-बैडमिन्टन खिलाड़ी हैं। वह पैरा-बैडमिंटन की वर्ल्ड चैंपियन हैं। वह 2020 में वर्ल्ड रैंकिंग में दूसरे नंबर पर पहुंचीं हैं। टाइम मैगजीन ने नेक्स्ट जनरेशन लीडर की लिस्ट में उन्हें रखा है। विश्व प्रसिद्ध 'बार्बी डॉल' निर्माता कम्पनी ने मानसी जोशी के सम्मान में और लड़कियों को प्रोत्साहित करने की मंशा से उनके जैसी दिखने वाली (वन ऑफ ए काइंड) बार्बी डॉल बनाई है।
परिचय
मानसी जोशी का जन्म 11 जून, 1989 को गुजरात के राजकोट में हुआ। वह मुंबई के अनुशक्ति नगर में बड़ी हुईं। उनके पिता का नाम गिरीशचंद्र जोशी हैं जो भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र से सेवानिवृत्त वैज्ञानिक हैं। मानसी जोशी ने अपनी शिक्षा एटॉमिक एनर्जी सेंट्रल स्कूल से और इलेक्ट्रॉनिक्स में स्नातक डिग्री के.जे. सोमाया कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से की। खेलों में रुची रखने वाली मानसी ने अपने स्कूल और कॉलेज के दिनों में वॉलीबॉल, फ़ुटबॉल और बैडमिन्टन जैसे कई खेल आज़माए। बैडमिन्टन में उनकी प्रतिभा खूब निखर कर आई और उन्होंने स्कूल और कॉलेज स्तर पर कई टूर्नामेंट खेले।
सड़क दुर्घटना
2011 में मानसी जोशी के साथ एक सड़क दुर्घटना हो गई, जिसमे उन्होंने अपना बायां पैर खो दिया। इस घटना में उनका पैर चला गया, लेकिन उनके इरादे उनकी हिम्मत, उनकी ताकत नहीं। उन्होंने फिर उसी जोश के साथ सन 2015 में इंग्लैंड में आयोजित किये गए पैरा-बैडमिंटन विश्व चैम्पियनशिप में हिस्सा लिया और मिश्रित युगल में रजत पदक जीत लिया। इतना ही नहीं इसके बाद सन 2018 में जकार्ता में आयोजित एशियन पैरा गेम्स में हिस्सा लेकर भारत के नाम कांस्य पदक किया। उन्होंने अपने जीवन में हार नहीं मानी और 2019 में पैरा ओलंपिक में भारत के नाम स्वर्ण पदक कर दिया।
उपलब्धियां
- 2015 के पैरा-बैडमिंटन विश्व चैम्पियनशिप के मिश्रित युगल स्पर्धा में रजत पदक अर्जित किया।
- 2016 के पैरा-बैडमिंटन एशियाई चैम्पियनशिप में महिला एकल के साथ-साथ युगल स्पर्धाओं में कांस्य पदक अर्जित किए।
- 2017 के पैरा-बैडमिंटन विश्व चैम्पियनशिप के महिला एकल इवेंट में तीसरा स्थान हासिल किया।
- 2018 में थाईलैंड पैरा-बैडमिंटन इंटरनेशनल में अपने प्रदर्शन के साथ उन्हें एक और कांस्य पदक मिला।
- 2019 में पैरा ओलंपिक में महिलाओं के एकल में स्वर्ण पदक।
|
|
|
|
|