Difference between revisions of "अल्प ख़ाँ (दिलावर ख़ाँ ग़ोरी पुत्र)"

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'''अल्प ख़ाँ''' [[मालवा]] के सुल्तान 'दिलावर ख़ाँ ग़ोरी' का बेटा और उसका उत्तराधिकारी था। भाग्य ने उसका साथ बहुत ही कम दिया था, क्योंकि उसने जितने भी युद्ध लड़े, उनमें से अधिकांश युद्धों में उसे पराजय का ही सामना करना पड़ा।
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'''अल्प ख़ाँ''' [[मालवा]] के सुल्तान 'दिलावर ख़ाँ ग़ोरी' का बेटा और उसका उत्तराधिकारी था। [[पिता]] की मृत्यु के बाद अल्प ख़ाँ 'हुशंगशाह' की उपाधि धारण कर गद्दी पर बैठा। भाग्य ने उसका साथ बहुत ही कम दिया था, क्योंकि उसने जितने भी युद्ध लड़े, उनमें से अधिकांश युद्धों में उसे पराजय का ही सामना करना पड़ा।
  
*दिलावर ख़ाँ ग़ोरी ने 1401 ई. में मालवा में अपना राज्य स्थापित किया था।
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*दिलावर ख़ाँ ग़ोरी ने 1401 ई. में [[मालवा]] में अपना राज्य स्थापित किया था। उसकी मृत्यु के बाद उसके पुत्र अल्प ख़ाँ ने राजगद्दी प्राप्त की।
*उसकी मृत्यु के बाद उसके पुत्र अल्प ख़ाँ ने राजगद्दी प्राप्त की थी।
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*गद्दी पर बैठने के बाद अल्प ख़ाँ ने 'हुशंगशाह' की उपाधि धारण की और सत्ता सम्भाल ली।
*गद्दी पर बैठने के बाद अल्प ख़ाँ ने 'हुरांगशाह' की उपाधि धारण की।
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*अल्प ख़ाँ ने 1435 ई. में अपनी मृत्यु तक मालवा पर राज्य किया।
*उसने 1435 ई. में अपनी मृत्यु तक [[मालवा]] पर राज्य किया।
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*जोख़िम उठाने, दुष्कर कार्य करने और युद्ध करने में अल्प ख़ाँ को बड़ा आनन्द मिलता था।
*अल्प ख़ाँ को जोख़िम उठाने और युद्ध करने में बड़ा आनन्द मिलता था।
 
 
*[[दिल्ली]], [[जौनपुर]], [[गुजरात]] के सुल्तानों और [[बहमनी वंश|बहमनी]] सुल्तान [[अहमदशाह बहमनी|अहमदशाह]] से उसने युद्ध किये, लेकिन अधिकांश युद्धों में उसे विफलता ही हाथ लगी।
 
*[[दिल्ली]], [[जौनपुर]], [[गुजरात]] के सुल्तानों और [[बहमनी वंश|बहमनी]] सुल्तान [[अहमदशाह बहमनी|अहमदशाह]] से उसने युद्ध किये, लेकिन अधिकांश युद्धों में उसे विफलता ही हाथ लगी।
  
 
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Revision as of 11:02, 20 March 2014

alp khaan malava ke sultan 'dilavar khaan gori' ka beta aur usaka uttaradhikari tha. pita ki mrityu ke bad alp khaan 'hushangashah' ki upadhi dharan kar gaddi par baitha. bhagy ne usaka sath bahut hi kam diya tha, kyoanki usane jitane bhi yuddh l de, unamean se adhikaansh yuddhoan mean use parajay ka hi samana karana p da.

  • dilavar khaan gori ne 1401 ee. mean malava mean apana rajy sthapit kiya tha. usaki mrityu ke bad usake putr alp khaan ne rajagaddi prapt ki.
  • gaddi par baithane ke bad alp khaan ne 'hushangashah' ki upadhi dharan ki aur satta sambhal li.
  • alp khaan ne 1435 ee. mean apani mrityu tak malava par rajy kiya.
  • jokhim uthane, dushkar kary karane aur yuddh karane mean alp khaan ko b da anand milata tha.
  • dilli, jaunapur, gujarat ke sultanoan aur bahamani sultan ahamadashah se usane yuddh kiye, lekin adhikaansh yuddhoan mean use viphalata hi hath lagi.


panne ki pragati avastha
adhar
prarambhik
madhyamik
poornata
shodh

tika tippani aur sandarbh

bharatiy itihas kosh |lekhak: sachchidanand bhattachary |prakashak: uttar pradesh hindi sansthan |prishth sankhya: 18 |


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