बराकर नदी: Difference between revisions
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*अन्य पठारी नदियों की तरह यह भी बरसाती नदी है, जिसमें वर्षा के मौसम में तेज़ जलधारा का बहाव होता है, लेकिन बाद में पानी का अभाव हो जाता है। | *अन्य पठारी नदियों की तरह यह भी बरसाती नदी है, जिसमें वर्षा के मौसम में तेज़ जलधारा का बहाव होता है, लेकिन बाद में पानी का अभाव हो जाता है। | ||
*इस नदी का धार्मिक | *इस नदी का धार्मिक महत्त्व भी है। | ||
*इस नदी का उल्लेख बौद्ध एवं जैन धार्मिक ग्रन्थों में हुआ है। गिरिडीह के नज़दीक इस नदी के तट पर बराकर नामक स्थान है, जहाँ जैन मन्दिर है। मैथन के पास बराकर नदी के तट पर कल्याणेश्वरी नामक देवी मन्दिर है। दामोदर घाटी परियोजना के अन्तर्गत बराकर नदी पर बाँध निर्माण कर एक जलाशय का निर्माण किया गया है, जो मैथन डैम के नाम से प्रसिद्ध है। इस डैम से जल-विद्युत का उत्पादन किया जाता है। | *इस नदी का उल्लेख [[बौद्ध]] एवं [[जैन]] धार्मिक ग्रन्थों में हुआ है। | ||
*[[गिरिडीह]] के नज़दीक इस नदी के तट पर बराकर नामक स्थान है, जहाँ जैन मन्दिर है। | |||
*मैथन के पास बराकर नदी के तट पर कल्याणेश्वरी नामक देवी मन्दिर है। | |||
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- छोटा नागपुर की पहाड़ियों से निकलकर यह नदी हज़ारीबाग़ और गिरिडीह, धनबाद ज़िले से होकर पश्चिम बंगाल की सीमा में प्रवेश करती है।
- आगे चलकर यह दामोदर में मिल जाती है।
- अन्य पठारी नदियों की तरह यह भी बरसाती नदी है, जिसमें वर्षा के मौसम में तेज़ जलधारा का बहाव होता है, लेकिन बाद में पानी का अभाव हो जाता है।
- इस नदी का धार्मिक महत्त्व भी है।
- इस नदी का उल्लेख बौद्ध एवं जैन धार्मिक ग्रन्थों में हुआ है।
- गिरिडीह के नज़दीक इस नदी के तट पर बराकर नामक स्थान है, जहाँ जैन मन्दिर है।
- मैथन के पास बराकर नदी के तट पर कल्याणेश्वरी नामक देवी मन्दिर है।
- दामोदर घाटी परियोजना के अन्तर्गत बराकर नदी पर बाँध निर्माण कर एक जलाशय का निर्माण किया गया है, जो मैथन डैम के नाम से प्रसिद्ध है।
- इस डैम से जल-विद्युत का उत्पादन किया जाता है।
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