एरछ
मुग़ल काल में इस स्थान पर एक दुर्ग था यहाँ वीर छत्रसाल के पिता चंपतराय ने औरंगजेब के ज़माने में मुग़ल सेनाओं से युद्ध करते हुए अपने ठहरने के लिए स्थान बनाया था।[1]
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ऐतिहासिक स्थानावली | पृष्ठ संख्या= 111| विजयेन्द्र कुमार माथुर | वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग | मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार
- ↑ देखें बुंदेलखण्ड का संक्षिप्त इतिहास- गोरेलाल पुरोहित-पृ. 160