सुयश जाधव

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सुयश नारायण जाधव (अंग्रेज़ी: Suyash Jadhav) भारत के पैरा तैराक हैं। वह ग्रीष्मकालीन पैरालम्पिक, 2020 (टोक्यो पैरालम्पिक) के लिए क्वालिफाई करने वाले पहले भारतीय तैराक हैं। उन्होंने साल 2018 के पैरा-एशियाई खेलों में पुरुषों की 50 मीटर फ्रीस्टाइल एस-7 तैराकी स्पर्धा में कांस्य पदक हासिल किया था। इससे पहले उन्होंने पुरुषों की ही 200 मीटर व्यक्तिगत मेडले एसएम-7 स्पर्धा में भी कांस्य जीता था। वर्ष 2020 में उन्हें अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया। करंट लगने के कारण 11 साल की उम्र में सुयश जाधव के दोनों हाथ कोहनी के नीचे से काटने पड़े थे।

परिचय

सुयश जाधव के पिता भी राज्य स्तर के तैराक थे। वह चाहते थे कि उनका बेटा भी तैराक बने, पर 11 साल की उम्र में सुयश के साथ एक हादसा हुआ जिसमें उनके हाथ चले गए। हालांकि उन्होंने खुद पर तरस न खाकर मेहनत की और खुद को विश्व स्तरीय तैराक बनाया। उन्हें अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया। वह साल 2016 में ‘ए’ मार्क के रियो ओलिंपिक के लिए क्वालिफाई करने वाले इकलौते तैराक थे। हालांकि वह किसी भी इवेंट में मेडल नहीं जीत पाए थे।[1]

सुयश जाधव ने बताया था कि वह शुरुआत में खुद पर तरस खाते थे लेकिन शिक्षक की एक सलाह ने उनकी पूरी जिंदगी बदल दी। उन्होंने बताया, ‘बाकी लोगों जैसे मैं भी खुद पर तरस खाता था। एक दिन टेस्ट में मुझे 40 में से 36 अंक मिले थे। मैंने टीचर से कारण पूछा तो उन्होंने बताया कि मेरी गलती के कारण ऐसा हुआ है। मैंने उनसे कहा कि मेरी हालत देखते हुए मेरी मदद करनी चाहिए। तब उन्होंने मुझे समझाया कि हमदर्दी के कारण वह मुझे अंक देंगी तो मैं हमेशा भीख मांगता रहूंगा जो सही नहीं था।’ इसके बाद से ही मैंने खुद पर मेहनत करना शुरू कर दिया और खुद को विश्व स्तर का तैराक बना लिया।

पैरा-एशियाई खेल, 2018

सुयश जाधव ने साल 2018 के पैरा-एशियाई खेलों में पुरुषों की 50 मीटर फ्रीस्टाइल एस-7 तैराकी स्पर्धा में कांस्य पदक हासिल किया था। इससे पहले उन्होंने पुरुषों की ही 200 मीटर व्यक्तिगत मेडले एसएम-7 स्पर्धा में भी कांस्य जीता था। सुयश ने 50 मीटर फ्रीस्टाइल एस-7 स्पर्धा को 32.16 सेकेंड में पूरा करते हुए तीसरा स्थान हासिल किया। वह रजत पदक जीतने से केवल एक सेकेंड पीछे रह गए। फिलिपींस के गावलिन एर्नी ने 31.93 सेकेंड का समय लेकर रजत पदक पर कब्जा जमाया। सिंगापुर के तोह वेई सूंग ने 29.01 सेकेंड का समय लेते हुए फाइनल स्पर्धा में पहला स्थान हासिल किया और स्वर्ण पदक अपने नाम कर लिया।[2]

ग्रीष्मकालीन पैरालम्पिक, 2020

भारतीय पैरा तैराक सुयश जाधव ने टोक्यो पैरालम्पिक ([[ग्रीष्मकालीन पैरालम्पिक, 2020) में निराश किया। पुरुष 100 मीटर ब्रेस्ट स्ट्रोक एसबी7 फाइनल में नियम के उल्लंघन के लिए उन्हें डिस्क्वालीफाई कर दिया गया। एशियाई पैरा खेल 2018 में एक स्वर्ण और दो कांस्य पदक जीतने वाले सुयश जाधव को विश्व पैरा तैराकी के नियम 11.4.1 का पालन नहीं करने के लिए डिस्क्वालीफाई कर दिया गया, जिसके अनुसार, स्पर्धा की शुरुआत पर पहली ब्रेस्ट स्ट्रोक किक से पहले और प्रत्येक लैप पर मुड़ने के समय सिर्फ एक बटरफ्लाई किक की स्वीकृति होगी। हालांकि, पता चला कि जाधव ने लैप खत्म होने पर मुड़ने के बाद एक से अधिक 'फ्लाई किक' मारी।

इस स्पर्धा का स्वर्ण पदक कोलंबिया के सेरानो जराटे सीडी ने एक मिनट 12.01 सेकेंड के निजी सर्वश्रेष्ठ समय के साथ जीता। रजत पदक रूस पैरालंपिक समिति के इगोर इफ्रोसिनिना (एक मिनट 16.43 सेकेंड) और कांस्य पदक ऑस्ट्रेलिया के ब्लेक कोचरेन (एक मिनट 16.97 सेकेंड) ने जीता। जबकि सुयश जाधव सर्दी और गले में खराश के कारण अपनी पहली स्पर्धा 200 मीटर व्यक्तिगत मेडले एसएम7 में हिस्सा नहीं ले पाए थे।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. टोक्यो पैरालिंपिक के लिए क्वालिफाई करने वाले पहले तैराक बने सुयश जाधव (हिंदी) tv9hindi.com। अभिगमन तिथि: 01 सितम्बर, 2021।
  2. पैरा-एशियाई खेल 2018 (हिंदी) khaskhabar.com। अभिगमन तिथि: 01 सितम्बर, 2021।

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