Difference between revisions of "जग मंदिर उदयपुर"

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
m (Text replace - "हौज " to "हौज़ ")
Line 2: Line 2:
 
'''जग मंदिर''' [[राजस्थान]] राज्य के [[उदयपुर]] शहर का मुख्य [[उदयपुर पर्यटन|पर्यटन स्थलों]] से एक है और इस शहर का सबसे आकर्षक स्थल माना जाता है। जगमंदिर के बाहर तालाब के किनारे पत्थर के [[हाथी|हाथियों]] की एक पंक्ति बनी हुई है। एक गुंबदाकार छत वाला महल जगमंदिर के मुख्य स्थान पर है, जिसे गोल महल कहते हैं। [[शाहजादा ख़ुर्रम]] ([[शाहजहाँ]]) अपने पिता [[जहाँगीर]] से विद्रोह कर कुछ समय के लिए यहीं गोल महल में रहा था। कुछ लोगों के अनुसार यह कहा गया है कि इस महल को [[महाराणा कर्णसिंह]] ने शाहजहाँ के लिए बनवाया था। लेकिन कुछ लोगों का यह मानना है कि जब [[शाहजादा ख़ुर्रम]] शाही फ़ौज का सेनापति बनकर उदयपुर में निवास कर रहा था तब इस महल का निर्माण करवाया गया था।
 
'''जग मंदिर''' [[राजस्थान]] राज्य के [[उदयपुर]] शहर का मुख्य [[उदयपुर पर्यटन|पर्यटन स्थलों]] से एक है और इस शहर का सबसे आकर्षक स्थल माना जाता है। जगमंदिर के बाहर तालाब के किनारे पत्थर के [[हाथी|हाथियों]] की एक पंक्ति बनी हुई है। एक गुंबदाकार छत वाला महल जगमंदिर के मुख्य स्थान पर है, जिसे गोल महल कहते हैं। [[शाहजादा ख़ुर्रम]] ([[शाहजहाँ]]) अपने पिता [[जहाँगीर]] से विद्रोह कर कुछ समय के लिए यहीं गोल महल में रहा था। कुछ लोगों के अनुसार यह कहा गया है कि इस महल को [[महाराणा कर्णसिंह]] ने शाहजहाँ के लिए बनवाया था। लेकिन कुछ लोगों का यह मानना है कि जब [[शाहजादा ख़ुर्रम]] शाही फ़ौज का सेनापति बनकर उदयपुर में निवास कर रहा था तब इस महल का निर्माण करवाया गया था।
 
;गोल महल  
 
;गोल महल  
गोल महल की [[वास्तुकला]] तथा निर्माण-योजना [[मेवाड़]] शैली से अलग है। [[आगरा]] के प्रसिद्ध [[ताजमहल]] की निर्माण शैली को कुछ विद्वान इस इमारत से ही प्रभावित मानते हैं। इसके गुम्बद में पत्थर की पच्चीकारी का काम है और महल के सामने एक विशाल चौक है, जिसके मध्य में एक बड़ा हौज बना हुआ है। महाराणा संग्रामसिंह द्वितीय ने बाद में अपने समय में इसमें कई दालान तथा अन्य हिस्सों का निर्माण करवाया था। एक बहुत बड़े बगीचे के निर्माण हो जाने से इस महल की ख़ूबसूरती और भी बढ़ गई है।
+
गोल महल की [[वास्तुकला]] तथा निर्माण-योजना [[मेवाड़]] शैली से अलग है। [[आगरा]] के प्रसिद्ध [[ताजमहल]] की निर्माण शैली को कुछ विद्वान इस इमारत से ही प्रभावित मानते हैं। इसके गुम्बद में पत्थर की पच्चीकारी का काम है और महल के सामने एक विशाल चौक है, जिसके मध्य में एक बड़ा हौज़ बना हुआ है। महाराणा संग्रामसिंह द्वितीय ने बाद में अपने समय में इसमें कई दालान तथा अन्य हिस्सों का निर्माण करवाया था। एक बहुत बड़े बगीचे के निर्माण हो जाने से इस महल की ख़ूबसूरती और भी बढ़ गई है।
  
 
गोल महल के पूर्व में संगमरमर की केवल बारह बड़ी-बड़ी शिलाओं से बना हुआ एक महल है। इसी महल में महाराणा [[स्वरुप सिंह]] ने सन् 1857 में हुए सिपाही विद्रोह के समय नीमच के कई अंग्रेज़ अफ़सरों को रहने के लिए आश्रय दिया था।
 
गोल महल के पूर्व में संगमरमर की केवल बारह बड़ी-बड़ी शिलाओं से बना हुआ एक महल है। इसी महल में महाराणा [[स्वरुप सिंह]] ने सन् 1857 में हुए सिपाही विद्रोह के समय नीमच के कई अंग्रेज़ अफ़सरों को रहने के लिए आश्रय दिया था।

Revision as of 14:18, 31 July 2014

[[chitr:Jag-Mandir-Palace.jpg|thumb|250px|jag mandir pailes, udayapur]] jag mandir rajasthan rajy ke udayapur shahar ka mukhy paryatan sthaloan se ek hai aur is shahar ka sabase akarshak sthal mana jata hai. jagamandir ke bahar talab ke kinare patthar ke hathiyoan ki ek pankti bani huee hai. ek guanbadakar chhat vala mahal jagamandir ke mukhy sthan par hai, jise gol mahal kahate haian. shahajada khurram (shahajahaan) apane pita jahaangir se vidroh kar kuchh samay ke lie yahian gol mahal mean raha tha. kuchh logoan ke anusar yah kaha gaya hai ki is mahal ko maharana karnasianh ne shahajahaan ke lie banavaya tha. lekin kuchh logoan ka yah manana hai ki jab shahajada khurram shahi fauj ka senapati banakar udayapur mean nivas kar raha tha tab is mahal ka nirman karavaya gaya tha.

gol mahal

gol mahal ki vastukala tatha nirman-yojana meva d shaili se alag hai. agara ke prasiddh tajamahal ki nirman shaili ko kuchh vidvan is imarat se hi prabhavit manate haian. isake gumbad mean patthar ki pachchikari ka kam hai aur mahal ke samane ek vishal chauk hai, jisake madhy mean ek b da hauz bana hua hai. maharana sangramasianh dvitiy ne bad mean apane samay mean isamean kee dalan tatha any hissoan ka nirman karavaya tha. ek bahut b de bagiche ke nirman ho jane se is mahal ki khoobasoorati aur bhi badh gee hai.

gol mahal ke poorv mean sangamaramar ki keval barah b di-b di shilaoan se bana hua ek mahal hai. isi mahal mean maharana svarup sianh ne sanh 1857 mean hue sipahi vidroh ke samay nimach ke kee aangrez afasaroan ko rahane ke lie ashray diya tha.


panne ki pragati avastha
adhar
prarambhik
madhyamik
poornata
shodh

vithika

sanbandhit lekh