Difference between revisions of "इतिहास सामान्य ज्ञान 534"

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-ये स्थान के [[बौद्ध धर्म]] से संबंधित हैं।
 
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+ये वे स्थान हैंं, जहाँ [[बौद्ध संगीति]] हुई थी।
 
+ये वे स्थान हैंं, जहाँ [[बौद्ध संगीति]] हुई थी।
||[[चित्र:Buddha-3.jpg|right|border|80px|बुद्ध]]बौद्ध संगीति का तात्पर्य उस 'संगोष्ठी' या 'सम्मेलन' या 'महासभा' से है, जो [[बुद्ध|महात्मा बुद्ध]] के परिनिर्वाण के अल्प समय के पश्चात् से ही उनके उपदेशों को संग्रहीत करने, उनका पाठ (वाचन) करने आदि के उद्देश्य से सम्बन्धित थी। इन संगीतियों को प्राय: 'धम्म संगीति' (धर्म संगीति) कहा जाता था। चतुर्थ और अंतिम [[बौद्ध संगीति]] [[कुषाण]] [[कनिष्क|सम्राट कनिष्क]] के शासनकाल (लगभग 120-144 ई.) में हुई। यह संगीति [[कश्मीर]] के '[[कुण्डलवन]]' में आयोजित की गई थी।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[बौद्ध संगीति]]
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||[[चित्र:Buddha-3.jpg|right|border|60px|बुद्ध]]बौद्ध संगीति का तात्पर्य उस 'संगोष्ठी' या 'सम्मेलन' या 'महासभा' से है, जो [[बुद्ध|महात्मा बुद्ध]] के परिनिर्वाण के अल्प समय के पश्चात् से ही उनके उपदेशों को संग्रहीत करने, उनका पाठ (वाचन) करने आदि के उद्देश्य से सम्बन्धित थी। इन संगीतियों को प्राय: 'धम्म संगीति' (धर्म संगीति) कहा जाता था। चतुर्थ और अंतिम [[बौद्ध संगीति]] [[कुषाण]] [[कनिष्क|सम्राट कनिष्क]] के शासनकाल (लगभग 120-144 ई.) में हुई। यह संगीति [[कश्मीर]] के '[[कुण्डलवन]]' में आयोजित की गई थी।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[बौद्ध संगीति]]
  
 
{'कबीरदास' के गुरु कौन थे?
 
{'कबीरदास' के गुरु कौन थे?
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+[[रामानन्द]]
 
+[[रामानन्द]]
 
-[[नामदेव]]
 
-[[नामदेव]]
||[[चित्र:Swami-Ramanand.jpg|right|border|80px|स्वामी रामानंद]]'स्वामी रामानंद' का जन्म 1299 ई. में [[प्रयाग]] में हुआ था। इनके विचारों पर गुरु राघवानंद के [[विशिष्टाद्वैत|विशिष्टाद्वैत मत]] का अधिक प्रभाव पड़ा। अपने मत के प्रचार के लिए इन्होंने [[भारत]] के विभिन्न तीर्थों की यात्रा कीं। द्वादश महाभागवत [[स्वामी रामानंद]] के मुख्य शिष्य माने गये हैं। इनके अतिरिक्त [[कबीर]], [[पीपा]], [[रैदास]] आदि परम 'विरागी' महापुरुष आचार्य के शिष्य हो गये हैं। आचार्य ने जिस रामानन्दीय सम्प्रदाय का प्रवर्तन किया, उसने हिन्दू-समुदाय की आपत्ति के समय रक्षा की।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[स्वामी रामानंद]]
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||[[चित्र:Swami-Ramanand.jpg|right|border|80px|स्वामी रामानंद]]'स्वामी रामानंद' का जन्म 1299 ई. में [[प्रयाग]] में हुआ था। इनके विचारों पर गुरु राघवानंद के [[विशिष्टाद्वैत|विशिष्टाद्वैत मत]] का अधिक प्रभाव पड़ा। अपने मत के प्रचार के लिए इन्होंने [[भारत]] के विभिन्न तीर्थों की यात्रा कीं। द्वादश महाभागवत [[स्वामी रामानंद]] के मुख्य शिष्य माने गये हैं। इनके अतिरिक्त [[कबीर]], पीपा, [[रैदास]] आदि परम 'विरागी' महापुरुष आचार्य के शिष्य हो गये हैं। आचार्य ने जिस रामानन्दीय सम्प्रदाय का प्रवर्तन किया, उसने हिन्दू-समुदाय की आपत्ति के समय रक्षा की।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[स्वामी रामानंद]]
  
 
{[[लंदन]] में ब्रिटिश [[ईस्ट इंडिया कम्पनी]] के गठन के समय [[भारत]] में कौन [[मुग़ल]] बादशाह था?
 
{[[लंदन]] में ब्रिटिश [[ईस्ट इंडिया कम्पनी]] के गठन के समय [[भारत]] में कौन [[मुग़ल]] बादशाह था?

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samany jnan prashnottari
rajyoan ke samany jnan


  1. REDIRECTsaancha:nilais vishay se sanbandhit lekh padhean:-
  2. REDIRECTsaancha:nila band itihas praangan, itihas kosh, aitihasik sthan kosh

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1 'tripitak' kis dharm ka granth hai?

jain
bauddh
sikkh
hindoo

2 rajagrih, vaishali aur pataliputr mean nimnalikhit mean kaun-si ek samanata hai?

sthaviravadiyoan ka pali dharmasootr vahaan sankalit hua tha.
ashok ke pramukh shilalekh vahaan pae ge.
ye sthan ke bauddh dharm se sanbandhit haian.
ye ve sthan haianan, jahaan bauddh sangiti huee thi.

3 'kabiradas' ke guru kaun the?

ramanuj
vallabhachary
ramanand
namadev

4 landan mean british eest iandiya kampani ke gathan ke samay bharat mean kaun mugal badashah tha?

akabar
jahaangir
shahajahaan
aurangazeb

5 kashmir mean kanishk ke shasanakal mean jo bauddh sangiti ayojit huee thi, usaki adhyakshata kisane ki thi?

parshv
nagarjun
shoodrak
vasumitr

panne par jaean
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