Difference between revisions of "त्रिपुरा पहाड़ियाँ"

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*त्रिपुरा पहाड़ियाँ पूर्वी [[त्रिपुरा]] राज्य के पूर्वोत्तर [[भारत]] में स्थित है।  
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'''त्रिपुरा पहाड़ियाँ''' पूर्वी [[त्रिपुरा]] राज्य के पूर्वोत्तर [[भारत]] में स्थित है। [[मिज़ोरम]] राज्य की मिज़ो पहाड़ियों के रास्ते में पड़ने वाली त्रिपुरा पहाड़ियाँ पूर्वाचल के पश्चिमी निचले विस्तार का निर्माण करती हैं, जो [[म्यांमार]] तक विस्तृत अस्थिर भूकंपीय क्षेत्र है।  
*[[मिज़ोरम]] राज्य की मिज़ो पहाड़ियों के रास्ते में पड़ने वाली त्रिपुरा पहाड़ियाँ पूर्वाचल के पश्चिमी निचले विस्तार का निर्माण करती हैं, जो [[म्यांमार]] तक विस्तृत अस्थिर भूकंपीय क्षेत्र है।  
 
 
*यह उत्तर-दक्षिण समानांतर वलयित पहाड़ियों की श्रृंखला है, जिनकी ऊंचाई दक्षिण की ओर पूर्वी मैदानों में मिलने तक घटती जाती है। पूर्व की ओर पहाड़ियों की हर दूसरी श्रेणी अपने से पहले वाली श्रेणी से ज़्यादा ऊंची है।  
 
*यह उत्तर-दक्षिण समानांतर वलयित पहाड़ियों की श्रृंखला है, जिनकी ऊंचाई दक्षिण की ओर पूर्वी मैदानों में मिलने तक घटती जाती है। पूर्व की ओर पहाड़ियों की हर दूसरी श्रेणी अपने से पहले वाली श्रेणी से ज़्यादा ऊंची है।  
 
*देवतामुरा के बाद क्रमशः आर्थरमुरा, लंगतराई और सारवां त्लंग श्रेणियां आती हैं। जामराइ त्लंग पर्वत 74 किमी लंबा है और इसकी उच्चतम चोटी बेतलिंग त्लंग (1, 000 मीटर) है।  
 
*देवतामुरा के बाद क्रमशः आर्थरमुरा, लंगतराई और सारवां त्लंग श्रेणियां आती हैं। जामराइ त्लंग पर्वत 74 किमी लंबा है और इसकी उच्चतम चोटी बेतलिंग त्लंग (1, 000 मीटर) है।  
 
*त्रिपुरा पहाड़ियों में, जो कभी सघन वनों से ढकी हुई थीं। अब सिर्फ़ छोटे-छोटे मृदा खंड हैं, जहाँ की विरल जनसंख्या झूम खेती (काटकर और जलाकर ज़मीन साफ़ करके खेती करने खेती करने की पद्धति) का प्रयोग करती है।  
 
*त्रिपुरा पहाड़ियों में, जो कभी सघन वनों से ढकी हुई थीं। अब सिर्फ़ छोटे-छोटे मृदा खंड हैं, जहाँ की विरल जनसंख्या झूम खेती (काटकर और जलाकर ज़मीन साफ़ करके खेती करने खेती करने की पद्धति) का प्रयोग करती है।  
 
*धुलाई, खोवाई, जुरि और देव नदियों का उद्गम त्रिपुरा पहाड़ियों में हुआ है। ये घाटियों के आर-पार बहती हैं। अन्य छोटी धाराएं शीतकाल में शुष्क रहती हैं। यहाँ की मिट्टी सामान्यतः मोटी रेतीली दोमट है, जो लगभग अनुपजाऊ है।  
 
