श्रीनाथजी मन्दिर मथुरा: Difference between revisions
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[[मथुरा]] के मानिक चौक में स्थित यह छोटा मन्दिर [[कला]] की दृष्टि से अति महत्त्वपूर्ण है । इसमें पाषाण की संगतराशी का सुन्दर काम हुआ है । इसके कलापूर्ण जाली झरोखे और उन पर बनी पिचकारी लिए गोपियों की मूर्तियां, छज्जों के नीचे विविध अवतारों की आकृतियां तथा भीतरी भाग में संगमरमर की रंगीन पच्चीकारी का काम वास्तुकला का सुन्दर नमुना बना देता है । मन्दिर के ऊपरी भाग में ज्योतिष विद्या के [[यंत्र]] भी है । मंन्दिर में श्रीनाथ जी का विग्रह हैं, जिसमें सेवा–पूजा [[वल्लभ संप्रदाय]] के अनुसार होती है । | |||
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Latest revision as of 06:53, 14 June 2011
मथुरा के मानिक चौक में स्थित यह छोटा मन्दिर कला की दृष्टि से अति महत्त्वपूर्ण है । इसमें पाषाण की संगतराशी का सुन्दर काम हुआ है । इसके कलापूर्ण जाली झरोखे और उन पर बनी पिचकारी लिए गोपियों की मूर्तियां, छज्जों के नीचे विविध अवतारों की आकृतियां तथा भीतरी भाग में संगमरमर की रंगीन पच्चीकारी का काम वास्तुकला का सुन्दर नमुना बना देता है । मन्दिर के ऊपरी भाग में ज्योतिष विद्या के यंत्र भी है । मंन्दिर में श्रीनाथ जी का विग्रह हैं, जिसमें सेवा–पूजा वल्लभ संप्रदाय के अनुसार होती है ।