आँखें फेरना
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आँखें फेरना एक प्रचलित लोकोक्ति अथवा हिन्दी मुहावरा है।
अर्थ- किसी से स्नेहपूर्ण या मधुर संबंध खत्म करना।
प्रयोग-
- उन्हें क्या ख़बर कि चौधरी आज आँखें बदल लें तो यह सारी ईद मुहर्रम हो जाए। - (प्रेमचंद)
- एक बार उन आँखों से आँखें चार होने पर कोई भी सहज में आँखें फेर नहीं सकता था। - (शिवानी)
टीका टिप्पणी और संदर्भ
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