बलबीर सिंह खुल्लर: Difference between revisions

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बलबीर सिंह खुल्लर
पूरा नाम बलबीर सिंह खुल्लर
जन्म 8 अगस्त, 1942
जन्म भूमि संसारपुर गांव
मृत्यु 28 फ़रवरी, 2020
मृत्यु स्थान संसारपुर गांव
कर्म भूमि भारत
खेल-क्षेत्र हॉकी
पुरस्कार-उपाधि अर्जुन पुरस्कार ( 1999), पद्मश्री (2009), द्रोणाचार्य पुरस्कार
प्रसिद्धि हॉकी खिलाड़ी
नागरिकता भारतीय
अन्य जानकारी बलबीर सिंह खुल्लर 1968 से 1975 तक ऑल इंडिया पुलिस टीम के कप्तान भी रहे। वर्ष 2001 में वह डीआइजी पद से सेवानिवृत्त हुए थे।

बलबीर सिंह खुल्लर (अंग्रेज़ी: Balbir Singh Kullar, जन्म- 8 अगस्त, 1942; मृत्यु- 28 फ़रवरी, 2020) भारतीय हॉकी टीम के पूर्व सदस्य थे। उन्होंने भारतीय टीम में ‘इनसाइड फ़ारवर्ड’ के रूप में प्रतिष्ठा हासिल की और बेल्जियम, इंग्लैंड, नीदरलैंड और पश्चिम जर्मनी जैसे देशों का दौरा किया। बलबीर सिंह खुल्लर सन 1966 में बैंकाक एशियाई खेलों में स्वर्ण और 1968 में मैक्सिको में हुए ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने वाली भारतीय टीम के सदस्य थे।

परिचय

बलबीर सिंह खुल्लर का जन्म संसारपुर गांव में 8 अगस्त, 1942 को हुआ था। 17 साल की उम्र में ही उन्होंने स्कूल गेम्स को लेकर चयनित हॉकी की इंडिया टीम को बतौर कप्तान लीड किया। उसके बाद उन्होंने पलट कर नहीं देखा और हॉकी के मैदान में हाफ बैक पेनाल्टी स्ट्रोक व कार्नर के जरिए गोल करके संसारपुर का नाम अमर कर दिया।

डीआईजी के रूप में सेवानिवृत्त

बलबीर सिंह जी ने 1962 में पंजाब पुलिस को ज्वाइन किया। सन 1963 में असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर पर तैनात हुए। 1968 से 1975 तक ऑल इंडिया पुलिस टीम के कप्तान भी रहे। वर्ष 2001 में वह डीआइजी पद से सेवानिवृत्त हुए थे।

ओलंपिक टीम का हिस्सा

बलबीर सिंह खुल्लर मैदान के हाफ बैक में बेहतर खेलते थे। स्ट्रोक को रोकने में उन्हें महारत हासिल थी। पेनाल्टी स्ट्रोक को भी बेहतर ढंग से लगाते थे। वर्ष 1966 में बैंकाक एशियाई गेम्स में स्वर्ण पदक, वर्ष 1968 में ओलंपिक कांस्य पदक जीतने वाली टीम का हिस्सा रहे थे।

पद्मश्री से सम्मानित

भारत सरकार ने वर्ष 1999 में बलबीर सिंह खुल्लर को 'अर्जुन पुरस्कार' और 2009 में 'पद्मश्री' से नवाजा। वह 'द्रोणाचार्य पुरस्कार' से भी सम्मानित हुए।

मृत्यु

बलबीर सिंह खुल्लर की मृत्यु 28 फ़रवरी, 2020 को हुई।

सुरजीत हॉकी सोसायटी के संयुक्त सचिव सुरिंदर भापा के अनुसार- "बलबीर सिंह खुल्लर ने देश के लिए खेलकर अपनी अलग पहचान बनाई। संसारपुर का नाम रोशन किया"। ओलंपियन संजीव कुमार के अनुसार- "बलबीर सिंह ने भारतीय टीम में इनसाइज फॉरवर्ड के रूप में प्रतिष्ठा हासिल की। हर मैच में बेहतर प्रदर्शन करते रहे। जालंधर ने एक बेहतरीन खिलाड़ी को खो दिया है"।

पंजाब पुलिस हॉकी टीम के पूर्व कोच सुरजीत मिट्ठा का कहना था कि "बलबीर सिंह भारतीय राष्ट्रीय टीम के चयनकर्ता भी रह चुके थे। ओलंपिक पदक विजेता बलबीर सिंह के निधन का दु:ख है"।


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टीका-टिप्पणी और संदर्भ

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