सर जॉन लारेन्स

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search

thumb|200px|सर जॉन लारेन्स

  • लॉर्ड एलगिन प्रथम की मृत्यु के बाद सर जॉन लारेन्स भारत का वायसराय बनकर आया।
  • भारत में इसका कार्यकाल 1863 ई. से 1869 ई. तक रहा।
  • इसके समय में भूटान का महत्त्वपूर्ण युद्ध हुआ था।
  • 1865 ई. में भूटानियो ने ब्रिटिश साम्राज्य पर आक्रमण कर दिया, अन्ततः दोनों पक्षों में समझौता हुआ।
  • अंग्रेज़ों ने भूटानियों को 5000 रु. की वार्षिक सहायता का वचन दिया और इसके बदलें में उन्हें 18 पहाड़ी दर्रों पर अधिकार मिला।
  • अफ़गानिस्तान के सन्दर्भ में सर जॉन लारेन्स ने कुशलता, अकर्मण्यता या 'अहस्तक्षेप' की नीति का पालन किया और तत्कालीन शासक शेरअली से दोस्ती कर ली।
  • प्रसंगतः उल्लेखनीय है कि, कुशल अकर्मण्यता शब्द का सर्वप्रथम उल्लेख जे.डब्ल्यू.एस. वाईली ने एक लेख में किया था।
  • सर जॉन लारेन्स के समय में उड़ीसा में 1866 ई. तथा बुन्देलखण्ड एवं राजपूताना में 1868-1869 ई. में भीषण अकाल पड़ा था।
  • लारेन्स ने सर जॉर्ज कैम्पवेल के नेतृत्व में एक 'अकाल आयोग' का गठन किया।
  • 1865 ई. में उसके द्वारा भारतयूरोप के बीच प्रथम 'समुदी टेलीग्राफ़' सेवा शुरू की गई।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः