सुशीला लिकमाबाम
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सुशीला लिकमाबाम (अंग्रेज़ी: Shushila Likmabam, जन्म- 1 फ़रवरी, 1995) भारत की जूडो खिलाड़ी हैं। ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक, 2020 (टोक्यो) में भारत की ओर से जूडो में प्रतिभाग करने वाली वह एकमात्र भारतीय महिला जूडो खिलाड़ी रहीं।
- सुशीला देवी लिकमाबाम इंफाल के पूर्वी जिले में स्थित हिंगांग मयाई लीकाई की रहने वाली हैं। सुशीला ने शुरू से ही जूडो में एक चैंपियन बनने के संकेत दिखाए जिसके बाद उनके चाचा लिकमबम दीनित जो खुद एक अंतरराष्ट्रीय जूडो खिलाड़ी रहे हैं, सुशीला को अपने साथ ले गए और भारतीय खेल प्राधिकरण और स्पेशल एरिया गेम्स के तहत ट्रेनिंग कराई।[1]
- भारतीय जूडो खिलाड़ी सुशीला देवी लिकमाबाम शनिवार (24 जुलाई, 2021) को महिला 48 कि.ग्रा. के शुरुआती दौर में हंगरी की इवा सेरनोविज्की से 10-0 से हार गईं।
- सुशीला देवी टोक्यो ओलंपिक, 2020 में जूडो में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली एकमात्र खिलाड़ी थीं और उनकी हार के साथ जूडो में भारत की चुनौती समाप्त हो गई।
- लंदन 2012 की ओलंपिक कांस्य पदक विजेता सेरनोविज्की ने जीत के साथ अंतिम 16 में प्रवेश कर लिया, जहां उनका सामना जापान की फुना तोनाकी से हुआ।
- निप्पॉन बुडोकन क्षेत्र में अपने खेल की शुरुआत में सुशीला लिकमाबाम ने सेरनोविज्की के पहले हमले को नाकाम कर दिया और दोनों ने दूसरे की पकड़ से बचने के लिए शिडो (पेनल्टी) अर्जित किया। सेरनोविज्की ने हालांकि सुशीला देवी को झुकाने और जमीन पर गिराने के लिए अपने अनुभव का इस्तेमाल किया।
- उल्लेखनीय है कि ग्लासगो में 2014 राष्ट्रमंडल खेलों में रजत पदक विजेता 26 वर्षीय सुशीला देवी ने महाद्वीपीय कोटा स्लॉट के माध्यम से ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया था।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ 1.0 1.1
सुशीला देवी लिकमाबाम (हिंदी) bhaskarhindi.com। अभिगमन तिथि: 12 अगस्त, 2021। Cite error: Invalid
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