जयचामराजेन्द्र संग्रहालय तथा कला दीर्घा: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
m (Text replace - " खास " to " ख़ास ")
 
(2 intermediate revisions by 2 users not shown)
Line 9: Line 9:
|भौगोलिक स्थिति=
|भौगोलिक स्थिति=
|मार्ग स्थिति=
|मार्ग स्थिति=
|प्रसिद्धि=संग्रहालय में वाडेयार राजघराने के सदस्यों द्वारा बनाई गई चित्रकारी का एक बड़ा खजाना है।  
|प्रसिद्धि=संग्रहालय में वाडेयार राजघराने के सदस्यों द्वारा बनाई गई चित्रकारी का एक बड़ा ख़ज़ाना है।  
|मानचित्र लिंक=
|मानचित्र लिंक=[http://maps.google.co.in/maps?saddr=Bangalore,+Karnataka&daddr=Sri+Jayachamarajendra+Art+Gallery,+Chamrajpura,+Mysore,+Karnataka&hl=en&ll=12.589413,77.277832&spn=1.36436,2.705383&sll=12.306697,76.650863&sspn=0.042684,0.084543&geocode=FU_uxQAdw_-fBCltTrTJcBauOzHgT35R6MPf-A%3BFQnJuwAdb5mRBCHMXwAip0Q69Slt-fVhDnCvOzHMXwAip0Q69Q&oq=ban&mra=ls&t=m&z=9 गूगल मानचित्र]
|संबंधित लेख=
|संबंधित लेख=
|शीर्षक 1=
|शीर्षक 1=
Line 22: Line 22:
'''जयचामराजेन्द्र संग्रहालय तथा कला दीर्घा''' [[कर्नाटक]] राज्य के [[मैसूर]] के जगमोहन महल में स्थित है जो कि आम जनता के लिए वर्ष [[1955]] में खोला गया था।  
'''जयचामराजेन्द्र संग्रहालय तथा कला दीर्घा''' [[कर्नाटक]] राज्य के [[मैसूर]] के जगमोहन महल में स्थित है जो कि आम जनता के लिए वर्ष [[1955]] में खोला गया था।  
* इस संग्रहालय को तत्कालीन वाडेयार शासक जयचामराज वाडेयार ने ही जनता को समर्पित किया था।  
* इस संग्रहालय को तत्कालीन वाडेयार शासक जयचामराज वाडेयार ने ही जनता को समर्पित किया था।  
* इसमें ऐतिहासिक धरोहरों का बड़ा खजाना मौजूद है जो [[मैसूर का इतिहास|मैसूर के इतिहास]] के साथ ही शहर की सभ्यता-संस्कृति की पहचान बन चुका है।  
* इसमें ऐतिहासिक धरोहरों का बड़ा ख़ज़ाना मौजूद है जो [[मैसूर का इतिहास|मैसूर के इतिहास]] के साथ ही शहर की सभ्यता-संस्कृति की पहचान बन चुका है।  
* इस संग्रहालय का दौरा करने वालों को मैसूर के साथ ही दुनिया के कई देशों से लाकर रखी गई खास चीजें आकर्षित करती हैं। इनमें [[फ़्रांस]] से लाई गई संगीतमय 'घड़ी कलेंडर' प्रमुख है। इसमें लोगों को दिनांक तथा समय अलग-अलग पैनलों पर दिखता है और साथ ही [[संगीत]] का भी आनंद मिलता है। माना जाता है कि यह 'घड़ी कलेंडर' पूरे देश में एक ही है।  
* इस संग्रहालय का दौरा करने वालों को मैसूर के साथ ही दुनिया के कई देशों से लाकर रखी गई ख़ास चीजें आकर्षित करती हैं। इनमें [[फ़्रांस]] से लाई गई संगीतमय 'घड़ी कलेंडर' प्रमुख है। इसमें लोगों को दिनांक तथा समय अलग-अलग पैनलों पर दिखता है और साथ ही [[संगीत]] का भी आनंद मिलता है। माना जाता है कि यह 'घड़ी कलेंडर' पूरे देश में एक ही है।  
* संग्रहालय में वाडेयार राजघराने के सदस्यों द्वारा बनाई गई चित्रकारी का एक बड़ा खजाना है। इसमें वाडेयार शासकों द्वारा समय-समय पर प्रचलित सिक्कों तथा उनके द्वारा प्रयोग में लाए जाने वाले परिधानों का भी अच्छा संकलन है।  
* संग्रहालय में वाडेयार राजघराने के सदस्यों द्वारा बनाई गई चित्रकारी का एक बड़ा ख़ज़ाना है। इसमें वाडेयार शासकों द्वारा समय-समय पर प्रचलित सिक्कों तथा उनके द्वारा प्रयोग में लाए जाने वाले परिधानों का भी अच्छा संकलन है।  
* इस संग्रहालय भवन को देखकर भी वाडेयार राजघराने के शासकों के रुतबे का अंदाजा लगाया जा सकता है।<ref>{{cite web |url=http://dakshinbharatrashtramat.blogspot.in/2009/08/blog-post_31.html |title=संग्रहालयों का भी शहर है मैसूर |accessmonthday=1 जनवरी |accessyear=2013 |last= |first= |authorlink= |format=एच.टी.एम.एल |publisher= दक्षिण भारत राष्ट्रमत|language=हिंदी }} </ref>
* इस संग्रहालय भवन को देखकर भी वाडेयार राजघराने के शासकों के रुतबे का अंदाजा लगाया जा सकता है।<ref>{{cite web |url=http://dakshinbharatrashtramat.blogspot.in/2009/08/blog-post_31.html |title=संग्रहालयों का भी शहर है मैसूर |accessmonthday=1 जनवरी |accessyear=2013 |last= |first= |authorlink= |format=एच.टी.एम.एल |publisher= दक्षिण भारत राष्ट्रमत|language=हिंदी }} </ref>