*धुलाई, खोवाई, जुरि और देव नदियों का उद्गम त्रिपुरा पहाड़ियों में हुआ है। ये घाटियों के आर-पार बहती हैं। अन्य छोटी धाराएं शीतकाल में शुष्क रहती हैं। यहाँ की मिट्टी सामान्यतः मोटी रेतीली दोमट है, जो लगभग अनुपजाऊ है।  
*जनसंख्या में प्राचीन त्रिपुरी, देशी त्रिपुरी, रियांग, जमातिया, बोड़ो, कुकी और नोआतिया जनजातियाँ शामिल हैं। क्षेत्र का प्रमुख पेशा कृषि है। फ़सलों में चावल, जूट, कपास, तिलहन, [[आलू]], गन्ना और [[भारत के फल|फल]] शामिल हैं।  
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*जनसंख्या में प्राचीन त्रिपुरी, देशी त्रिपुरी, रियांग, जमातिया, बोड़ो, कुकी और नोआतिया जनजातियाँ शामिल हैं। क्षेत्र का प्रमुख पेशा कृषि है। फ़सलों में चावल, [[जूट]], कपास, तिलहन, [[आलू]], गन्ना और [[भारत के फल|फल]] शामिल हैं।  
 
*उद्योगों से वस्त्र, बेंत और बांस के उत्पाद, अनुकूलित लकड़ियों के उत्पादन के साथ-साथ बढ़ईगिरी, लुहारगिरी और कढ़ाई का कार्य महत्त्वपूर्ण है। धर्मनगर और कैलाशहर यहाँ के महत्त्वपूर्ण शहर हैं।   
 
*उद्योगों से वस्त्र, बेंत और बांस के उत्पाद, अनुकूलित लकड़ियों के उत्पादन के साथ-साथ बढ़ईगिरी, लुहारगिरी और कढ़ाई का कार्य महत्त्वपूर्ण है। धर्मनगर और कैलाशहर यहाँ के महत्त्वपूर्ण शहर हैं।   
  
 
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Latest revision as of 11:04, 9 February 2021

tripura paha diyaan poorvi tripura rajy ke poorvottar bharat mean sthit hai. mizoram rajy ki mizo paha diyoan ke raste mean p dane vali tripura paha diyaan poorvachal ke pashchimi nichale vistar ka nirman karati haian, jo myaanmar tak vistrit asthir bhookanpiy kshetr hai.

  • yah uttar-dakshin samanaantar valayit paha diyoan ki shrriankhala hai, jinaki ooanchaee dakshin ki or poorvi maidanoan mean milane tak ghatati jati hai. poorv ki or paha diyoan ki har doosari shreni apane se pahale vali shreni se zyada ooanchi hai.
  • devatamura ke bad kramashah artharamura, langataraee aur saravaan tlang shreniyaan ati haian. jamarai tlang parvat 74 kimi lanba hai aur isaki uchchatam choti betaliang tlang (1, 000 mitar) hai.
  • tripura paha diyoan mean, jo kabhi saghan vanoan se dhaki huee thian. ab sirf chhote-chhote mrida khand haian, jahaan ki viral janasankhya jhoom kheti (katakar aur jalakar zamin saf karake kheti karane kheti karane ki paddhati) ka prayog karati hai.
  • dhulaee, khovaee, juri aur dev nadiyoan ka udgam tripura paha diyoan mean hua hai. ye ghatiyoan ke ar-par bahati haian. any chhoti dharaean shitakal mean shushk rahati haian. yahaan ki mitti samanyatah moti retili domat hai, jo lagabhag anupajaoo hai.
  • janasankhya mean prachin tripuri, deshi tripuri, riyaang, jamatiya, bo do, kuki aur noatiya janajatiyaan shamil haian. kshetr ka pramukh pesha krishi hai. fasaloan mean chaval, joot, kapas, tilahan, aloo, ganna aur phal shamil haian.
  • udyogoan se vastr, beant aur baans ke utpad, anukoolit lak diyoan ke utpadan ke sath-sath badheegiri, luharagiri aur kadhaee ka kary mahattvapoorn hai. dharmanagar aur kailashahar yahaan ke mahattvapoorn shahar haian.

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panne ki pragati avastha
adhar
prarambhik
madhyamik
poornata
shodh

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tika tippani aur sandarbh

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