Latest revision as of 10:35, 14 May 2013

जयचामराजेन्द्र संग्रहालय तथा कला दीर्घा
विवरण यह संग्रहालय जगमोहन महल में स्थित है जो आम जनता के लिए वर्ष 1955 में खोला गया था।
राज्य कर्नाटक
नगर मैसूर
प्रसिद्धि संग्रहालय में वाडेयार राजघराने के सदस्यों द्वारा बनाई गई चित्रकारी का एक बड़ा ख़ज़ाना है।
चित्र:Map-icon.gif गूगल मानचित्र

जयचामराजेन्द्र संग्रहालय तथा कला दीर्घा कर्नाटक राज्य के मैसूर के जगमोहन महल में स्थित है जो कि आम जनता के लिए वर्ष 1955 में खोला गया था।

  • इस संग्रहालय को तत्कालीन वाडेयार शासक जयचामराज वाडेयार ने ही जनता को समर्पित किया था।
  • इसमें ऐतिहासिक धरोहरों का बड़ा ख़ज़ाना मौजूद है जो मैसूर के इतिहास के साथ ही शहर की सभ्यता-संस्कृति की पहचान बन चुका है।
  • इस संग्रहालय का दौरा करने वालों को मैसूर के साथ ही दुनिया के कई देशों से लाकर रखी गई ख़ास चीजें आकर्षित करती हैं। इनमें फ़्रांस से लाई गई संगीतमय 'घड़ी कलेंडर' प्रमुख है। इसमें लोगों को दिनांक तथा समय अलग-अलग पैनलों पर दिखता है और साथ ही संगीत का भी आनंद मिलता है। माना जाता है कि यह 'घड़ी कलेंडर' पूरे देश में एक ही है।
  • संग्रहालय में वाडेयार राजघराने के सदस्यों द्वारा बनाई गई चित्रकारी का एक बड़ा ख़ज़ाना है। इसमें वाडेयार शासकों द्वारा समय-समय पर प्रचलित सिक्कों तथा उनके द्वारा प्रयोग में लाए जाने वाले परिधानों का भी अच्छा संकलन है।
  • इस संग्रहालय भवन को देखकर भी वाडेयार राजघराने के शासकों के रुतबे का अंदाजा लगाया जा सकता है।[1]



पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. संग्रहालयों का भी शहर है मैसूर (हिंदी) (एच.टी.एम.एल) दक्षिण भारत राष्ट्रमत। अभिगमन तिथि: 1 जनवरी, 2013।

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख